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क्या है लाल डायरी का सच? ममता से पूछा जावड़ेकर ने 

क्या है लाल डायरी का सच? ममता से पूछा जावड़ेकर ने 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने तंज करते हुए ममता बनर्जी से पूछा कि शारदा चिटफंड घोटाले में मिली लाल डायरी का सच क्या है, वह लोगों को बताएँ। 

नरेंद्र मोदी सरकार ने सीबीआई प्रकरण पर कोलकाता पुलिस प्रमुख के बहाने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है। इसने अपने दो मंत्री उतार दिए, जो यही कहते रहे कि राजीव कुमार के पास ऐसे कुछ राज हैं, जिनके खुलने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री स्वयं फँस जाएँगी। पहले मानव संसाधन  विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और उसके बाद रविशंकर प्रसाद ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसी बात पर ज़ोर दिया कि वह कौन सा राज़ है, जिसके खुलने से ममता परेशान हो जाएँगी या उनकी राजनीति ख़त्म हो जाएगी। इसकी शुरुआत जावड़ेकर ने लाल डायरी के हवाले से की। 

जावड़ेकर ने ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए पूछा है कि वे देश को लाल डायरी का सच बताएँ। पत्रकारों से बात करते हुए जावड़ेकर ने पलटवार किया और कहा: 

'शारदा चिटफंड घोटाले की जाँच के दौरान एसआईटी को एक लाल डायरी मिली और एक पेन ड्राइव मिला। इस लाल डायरी का सच यदि खुल गया तो ममता पूरी तरह बेनक़ाब हो जाएँगी और बुरी तरह फँस जाएँगी। वे इसी वजह से सीबीआई को अपना काम नहीं करने दे रही हैं और उसमें अड़चन डाल रही हैं।'

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उन्होंने तंज करते हुए कहा कि आज ममता के साथ वे लोग ही हैं, जो किसी न किसी घोटाले में हैं, उनके ख़िलाफ़ जाँच चल रही है और उनमें से कई जल्द ही गिरफ़्तार होंगे। उन्होंने कहा कि यह महागठबंधन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही एकजुट है और यह बात इस सीबीआई मामले से साफ़ हो गई है। 

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केंद्रीय मंत्री ने सीधे-सीधे कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार का नाम नहीं लिया, पर यह ज़रूर कहा कि पुलिस वाले ममता बनर्जी के साथ हैं, उन्हें बचाना चाहते हैं। यही वजह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री उन्हें बचाने के लिए इस हद तक चली गईं कि वे ख़ुद धरने पर बैठ गईं। 'आखिर ममता उस समय धरने पर क्यों नहीं बैठीं जब उनके कई मंत्री घोटाले में फँसे थे और गिरफ़्तार भी हुए थे?', जावड़ेकर ने व्यंग्य से पूछा। जावड़ेकर ने यह भी कहा कि ममता कुछ भी कर लें, वे और उनके लोग अब बच नहीं सकते। 

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क्या हो सकता है लाल डायरी में? 

प्रकाश जावड़ेकर ने लाल डायरी का सवाल उछाल कर बहस को एक नया मोड़ दे दिया है। दिलचस्प सवाल यह है आख़िर लाल डायरी में क्या है? उनके मुताबिक़, लाल डायरी मिल गई और इसका भेद खुल गया तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ख़ुद फँस जाएँगी। 

  • 1. लाल डायरी में तृणमल कांग्रेस के उन 12 नेताओं से जुड़ी जानकारियाँ हो सकती हैं, जिन्हें एक स्टिंग ऑपरेशन में पैसे लेते हुए दिखाया गया था। इनमें कई मंत्री थे। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सीबीआई जाँच कराने को कहा था। 
  • 2.लाल डायरी में यह हो सकता है कि इस मामले में और शारद चिटफंड घोटाले में किस नेता को कितना पैसा दिया गया है। 
  • 3.लाल डायरी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी या उनके परिवार के किसी सदस्य के नाम कुछ लिखा हो सकता है। 
  • 4.ममता बनर्जी की निहायत मामूली पेंटिंग्स को शारदा कंपनी ने करोड़ों रुपये में खरीदा था। पेटिंग्स की बिक्री की ख़बर आने पर ही इस पर सवाल उठे थे। लोगों ने पूछा था कि आख़िर इन पेटिंग्स मे क्या है कि इसकी क़ीमत इतनी अधिक है। इससे जुड़ी कोई जानकारी हो सकती है।  

डायरी का राजनीतिक प्रभाव

भारतीय राजनीति में डायरी ने कई बार बेहद अहम भूमिका निभाई है और राजनीति को बुरी तरह प्रभावित किया है। 
  • 1.सहारा बिड़ला डायरी में सीधे नरेद्र मोदी पर आरोप लगे थे। यह कहा गया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने पैसे लिए थे और उसके बाद किसी कॉरपोरेट घराने को बेज़ा तरीके से फ़ायदा पहुँचाया था। 
  • 2.लाल कृष्ण आडवाणी का नाम जैन डायरी में पाया गया था। इस डायरी में उन लोगों के नाम थे, जिन्हें पैसे दिए गए थे। आडवाणी को इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालाँकि वह बाद में निर्दोष क़रार दिए गए, पर उस समय उनकी काफ़ी बेइज्ज़ती हुई थी और उन्हे राजनीतिक नुक़सान हुआ था। 

यह लाल डायरी है या नहीं और इसमें क्या लिखा है, हम इसे सत्यापित नहीं करते। पर यह सवाल तो उठता है कि यदि यह लाल डायरी है तो इसमें क्या हो सकता है। 

क्या राज छिपाए हैं कोलकता पुलिस कमिश्नर?

रवि शंकर प्रसाद ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने-अपने दो-दो सांसदों और कई मंत्रियों की गिरफ़्तारी पर धरने पर नहीं बैठी थीं। पर एक पुलिस अफ़सर से सिर्फ़ पूछताछ करने गई सीबीआई टीम पर इस तरह बरस पड़ीं और धरने पर बैठ गईं, तो क्या कारण है। क़ानून मंत्री ने कहा कि पुलिस अफ़सर राजीव कुमार दरअसल कुछ राज अपने पास छिपाए हुए हैं, जिनके आम होने से ममता को काफ़ी दिक्क़तों का सामना करना पड़ सकता है। 

उन्होंने यह भी कहा कि राजीव कुमार के पास इसके पहले तीन बार 'समन' गया और उन्हें सीबीआई ने बुलाया। पर वे हर बार कोई न कोई बहाना बना कर टालते गए। प्रसाद ने पूछा: 

'आख़िर ऐसा क्या है कि जिस घोटाले में लाखों लोगों के अरबों रुपये डूब गए, उसकी जाँच में पुलिस कमिश्नर सहयोग नहीं कर रहे हैं? बड़ी साजिश का पर्दाफ़ाश हो और बड़े लोग पकड़े जाएँ, ऐसा न मुख्यमंत्री चाहती हैं न ही कोलकाता पुलिस के प्रमुख।'

क़ानून मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत सीबीआई को यह हक़ है कि वह पहले से बिना बताए ही किसी के घर जाकर छापे डाले या उससे पूछताछ करे। उन्होंने तंज से पूछा, ‘क्या सीबीआई कोलकाता जाने से पहले उनसे कह देती कि हम आ रहे हैं ताकि राजीव कुमार और कुछ फ़ाइलें नष्ट कर दें या वहां से हटा दें।’  

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