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राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक बना क़ानून 

राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक बना क़ानून 

नागरिकता संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंज़ूरी दे दी है। इसके साथ ही यह क़ानून बन गया है।

नागरिकता संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंज़ूरी दे दी है। इसके साथ ही यह क़ानून बन गया है। उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी विरोध के बीच इस विधेयक को इसी हफ़्ते लोकसभा और राज्यसभा ने पास किया था और मंज़ूरी के लिए इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। गुरुवार रात को ही आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति की मंज़ूरी की अधिसूचना जारी कर दी गई। 

अब इसके क़ानून बनते ही 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बाँग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध नहीं माना जाएगा। उन्हें इस देश की नागरिकता दी जाएगी। इन देशों से आने वाले इन समुदाय के लोगों को पाँच साल भारत में रहने पर देश की नागरिकता के योग्य माना जाएगा। हालाँकि, इस क़ानून में मुसलिमों के लिए यह प्रावधान नहीं है। पहले किसी भी समुदाय के लोगों को 11 साल देश में रहने पर नागरिकता दी जाती थी। 

नागरिकता संशोधन क़ानून बनने के साथ ही हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को क़ानूनी तौर पर संरक्षण मिलेगा और क़ानूनी मुक़दमों से राहत भी मिलेगी।

हालाँकि यह नया क़ानून असम, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा। ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं। इसके साथ ही इनर लाइन परमिट के अंदर आने वाले क्षेत्रों पर भी यह लागू नहीं होगा। इनर लाइन परमिट की अधिसूचना बंगाल इस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 जारी की गई थी। इनर लाइन परमिट अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिज़ोरम के लिए है। 

नागरिकता संशोधन का भारी विरोध

इस बीच नागरिकता संशोधन के ख़िलाफ़ असम, त्रिपुरा सहित सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। असम में बड़े स्तर पर आंदोलन जारी है। गुरुवार की शाम गुवाहाटी के लाचित नगर में आंदोलनकारियों पर सुरक्षाकर्मियों ने गोलियाँ बरसाईं, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं। असम और त्रिपुरा में सेना तैनात की गई है। दोनों राज्यों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। विरोध को देखते हुए मेघालय में भी मोबाइल इंटरनेट को बंद किया गया है। 

गुवाहाटी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू जारी है। जगह-जगह टायर जलाकर यातायात बाधित किया गया है। बीजेपी विधायकों पर पत्थर फेंककर हमला किया जा रहा है। चबुवा के विधायक विनोद हजारिका के घर में आग लगा दी गई। कई जगहों पर बीजेपी और आरएसएस कार्यालयों पर हमले किए गए हैं।

गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार का तबादला कर उनके स्थान पर मुन्ना प्रसाद गुप्ता को लाया गया है। वहीं तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गुवाहाटी के तीन क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था संभालने का जिम्मा सौंपा है। इसके बाद भी स्थिति नहीं संभल रही है।

बता दें कि इसका विरोध तब से हो रहा है जब से नागरिकता संशोधन विधेयक लाने की बात हुई थी। उत्तर-पूर्वी राज्यों में इसलिए विरोध हो रहा है कि दूसरे देशों के शरणार्थियों को नागरिकता दिए जाने से उनके सामाजिक, सांस्कृतिक पहचान को ख़तरा होगा। देश के दूसरे हिस्सों में भी इसका धार्मिक आधार पर नागरिकता दिए जाने को लेकर विरोध हो रहा है। कहा जा रहा है कि यह भारत के संविधान की धर्मनिरपेक्ष छवि पर हमला है। इस विरोध के बीच ही पहले इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया था और बाद में राज्यसभा में। 

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