सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते वक़्त रो पड़े प्रधानमंत्री मोदी
सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुँचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफ़ी भावुक हो गए और श्रद्धांजलि देते समय वह रो पड़े। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुषमा स्वराज को उनके घर पर पहुँचकर श्रद्धांजलि दी। कुछ देर बाद ही पहुँचे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सुषमा के पार्थिव शरीर को शांत खड़े निहारते रहे। कांग्रेस नेता राहुला गाँधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी, गृह मंत्री अमित शाह ने भी श्रद्धांजलि दी। इससे पहले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुँचे। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, बीजेपी के कार्यकारी प्रमुख जेपी नड्डा सहित कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव सुषमा के पति स्वराज से मिलते वक़्त वह अपने आँसू नहीं रोक पाए।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays last respects to former External Affairs Minister and BJP leader #SushmaSwaraj. pic.twitter.com/wlvu0mlmon
— ANI (@ANI) August 7, 2019
बता दें कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ़ मेडिकल साइन्स यानी एम्स में अंतिम साँस ली। सुषमा काफ़ी दिनों से बीमार चल रही थीं। ख़बरों के मुताबिक़, हार्ट अटैक आने के बाद सुषमा को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे उनका शव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय लाया जाएगा और दोपहर 12 से 3 बजे तक उनका शव अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि दोपहर 3 बजे लोदी रोड स्थित क्रीमेटोरियम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य की वजहों से पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। वह अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थीं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी थीं। वह जय प्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से भी जुड़ी थीं।
सुषमा स्वराज 1977 में सिर्फ़ 25 साल की उम्र में हरियाणा विधानसभा की सदस्य चुनी गई थीं और राज्य सरकार में मंत्री बनीं। उन्होंने जनता पार्टी की हरियाणा ईकाई के अध्यक्ष का पदभार भी संभाला था। उन्हें यह ज़िम्मेदारी दी गई, तब वह सिर्फ़ 27 साल की थीं। बाद में वह केंद्र की राजनीति में आईं और 7 बार लोकसभा सदस्य चुनी गईं। वह दिल्ली की मुख्यमंत्री भी बनी थीं। वह राज्यसभा की सदस्य भी चुनी गई थीं।