खड़गे का पीएम को ख़त, लिखा- 'बहुत हताशा और चिंता है आपके अंदर'

06:45 pm May 02, 2024 | सत्य ब्यूरो

बीजेपी उम्मीदवरों को लिखे प्रधानमंत्री मोदी की चिट्ठी पर आख़िर मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति क्यों जताई है? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ख़त की भाषा प्रधानमंत्री के पद के अनुरूप नहीं है। खड़गे ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के ख़त की भाषा से उनमें हताशा दिख रही है। 

खड़गे ने कहा, 'ख़त के लहजे और मुद्दों से ऐसा लगता है कि आपमें बहुत हताशा और चिंता है जो आपको ऐसी भाषा बोलने के लिए उकसा रही है। यह प्रधानमंत्री के पद के लिए सही नहीं है। ख़त से ऐसा लगता है कि आपके भाषणों में झूठ का वह प्रभाव नहीं पड़ रहा है जो आप चाहते थे और अब आप चाहते हैं कि आपके उम्मीदवार आपके झूठ को बढ़ाएँ। एक झूठ को हजार बार दोहराने से वह सच नहीं हो जाएगा।'

खड़गे का यह ख़त तब आया है जब पीएम मोदी ने हाल ही में अपने उम्मीदवारों को ख़त लिखा था। उन्होंने अपने पत्र को व्यक्तिगत क़रार दिया था और इसमें उन्होंने भाजपा उम्मीदवारों से कहा था कि वे मतदाताओं को बताएँ कि कांग्रेस और इसके इंडिया गठबंधन के सहयोगी एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को छीन कर अपने वोट बैंक को दे देंगे। उन्होंने कहा था कि वे ऐसा तब करेंगे जब धार्मिक आधार पर आरक्षण देना असंवैधानिक है। पीएम ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण इरादा रखने का आरोप लगाया।

खड़गे ने अपने ख़त में कहा है कि मतदाता इतने जागरूक हैं कि वे खुद पढ़ और समझ सकते हैं कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में क्या लिखा है और हमने क्या गारंटी का वादा किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारी गारंटी इतनी सरल और साफ़ है कि हमें उन्हें यह समझाने की ज़रूरत नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने ख़त में कांग्रेस के घोषणापत्र की प्रमुख घोषणाओं को बताया है। उन्होंने खासकर युवा न्याय, नारी न्याय, किसान न्याय, श्रमिक न्याय, हिस्सेदारी न्याय जैसी गारंटियों की बात की है। 

खड़गे ने पीएम मोदी के ख़त में झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि झूठ बोला जा रहा है कि कांग्रेस विरासत कर लाना चाहती है जबकि आपके पूर्व वित्त मंत्री और आपकी पार्टी के नेताओं ने बार-बार कहा है कि वे विरासत कर चाहते हैं।

खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री के पत्र से पता चलता है कि वह चुनाव के पहले दो चरणों में मतदाताओं के कम मतदान से चिंतित हैं। खड़गे ने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र न्याय की बात करता है। 

इससे पहले खड़गे ने 25 अप्रैल को पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें कांग्रेस न्याय पत्र के बारे में ग़लत जानकारी दी गई है। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से कहा, 'कांग्रेस न्याय पत्र का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों और सभी जातियों और समुदायों के हाशिए पर रहने वाले लोगों को न्याय देना है। आपके सलाहकारों द्वारा आपको उन चीजों के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है जो हमारे घोषणापत्र में भी नहीं लिखी गई है। ...हमारे न्याय पत्र को समझाने के लिए आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर खुशी होगी ताकि देश के प्रधानमंत्री के रूप में आप कोई भी गलत बयान न दें।'

खड़गे ने प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए आरक्षण के मुद्दे का भी खंडन किया। उन्होंने कहा, "अपने पत्र में आप दावा करते हैं कि एससी, एसटी और ओबीसी से आरक्षण छीन लिया जाएगा और ‘हमारे वोटबैंक’ को दे दिया जाएगा। हमारा वोट बैंक हर भारतीय है- गरीब, हाशिए पर रहने वाले, महिलाएं, महत्वाकांक्षी युवा, श्रमिक वर्ग, दलित और आदिवासी। हर कोई जानता है कि यह आरएसएस और बीजेपी ही है जिसने 1947 से हर चरण में आरक्षण का विरोध किया है। हर कोई जानता है कि यह आरएसएस और बीजेपी ही है जो आरक्षण को खत्म करने के लिए संविधान को बदलना चाहता है। आपके नेताओं ने इस बारे में खुलकर बात की है। आपको यह साफ़ करने की ज़रूरत है कि आप हमारे संविधान के अनुच्छेद 16 के अनुसार एससी, एसटी और ओबीसी को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का विरोध क्यों करते हैं।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने संपत्ति पुनर्वितरण के उनके आरोपों को लेकर भी पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “अपने पत्र में आपने कहा है कि लोगों की मेहनत की कमाई छीन ली जाएगी और किसी और को दे दी जाएगी। मैं इस अवसर पर आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि आप अपनी पार्टी को गुजरात में गरीब दलित किसानों से ठगे गए और चुनावी बांड के रूप में दिए गए 10 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दें। आपकी पार्टी ने चंदा दो-धंदा लो, ठेका लो-घूस दो, हफ्ता वसूली और फर्जी कंपनी और योजनाओं के माध्यम से विभिन्न कंपनियों से 'अवैध और असंवैधानिक' चुनावी बांड से 8,250 करोड़ रुपये जुटाए। 8,250 करोड़ में से आप कम से कम 10 करोड़ रुपये इस दलित परिवार को लौटा सकते हैं।”