यूपी में नेताओं पर कभी स्याही फेंकी जा रही है तो कभी जूता उछाला जा रहा है। घोसी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान पर रविवार को स्याही फेंकी गई, सोमवार 21 अगस्त को लखनऊ में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता उछालने की कोशिश की गई। सोमवार को लखनऊ में सपा का ओबीसी महासम्मेलन था। जब स्वामी प्रसाद मौर्य बोल रहे थे कार्यक्रम में वकील की पोशाक पहने एक व्यक्ति ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंक दिया। जूता मौर्य तक नहीं पहुंचा और उनके समर्थकों ने कथित हमलावर की पिटाई कर दी।
सहायक पुलिस आयुक्त (लखनऊ) अनियांडी विक्रम सिंह ने पीटीआई को बताया, "आरोपी को अस्पताल ले जाया गया है और उससे पूछताछ के बाद आगे की जानकारी पता चलेगी।" अधिकारी के मुताबिक, कथित हमलावर की पहचान आकाश सैनी के रूप में हुई है और उसने वकील की पोशाक पहन रखी थी। विभूति खंड पुलिस ने सैनी को हिरासत में ले लिया।
यह घटना इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सपा के एक दिवसीय 'ओबीसी महासम्मेलन' में हुई। पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कार्यक्रम को संबोधित करने वाले थे। घटना के वक्त वह कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचे थे।
यूपी के प्रमुख ओबीसी स्वामी नेता मौर्य 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे। वह हाल ही में हिंदू मंदिरों के पुरातात्विक सर्वेक्षण और रामचरितमानस पर अपनी टिप्पणियों के लिए चर्चा में थे।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है, "...इस कार्यक्रम को भाजपा और यूपी सरकार के इशारे पर खराब करने और पिछड़े समुदाय के एक बड़े नेता का अपमान करने की साजिश की गई है। जो लोग 'जीरो टॉलरेंस' की बात करते हैं, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यहां कोई 'जीरो टॉलरेंस' नहीं है। कोई भी किसी कार्यक्रम में प्रवेश कर सकता है और वरिष्ठ नेता का अपमान कर सकता है..." अखिलेश ने कहा कि घोसी के भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान पर भी स्याही फेंकवाने में भाजपा का हाथ है और इस कांड के पीछे भी सपा है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने घटना के बाद कहा कि जब लोगों ने तलवार से उनका हाथ काटने की धमकी दी तो वो उससे नहीं डरे तो ऐसी घटना से क्यों डरने वाले हैं। वो पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के मुद्दे और भी जोरशोर से उठाएंगे।