कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मोदी को दिया लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव
लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ाये जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के दौरान प्रधानमंत्री और कुछ मुख्यमंत्रियों ने मास्क पहना हुआ था।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं आप सभी के संपर्क में हूं। अगर कोई ज़रूरी बात है, तो हम फ़ोन पर बात कर सकते हैं। मैं आपके लिये 24x7 उपलब्ध हूं।’
बातचीत के दौरान दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से कहा कि वह कोरोना वायरस के इलाज के लिये राज्यों को धन उपलब्ध कराये।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि ताज़ा हालात प्रतिबंधों को हटाये जाने के लिये सही नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन को लेकर फ़ैसला राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए न कि राज्यों के स्तर पर, वरना लॉकडाउन का मतलब ही ख़त्म हो जायेगा।
इस बीच उड़ीसा सरकार 30 अप्रैल तक लॉकडाउन को बढ़ाने का एलान कर चुकी है। कर्नाटक ने भी लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाये जाने का समर्थन किया है। पंजाब ने लॉकडाउन को 1 मई तक के लिये बढ़ा दिया है। ऐसे में माना यह जा रहा है कि केंद्र सरकार भी लॉकडाउन को बढ़ाएगी।
हालांकि 8 अप्रैल को सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये हुई बातचीत में मोदी लॉकडाउन को बढ़ाये जाने का स्पष्ट संकेत दे चुके हैं। वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने लॉकडाउन को बढ़ाये जाने पर सहमति जताई थी।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा था कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन को खोलना संभव नहीं होगा क्योंकि बीते दिनों में इस वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कोरोना संकट से पहले का जीवन और बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा। मोदी ने कहा था कि कोरोना संकट के बाद के जीवन में कई बड़े व्यावहारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत बदलाव आयेंगे।
भारत में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं और यह आंकड़ा 7500 के क़रीब जा पहुंचा है जबकि 239 लोगों की जान इस वायरस ने ले ली है। दुनिया भर में 17 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और मौतों का आंकड़ा भी 1 लाख 2 हज़ार से ज़्यादा हो गया है।