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शिकायतों के बावजूद प्रज्ञा पर FIR नहीं, इसे क्या माना जाए

शिकायतों के बावजूद प्रज्ञा पर FIR नहीं, इसे क्या माना जाए

हेट स्पीच मामले में बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कर्नाटक सरकार के पास दो शिकायतें पहुंची हैं लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की कोई परवाह नहीं की जाती। 

बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कर्नाटक सरकार को शिकायतें मिल चुकी हैं, इसके बावजूद वो एफआईआर दर्ज करने से कतरा रही है। इससे बीजेपी शासित कर्नाटक सरकार पर तमाम आरोप लग रहे हैं। रविवार को शिवमोग्गा में एक कार्यक्रम में प्रज्ञा पर विवादित भाषण देने का आरोप है। जिसमें उन्होंने हिन्दुओं से घर में सब्जी काटने वाले चाकू की धार तेज करा कर रखने को कहा था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाने जा रहे हैं।

हेट स्पीच या नफरती भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइन है और इसका उल्लंघन करने वाले पर कार्रवाई की बात कही गई है। हाल ही में यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान को हेट स्पीच के मामले में तीन साल की सजा स्थानीय कोर्ट ने सुनाई है। इस मामले में आजम खान जब तक इसकी अपील कर पाते, राज्य सरकार ने रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने की सिफारिश चुनाव आयोग से कर डाली। आयोग ने सहमति देते हुए अधिसूचना जारी कर दी। रामपुर से कभी न हारने वाले आजम खान को घर बैठना पड़ा। हेट स्पीच के तमाम मामले दिल्ली, यूपी, एमपी, हिमाचल, उत्तराखंड, असम आदि राज्यों में हुए लेकिन ज्यादातर मामलों में एफआईआर नहीं हुई। नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। जमानत पर होने के बावजूद वो शख्स आज भी नफरती भाषण दे रहा है।

प्रज्ञा ठाकुर के मामले में बीजेपी शासित कर्नाटक का रवैया सबसे अजीबोगरीब है। शिकायतों के बावजूद एफआईआर नहीं।

आतंकी हमले की आरोपी बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रविवार को हिंदुओं से दुश्मनों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए घर में तैयार हथियार रखने का आग्रह किया। "लव जिहाद" का हवाला देते हुए प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि वह मुसलमानों को दुश्मन बता रही हैं। नीचे वीडियो देखें - 

उन्होंने कहा था - घर में हथियार रखो। उन्हें तेज रखो। अगर सब्जियां अच्छी तरह काटी जा सकती हैं, तो दुश्मन का सिर भी कट सकता है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले और राजनीतिक नेता तहसीन पूनावाला ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कर्नाटक पुलिस को शिकायत भेजी। शिकायतों में कहा गया है कि बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने "अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बेहद निंदनीय और अपमानजनक भाषण" दिया था।

एफआईआर करना तो दूर की बात है। शिवमोग्गा के एसपी जीके मिथुन कुमार ने टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले को जवाब दिया कि वो व्यक्तिगत रूप से आकर शिकायत दें तो एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी। गोखले ने आज 28 दिसंबर को ट्वीट में लिखा है कि जब ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की जा रही है तो शिवमोग्गा के एसपी उनको व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कह रहा हैं। यह दरअसल, प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में हीलाहवाली के अलावा कुछ नहीं है।

प्रज्ञा ने विवादित बयान हिंदू जागरण वेदिके के दक्षिण क्षेत्र के वार्षिक सम्मेलन में दिया था। आयोजन शिवमोग्गा में किया गया था।

विवादित बयानों के लिए बदनाम हैं प्रज्ञा - सांसद प्रज्ञा ठाकुर की हर सुबह विवादित बयानों से होती है लेकिन उनके 5 विवादित बयान, जिन पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी, नहीं हुई। इसी वजह से उनके हौसले बढ़ गए। बल्कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमा मंडन करने के बाद तो बीजेपी ने उन्हें टिकट भी दिया था। प्रज्ञा के पांच चर्चित बयान इस तरह हैं - 1. शहीद हेमंत करकरे को लेकर को श्राप दिया था, जिसके कारण करकरे की आतंकवादी हमले में मौत हो गई। 2. बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने का अफसोस नहीं है, ढांचा गिराने पर तो हम गर्व करते हैं। हमारे प्रभु रामजी के मंदिर पर अपशिष्ट पदार्थ थे, उनको हमने हटा दिया। 3. 'गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे।' 4. दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताते हुए कहा था - एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है। 5. महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की बजाय 'राष्ट्रपुत्र' बताया। कहा था - महात्मा गांधी राष्ट्रपुत्र हैं और हमारे लिए आदरणीय हैं।

कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाएगी

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ मामला दायर करेंगे क्योंकि कर्नाटक में पुलिस बीजेपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। कर्नाटक में वर्तमान में बीजेपी का शासन है और राज्य में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

रमेश ने कहा कि कर्नाटक में की गई बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की टिप्पणी नफरत भरे भाषण का एक स्पष्ट उदाहरण है और मैं उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करूंगा।

उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी स्पष्ट रूप से समाज को विभाजित करने की कोशिश करती है। स्थानीय पुलिस इसलिए कार्रवाई नहीं कर रही है कि वहां बीजेपी सत्ता में है।

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