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मीडिया घरानों पर छापे डराने-धमकाने की कार्रवाई: प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया

मीडिया घरानों पर छापे डराने-धमकाने की कार्रवाई: प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया

अख़बार दैनिक भास्कर और न्यूज़ चैनल भारत समाचार के दफ़्तरों और उनसे जुड़े लोगों के घरों पर छापे की प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने निंदा की है। इसने इसे डराने-धमकाने वाली कार्रवाई क़रार दिया है। 

अख़बार दैनिक भास्कर और न्यूज़ चैनल भारत समाचार के दफ़्तरों और उनसे जुड़े लोगों के घरों पर छापे की प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने निंदा की है। इसने इसे डराने-धमकाने वाली कार्रवाई क़रार दिया है। देश के ख्यात पत्रकारों ने भी छापेमारी को सच को दबाने का प्रयास बताया है।

प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, 'प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया स्वतंत्र मीडिया को समाज की सेवा करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से डराने-धमकाने की ऐसी कार्रवाई की निंदा करता है।'

गुरुवार सुबह ही ख़बर आई कि मध्य प्रदेश सहित तीन राज्यों में दैनिक भास्कर के 40 ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा छापेमारी की गई। भोपाल के अरेरा कॉलोनी में रहने वाले अख़बार के मालिक सुधीर अग्रवाल के घर पर भी छापेमारी की कार्रवाई हुई। बाद में ऐसी ही ख़बर यूपी के भारत समाचार चैनल और इसके मुख्य संपादक ब्रजेश मिश्रा के ख़िलाफ़ आयकर छापे की आई। 

इस कार्रवाई के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जानी-मानी पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने लिखा, 'ब्रजेश मिश्रा और दैनिक भास्कर को और ताक़त मिले। सिर्फ़ मीडिया का काम करने के लिए मोदी सरकार ने उनके ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई की शुरुआत की है।'

वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम ने एक ऑडियो के वायरल होने की ख़बर का हवाला देते हुए लिखा है कि जिस दिन दैनिक भास्कर ने वह ख़बर छापी थी उसी दिन साफ़ हो गया था कि छापामार दस्ता कभी भी पहुँच सकता है।

बरखा दत्त ने लिखा, 'कोरोना से बेशुमार मौतों की गिनती करने से पदक मिलना चाहिए न कि आयकर छापे।'

वरिष्ठ पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने ट्वीट किया, 'पहले दैनिक भास्कर और अब यूपी का भारत समाचार। सत्ता के सामने सच बोलने वाले आख़िरी कुछ हिंदी समाचार संगठनों पर हमले हो रहे हैं। यह निस्संदेह पेगासस एक्सपोज का पहला बड़ा प्रभाव है और सरकार कितनी नर्वस है। जब जब ये सरकार डरती है, एजेंसियों को आगे करती है..।'टीवी एंकर और पत्रकार संकेत उपाध्याय ने ट्वीट कर कहा है कि 'और अब भारत समाचार के कार्यालय पर आयकर छापे'।  

वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून्न बाजपेयी ने सवाल उठाया कि 'कब तक छापे और सरकारी एजेंसी की दबिश होगी...'

जानी-मानी पत्रकार रोहिणी सिंह ने इस कार्रवाई को लेकर कहा है कि 'सरकार डरी हुई है'। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में तैरती लाशों का हिसाब मांगने वाले समाचार चैनल भारत समाचार पर आयकर छापा पड़ा है। 

बता दें कि दैनिक भास्कर समूह और भारत समाचार काफ़ी वक़्त से तल्ख़ ख़बरें कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अलावा मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार को एक्सपोज़ करने वाली अनेक ख़बरें पिछले कुछ महीनों में बहुत प्रमुखता के साथ प्रकाशित की हैं। विशेषकर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य के मोर्चे पर केन्द्र और राज्य की सरकारों की कथित नाकामियों को समाचार पत्र समूह ने बिंदास ढंग से छापा है। 

ऐसी ही ख़बरें भारत समाचार करता रहा है। चाहे वह कोरोना संक्रमण के कारण अव्यवस्था का मामला हो या हाथरस मामले में रिपोर्टिंग का मामला या फिर उत्तर प्रदेश में अपराध की रिपोर्टिंग का मामला।

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