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त्रिपुरा: चुनाव से पहले हिंसा शुरु, चुनाव आयोग ने डीजीपी से मांगी रिपोर्ट 

त्रिपुरा: चुनाव से पहले हिंसा शुरु, चुनाव आयोग ने डीजीपी से मांगी रिपोर्ट 

चुनाव आयोग ने चुनावों की घोषणा करते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा न हो इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जांएगे। लेकिन घोषणा के चंद दिनों के बाद ही हिंसा शुरु हो गई है। 

त्रिपुरा में अगले महीने होने वाले चुनाव से पहले हिंसा की खबरें आने लगी हैं। चुनाव आयोग ने चुनावों की घोषणा करते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा न हो इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जांएगे। लेकिन घोषणा के चंद दिनों के बाद ही हिंसा शुरु हो गई है। ऐसे में चुनाव आयोग के हिंसा मुक्त चुनाव कराने के दावे पर शक होने लगा है।

हालिया मामला धलाई जिले में हुई हिंसा का है जहां त्रिपुरा के शाही वंशज प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा की पार्टी के एक कार्यकर्ता के साथ मारपीट की गई है। पश्चिमी अगरतला के मजलिशपुर विधानसभा में गुरुवार दोपहर को हुई इस हिंसा में अबतक 32 लोगों के घायल होने की खबर है, जिसमें कांग्रेस के प्रभारी अजॉय कुमार प्रमुख हैं। राजनगर विधानसभा के बरपथार क्षेत्र में इस तरह की हिंसा की खबरें  हैं, यहां हुई हिंसा में अब तक सीपीएम के पांच कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबरें हैं। यह सभी कार्यकर्ता पार्टी की एक रैली से घर वापस लौट रहे थे।

सिपाहीजाला जिले के बिशालगढ़ में सीपीएम समर्थक नंटू चंद्र देबनाथ के घर में भी कथित तौर पर आग लगा दी गई। आगजनी के समय नंटू अपने परिवार के साथ सो रहे था। समय रहते नंटू को बचा लिया गया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिनय किशोर देबबर्मा ने बताया कि टीआईपीआरए मोथा के मारे गए कार्यकर्ता प्राणजीत ना नामशूद्र और उसके एक दोस्त को बामनचेरा इलाके में अज्ञात लोगों ने रोककर उन पर हमला कर दिया।गुरुवार को हुई हिंसा में अब तक चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया लेकिन अभी तक उनकी राजनीतिक दल के साथ संबंधों की पुष्टि नहीं हो पाई है।

टिपरा मोहटा के प्रमुक देवबर्मा ने ट्विटर पर अपने समर्थकों से अपील की है कि वह इस हिंसा पर जवाबी प्रतिक्रिया न दें, और न ही किसी प्रकार की जवाबी कार्रवाई में उलझें। मै व्यक्तिगत रूप से पता लगा रहा हूं कि क्या हुआ है।

मुख्य चुनाव आयुक्त किरण गित्ते ने बताया कि सभी हिंसाओं में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज कर ली गई है। पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस तरह की हिंसा के पीछे कौन है। वोटरों को भरोसा दिलाने के लिए पूरे राज्य में केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती की जा रही है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव से बुधवार को भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प पर रिपोर्ट मांगी है।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक ट्वीट में कहा कि चुनाव आयोग ने पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरानिया उप संभाग में हुई घटना की जांच के आदेश दिए हैं। इस मसले पर डीजीपी तथा मुख्य सचिव से शुक्रवार दोपहर तीन बजे तक रिपोर्ट भी मांगी गई है।  

घटना में घायल हुए लोगों में त्रिपुरा कांग्रेस के प्रभारी अजय कुमार ने गुरुवार को चुनाव आयोग से संबंधित सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की और एक ट्वीट में आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं पर उनके सामने हमला किया गया।

त्रिपुरा में हुई हालिया हिंसा में अलग-अलग दलों के नेता और कार्यकर्ता घायल हुए हैं लेकिन बीजेपी की तरफ से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

वर्तमान में यहां बीजेपी की सरकार है, जो 2018 के विधानसभा चुनावों में सीपीएम को हराकर सरकार में आई थी। बीजेपी उत्तर पूर्व की अपनी इकलौती सरकार को हर हाल में बरकरार रखने की कोशिश कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि जैसे जैसे चुनाव नजदीक आता जाएगा इस तरह की हिंसक घटनाओं में बढ़ोत्तरी होगी।  

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