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लोकतंत्र सफल क्योंकि इतने पंथों, भाषाओं ने बांटा नहीं, हमें जोड़ा: राष्ट्रपति

लोकतंत्र सफल क्योंकि इतने पंथों, भाषाओं ने बांटा नहीं, हमें जोड़ा: राष्ट्रपति

74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी ने मुर्मू बुधवार शाम 7 बजे राष्ट्र को संबोधित किया। जानिए उन्होंने देश के बारे में क्या कहा और क्या किए जाने की ज़रूरत बताई।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि गरीबी, अशिक्षा जैसी अनगिनत चुनौतियों के बाद भी 'स्पिरिट ऑफ़ इंडिया' यानी 'भारत का उत्साह' कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 'हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में सफल हुए हैं क्योंकि इतने सारे पंथों और इतनी सारी भाषाओं ने हमें विभाजित नहीं किया है, उन्होंने केवल हमें जोड़ा है। यही भारत का सार है। वह सार संविधान के केंद्र में था, जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है।'

राष्ट्रपति ने आगे कहा, 'बाबासाहेब आंबेडकर और अन्य लोगों ने हमें एक नक्शा और एक नैतिक ढांचा दिया, लेकिन उस रास्ते पर चलने का काम हमारी ज़िम्मेदारी है। हम काफी हद तक उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं, और फिर भी हम महसूस करते हैं कि गांधीजी के 'सर्वोदय' के आदर्श, सभी के उत्थान के लिए बहुत कुछ किया जाना अभी भी बाक़ी है।"

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र हमेशा डॉ. बीआर आंबेडकर का आभारी रहेगा, जिन्होंने संविधान की मसौदा समिति का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि और इस तरह इसे अंतिम रूप देने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

उन्होंने कहा कि 'भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है। संविधान-निर्माताओं की सामूहिक बुद्धिमत्ता से मिले मार्गदर्शन के बिना यह प्रगति संभव नहीं थी।'

राष्ट्रपति ने भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति की तारीफ़ की और कहा, 'पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। यह उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है। सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर हम शीघ्र ही मंदी से बाहर आ गए, और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया।'

राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षार्थियों को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाती है।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

उन्होंने कहा, 'हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, भारत गिने-चुने अग्रणी देशों में से एक रहा है।' राष्ट्रपति ने महिला सशक्तीकरण का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, 'महिला सशक्तीकरण तथा महिला और पुरुष के बीच समानता अब केवल नारे नहीं रह गए हैं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी।'

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'सशक्तीकरण की यही दृष्टि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों सहित, कमजोर वर्गों के लोगों के लिए सरकार की कार्य-प्रणाली का मार्गदर्शन करती है। वास्तव में हमारा उद्देश्य न केवल उन लोगों के जीवन की बाधाओं को दूर करना और उनके विकास में मदद करना है, बल्कि उन समुदायों से सीखना भी है।' उन्होंने आगे कहा कि जनजातीय समुदाय के लोग, पर्यावरण की रक्षा से लेकर समाज को और अधिक एकजुट बनाने तक, कई क्षेत्रों में सीख दे सकते हैं।

जी-20 की अध्यक्षता का ज़िक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, 'इस वर्ष भारत G-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। G-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है।'

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर भारत के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी का बुधवार को राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया। मिश्र के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कृषि, डिजिटल डोमेन, संस्कृति और व्यापार सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक बातचीत की। 

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने लाल किला, विजय चौक, इंडिया गेट और अन्य वीआईपी इलाकों में गणतंत्र दिवस परेड और कार्यक्रमों के लिए सुरक्षा और यातायात के व्यापक इंतजाम किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, परेड में 60,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, जो गुरुवार सुबह 10.30 बजे विजय चौक से शुरू होगी और लाल किला मैदान क्षेत्र की ओर बढ़ेगी। इंडिया गेट पर, समारोह सुबह 9.30 बजे शुरू होगा।

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