कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को ऐसे कांग्रेस नेताओं पर हमला किया जो बीजेपी से मिले हुए हैं। राहुल ने कहा कि गुजरात में पार्टी का एक वर्ग राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ मिलीभगत में है। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए ऐसे लोगों को हटाना जरूरी है। हालांकि राहुल का यह बयान गुजरात के संदर्भ में है। लेकिन दरअसल, राहुल का हमला उन कांग्रेसियों पर भी है जो आये दिन ऐसे बयान देते हैं जिससे बीजेपी को मदद मिलती है। राहुल इन नेताओं से भी छुटकारा पाने की बात भी कह रहे हैं।
अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि गुजरात के लोग "एक वास्तविक विकल्प" चाहते हैं, बीजेपी की "बी टीम" नहीं। पार्टी को उन सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बाहर निकालना चाहिए जो चुपचाप भाजपा के साथ संबंध बनाए हुए हैं। बेहतर होगा कि ऐसे लोग बीजेपी में चले जायें, उनके लिए खुलकर काम करें।
राहुल गांधी ने कहा, "इन लोगों को खुलकर भाजपा के लिए काम करने दो। मुझे यकीन है कि बीजेपी भी उन्हें स्वीकार नहीं करेगी।" कांग्रेस सांसद ने कहा कि हालांकि कांग्रेस तीन दशकों से गुजरात में सरकार नहीं बना पाई है, लेकिन उसे अभी भी राज्य में वोटों का अच्छा हिस्सा मिल रहा है।
गांधी ने कहा कि उसके वोट शेयर में केवल पांच प्रतिशत की वृद्धि ही उसे राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा के करीब ले जाएगी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस अपने वोट शेयर में 22 प्रतिशत की वृद्धि करने में सक्षम रही।
गांधी ने कहा कि गुजरात में छोटे और मध्यम व्यवसाय बुरी स्थिति में हैं और उन्होंने कहा कि गुजरात में हीरा और सिरेमिक उद्योगों की स्थिति इस तथ्य की ओर इशारा करती है।
राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात के लोग राजनीतिक रूप से "फंस" गए हैं और उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी, जिसमें वे खुद भी शामिल हैं, लोगों को इस फंदे से बचाने में विफल रही है। गांधी ने कहा कि कांग्रेस के दो शीर्ष नेता - महात्मा गांधी और सरदार पटेल - गुजरात से थे और उन्होंने कहा कि राज्य ने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और नीतियों को आकार देने में गहन भूमिका निभाई है। राहुल ने कहा कि कांग्रेस को गुजरात के लोगों तक पहुंचना चाहिए और उन्हें गांधी और पटेल से जो सीख मिली है, उसके साथ राज्य में अपनी खोई हुई जमीन वापस पानी चाहिए।
अहमदाबाद के दो दिवसीय दौरे पर आए राहुल गांधी शुक्रवार को शहर पहुंचे थे। शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं के साथ कई बैठकें कीं, जिसमें उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। अगले महीने, एआईसीसी का यहां एक सत्र होगा, जिसमें विस्तारित कांग्रेस कार्य समिति की बैठक और एक प्रतिनिधि सम्मेलन शामिल होगा।
जिला कांग्रेस कमेटियों का राष्ट्रीय सम्मेलन अगले महीनेः कांग्रेस अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़े पैमाने पर बदलाव करने के लिए जिला कांग्रेस समितियों (डीसीसी) की एक बड़ी अखिल भारतीय बैठक आयोजित करेगी। यह बैठक, जिसमें ज्यादातर पार्टी के लगभग 700 डीसीसी के कार्यकर्ता शामिल होंगे, गुजरात में 8 और 9 अप्रैल को होने वाली पार्टी की अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) की बैठक से एक सप्ताह पहले आयोजित की जाएगी।
लगातार असफलताओं का सामना करने के बाद, कांग्रेस ने जिला स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं को अधिक आवाज़ देने का निर्णय लिया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए लिया गया है। 9-ए कोटला मार्ग स्थित पार्टी के नए मुख्यालय इंदिरा भवन में आयोजित होने वाली इस बैठक में संगठन के कामकाज के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम विचार-मंथन करेंगे और नए विचार सामने लाएंगे। भूमिकाएं परिभाषित की जाएंगी। उम्मीद है कि डीसीसी को अधिक स्वायत्तता दी जाएगी, ताकि संगठन में उनकी बात अधिक सुनी जा सके। हमारी प्राथमिकता डीसीसी को सशक्त बनाना है।"
(रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी)