राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण में आपातकाल का गैरजरूरी जिक्र
राष्ट्रपति का अभिभाषण इस मायने में खास रहा कि उन्होंने नीट पेपर लीक पर उल्टा विपक्ष को ही नसीहत दे डाली। उन्होंने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की। इसी तरह तीनों सेनाओं में सुधार के उपाय की जरूरत भी उन्होंने बताई। इस दौरान नीट और अग्निवीर के नारे लगे।
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राष्ट्रपति के अभिभाषण में 1975 के आपातकाल का गैरजरूरी जिक्र आया। राष्ट्रपति ने एक तरह से लोकसभा स्पीकर का अनुसरण किया, जिन्होंने कुर्सी पर बैठते ही सबसे पहले आपातकाल को लेकर इंदिरा गांधी के खिलाफ निन्दा प्रस्ताव पारित कराया।
राष्ट्रपति ने कहा- "मजबूत भारत के लिए, रक्षा बलों में आधुनिकता की आवश्यकता है। सशस्त्र बलों में निरंतर सुधार की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संघर्ष की स्थिति में देश अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहे। मेरी सरकार ने सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।" उनकी टिप्पणी के बाद सदन में 'अग्निवीर' के विरोध में नारे लगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को दोनों सदनों को संबोधित करते हुए सरकार की खुलकर तारीफ की। राष्ट्रपति ने कहा - "सरकार के तमाम सुधारों ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। 10 वर्षों में, भारत 11वें स्थान से उठकर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया...महामारी और संघर्षों के बावजूद दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, भारत इस विकास दर को हासिल करने में सक्षम हुआ है। यह पिछले 10 वर्षों में राष्ट्रीय हित में लिए गए सुधारों और निर्णयों के कारण संभव हुआ है, आज भारत वैश्विक विकास में 15% का योगदान देता है। सरकार भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है।”
द्रौपदी मुर्मू के भाषण की खास बातें
- राष्ट्रपति मुर्मू ने जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर का नाम लिए बिना कहा कि सरकार नॉर्थ ईस्ट में स्थायी शांति के लिए काम कर रही है। पिछले 10 वर्षों में कई पुरानी समस्याओं का समाधान किया गया।
- मुर्मू ने कहा- हमारा लक्ष्य यह तय करना है कि कोई भी सरकारी योजनाओं से अछूता न रहे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कहना है, विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, महिलाएं और किसान सशक्त होंगे। इसलिए मेरी सरकार द्वारा उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। हमारा लक्ष्य हर किसी तक सरकार का लाभ पहुंचाना है। भारत इस इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहा है कि एक भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे। सरकारी योजनाओं के कारण ही पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं सरकार दिव्यांग भाइयों और बहनों के लिए किफायती और स्वदेशी सहायक उपकरण विकसित कर रही है।
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संसद में अग्निवीर योजना के खिलाफ विपक्ष के काफी सांसदों ने नारे लगाए।
- राष्ट्रपति ने कहा- "मजबूत भारत के लिए, रक्षा बलों में आधुनिकता की आवश्यकता है। सशस्त्र बलों में निरंतर सुधार की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संघर्ष की स्थिति में देश अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहे। मेरी सरकार ने सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।" उनकी टिप्पणी के बाद सदन में 'अग्निवीर' के विरोध में नारे लगे।
नीट पेपर लीक पर विपक्ष को नसीहत
राष्ट्रपति मुर्मू ने नीट पेपर लीक पर विपक्ष को नसीहत दी है। उन्होंने कहा- परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं के मामलों की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है; दलगत राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत है. सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में पवित्रता, पारदर्शिता होनी चाहिए। विपक्षी सांसदों ने इस दौरान नीट के नारे लगाए।
भाजपा ने जिस तर 1975 के आपातकाल का जिक्र पिछले तीन-चार दिनों में कांग्रेस पर हमला जारी रखा हुआ है, उससे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी पीछे नहीं रहीं। मुर्मू ने कहा- आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। आपातकाल के दौरान पूरा देश अराजकता में डूब गया, लेकिन राष्ट्र ऐसी असंवैधानिक शक्तियों के खिलाफ विजयी रहा। हालांकि राष्ट्रपति का इमरजेंसी का जिक्र गैर जरूरी था। 50 साल पुरानी घटना का रोना अब रोया जा रहा है। जबकि उसके लिए इंदिरा गांधी ने माफी मांगी थी और उनकी पार्टी को मतदाताओं ने अगले ही चुनाव में हरा दिया था। राष्ट्रपति के इस जिक्र से भाजपा के अलावा और कोई पार्टी खुश नहीं होगी।
राष्ट्रपति ने कहा- देश के संविधान पर कई हमले हुए। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था, जब इसे लागू किया गया तो पूरे देश में हंगामा मच गया ऐसी संवैधानिक ताकतों के ऊपर मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती, हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमारे जम्मू-कश्मीर में, जहां धारा 370 के कारण स्थिति अलग थी, वहां संविधान पूरी तरह से लागू कर दिया गया है...।"
18वीं लोकसभा का सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने संसद के बाहर इस पर बयान दिया। फिर 25 जून को उन्होंने लगातार इस पर ट्वीट किए। 26 जून को जब ओम बिड़ला लोकसभा के स्पीकर बन गए तो उन्होंने पहला निन्दा प्रस्ताव 1975 के आपातकाल पर सदन में पास कराया। हालांकि यह निन्दा प्रस्ताव 25 जून को ही लोकसभा में आ जाता, अगर ओम बिड़ला निर्विरोध चुने जाते। चुनाव होने की स्थिति बनने के कारण बिड़ला को यह प्रस्ताव बुधवार को पास कराना पड़ा। इस तरह बिड़ला ने भी भाजपा की लाइन का अनुसरण और अनुमोदन किया।
विपक्ष से लेकर सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है जो 1975 के आपातकाल से भी बुरा है। दो-दो मुख्यमंत्रियों को बिना मुकदमा चलाए जेल में मोदी सरकार की जांच एजेंसियों ने डाल दिया। आम आदमी पार्टी के सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार भी किया। देश में इतना बड़ा चुनावी बॉन्ड घोटाला हुआ लेकिन उसमें किसी भी पार्टी के नेताओं को सजा नहीं हुई। चुनावी बॉन्ड में सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को हुआ। करप्शन के आरोपों का सामना करने वाली कंपनियों और लोगों तक ने चुनावी बॉन्ड से भाजपा को फायदा पहुंचाया।