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प्रशांत किशोर 3 दिन में दूसरी बार सोनिया से मिले, चल क्या रहा है?

प्रशांत किशोर 3 दिन में दूसरी बार सोनिया से मिले, चल क्या रहा है?

क्या चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का अब कांग्रेस में शामिल होना तय है? आख़िर इतनी जल्दी-जल्दी मुलाक़ातों और 2024 के चुनाव के लिए प्रेजेंटेशन देने का मतलब क्या है?

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को फिर से सोनिया गांधी से मुलाक़ात की। रिपोर्ट है कि 10 जनपथ पर हुई उस बैठक में सोनिया के अलावा प्रियंका गांधी, अंबिका सोनी, पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला जैसे शीर्ष कांग्रेसी नेता शामिल थे। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि यह बैठक 2024 के चुनाव को लेकर है और प्रशांत किशोर से इसको लेकर एजेंडा पेश करने को कहा गया है। तो क्या अब कांग्रेस की रणनीति प्रशांत किशोर बनाएँगे और क्या यह अब तय है?

हाल के दिनों में जिस तरह के घटनाक्रम चले हैं उससे संकेत तो यही मिलते हैं। प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की यह बैठक आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले किशोर के पार्टी में शामिल होने के कयासों के बीच हुई है। जब प्रशांत किशोर और कांग्रेस नेताओं के बीच बैठक चल रही थी तो पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती 10 जनपथ पहुंचीं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।

रिपोर्ट है कि कांग्रेस ने प्रशांत किशोर को भी पार्टी में शामिल होने के लिए कहा है। प्रशांत किशोर द्वारा शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया था।

सूत्रों के अनुसार किशोर ने कहा है कि कांग्रेस को लोकसभा की 370 सीटों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और बाक़ी सीटों पर गठबंधन करना चाहिए। प्रशांत किशोर ने अपनी विस्तृत प्रजेंटेशन में कथित तौर पर कहा था कि कांग्रेस को बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में अकेले लड़ना चाहिए, लेकिन तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और यहाँ तक कि बंगाल में गठबंधन करना चाहिए।

अभी यह साफ़ नहीं है कि प्रशांत किशोर बाक़ायदा कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी पदाधिकारी के रूप में कोई बड़ी ज़िम्मेदारी निभाएंगे या सिर्फ़ चुनावी रणनीतिकार के रूप में कांग्रेस के साथ काम करेंगे। इस पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी में ज्यादातर नेता प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने के बजाय बाहर से ही उसकी सेवा ले जाने देने के हक़ में हैं। हालाँकि उनके पार्टी में शामिल किए जाने के कयास भी लगाए गए हैं। 

'इंडिया टुडे' ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है, 'प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्हें सलाहकार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें पार्टी में शामिल होने और नेता के रूप में काम करने के लिए कहा गया है। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए रोडमैप और संगठनात्मक बदलाव के बारे में विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।'

सूत्रों के मुताबिक़ उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में तो यहाँ तक ​​कह दिया है कि संचार विभाग और सोशल मीडिया समेत मौजूदा सांगठनिक ढांचे को बदलने की ज़रूरत है। 

प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा क़रीब साल भर से चल रही है। लेकिन इस पर कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया। पार्टी में शामिल होने पर उनको दिये जाने वाले पद और भूमिका को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच आम राय नहीं बन पा रही। सूत्रों मुताबिक़ प्रशांत किशोर पार्टी में अहमद पटेल की तरह बड़ी भूमिका चाहते हैं। इसके लिए पार्टी का नेतृत्व तैयार नहीं है।

राहुल गांधी ने 8 अप्रैल को पहली बार 'संयुक्त विपक्ष के मोर्चे' के बारे में एक संकेत दिया था, जब वह दिल्ली में अपने आवास पर एक अन्य विपक्षी नेता शरद यादव से मिलने गए थे। राहुल गांधी ने तब कहा था कि जो कोई भी आरएसएस और नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए। तो क्या इसे प्रशांत किशोर के गठबंधन वाले बयान के संदर्भ में देखा जाए?

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