गजा को मानवीय मदद पहुंचाने पर भी राजनीति, यूएन में कुछ, बाहर कुछ
अमेरिका ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया, जिसमें गजा पट्टी तक मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देने की बात कही गई थी। ब्राजील यह प्रस्ताव लाया था। पहले तो किसी न किसी बहाने से प्रस्ताव पर मतदान में दो बार देरी हुई। खैर बुधवार को 12 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि रूस और ब्रिटेन गैर हाजिर रहे। अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वीटो कर दिया। यानी अधिकांश सदस्य देशों की सहमति के बावजूद यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सकता था। बहरहाल, मिस्र ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के आग्रह पर राफा बॉर्डन खोलने की घोषणा की है। जिसके जरिए 20 ट्रक मानवीय सहायता गजा भेजी जाएगी। हालांकि इसकी शुरुआत शुक्रवार 20 अक्टूबर से ही हो पाएगी।
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रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है- वाशिंगटन परंपरागत रूप से अपने सहयोगी इज़राइल को सुरक्षा परिषद की किसी भी कार्रवाई से बचा लेता है। रॉयटर्स एक अमेरिकी समाचार एजेंसी है और उसकी इस लाइन लिखने के अर्थ गहरे हैं।
इस प्रस्ताव को वीटो करने के पीछे अमेरिका का अपना तर्क है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद 15 सदस्यीय परिषद को बताया, "हम जमीनी स्तर पर कूटनीति का कठिन काम कर रहे हैं। हमारा मानना है कि हमें उस कूटनीति को आगे बढ़ने देना चाहिए।"
उन्होंने कहा- "हां, प्रस्ताव के संकल्प महत्वपूर्ण हैं। इस परिषद को बोलना भी चाहिए। लेकिन हम जो कार्रवाई करते हैं वह जमीनी हो और तथ्यपूर्ण होनी चाहिए। हमें प्रत्यक्ष कूटनीति प्रयासों का समर्थन करना चाहिए। इसमें इजराइल को आत्मरक्षा के अधिकार की बात नहीं कही गई है। परिषद को यह अधिकार प्राप्त करने की जरूरत है।"
यूएन में मतदान के दौरान गैरहाजिर रहने वाले रूस ने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। रॉयटर्स के मुताबिक यूएन में रूस की राजदूत ने वासिली नेबेंज़िया ने कहा, "हम एक बार फिर अपने अमेरिकी सहयोगियों के पाखंड और दोहरे स्टैंड के गवाह बने हैं।" बुधवार से पहले सोमवार को रूस भी चीन की मदद से कुछ इसी तरह का मानवीय सहायता का प्रस्ताव लाया था लेकिन वो भी पारित होने में विफल रहा था। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस लगातार कह रहे हैं कि गजा तक मानवीय सहायता पहुंच की अनुमति देने के लिए तत्काल युद्धविराम होना चाहिए। लेकिन यूएन की सुनता कौन है। इससे पहले यूएन ने गजा के अस्पतालों को लेकर इजराइल को तमाम चेतावनी दी लेकिन इजराइल ने एक भी नहीं सुनी।
यूएन में ब्राजील के प्रस्ताव पर मतदान से गैहाजिर रहने वाले रूस ने अब कहा है कि उसने इजराइल-गजा युद्ध पर आपातकालीन विशेष सत्र के लिए 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा को बुलाने के लिए कहा है। वह वहां एक मसौदा प्रस्ताव को मतदान के लिए रखने का निर्णय ले सकता है, जहां किसी भी देश के पास वीटो शक्ति नहीं है। महासभा के प्रस्ताव गैर-बाध्यकारी होते हैं, लेकिन राजनीतिक महत्व रखते हैं।
बहरहाल, यूएस की यूएन में राजदूत थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने कहा कि अमेरिका निराश है कि प्रस्ताव में इज़राइल के आत्मरक्षा के अधिकारों का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने गजा मानवीय संकट के लिए हमास को दोषी ठहराया है।
बहरहाल, गजा तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के जरिए मिस्र और गजा के बीच राफा सीमा के पास सहायता भेजने की कोशिश जारी है। मिस्र का कहना है कि राफा को आधिकारिक तौर पर बंद नहीं किया गया है बल्कि गजा की ओर इजराइली हवाई हमलों के कारण यह निष्क्रिय हो गया है। संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को बताया: "हमें पूरे गजा में आपातकालीन जरूरतों की अनुमति देने के लिए सभी संबंधित पक्षों द्वारा सहमत एक सिस्टम की तत्काल जरूरत है।"
इजराइल ने गजा को पूरी तरह से घेर रखा है और उस पर भीषण बमबारी गुरुवार को भी जारी है। हमास ने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमला किया था, जिसमें इजराइल के मुताबिक 1,400 लोग मारे गए और 199 लोग बंधक बना लिए गए। इजराइल ने हमास को नष्ट करने की कसम खाई है। उधर, गजा में फ़िलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि 3500 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। जिसमें एकसाथ 500 से ज्यादा मंगलवार को गजा के अल अहली अस्पताल पर बमबारी के बाद मारे गए थे। इजराइल पर बमबारी का आरोप है लेकिन उसने इससे इनकार किया है और अस्पताल की घटना के लिए हमास से जुड़े इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार ठहराया है।
बाइडेन का रवैया
मंगलवार को गजा के अस्पताल पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बहुत चिंतित नजर आने का ट्वीट कर रहे थे। लेकिन बुधवार को तेल अवीव पहुंचने पर उन्होंने इजराइल के साथ मजबूती से खड़े होने की घोषणा कर दी। उनके जाने के बाद इजराइल ने कहा कि अमेरिका ने हमें जिस मदद का वादा किया है, उससे हम इस इलाके की पूरी भौगोलिक स्थिति बदल देंगे। अपनी यात्रा के दौरान, बाइडेन ने कहा कि इज़राइल पीड़ित है लेकिन वह गजावासियों की पीड़ा को दूर कर सकता है। उन्होंने इसराइल और फ़िलिस्तीनियों की मदद करने का भी वादा किया। बाइडेन ने गजा और वेस्ट बैंक में संघर्ष से प्रभावित फिलिस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता में 100 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है। कई सूत्रों ने बुधवार को ही कहा कि बाइडेन इस आंकड़े में अमेरिका जाने पर बदलाव कर सकते हैं। क्योंकि तमाम अमेरिकी सीनेटर गजा की मदद से साफ मना कर रहे हैं।बहरहाल इज़राइल ने कहा है कि वह मिस्र को गजा पट्टी में सीमित मात्रा में मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति देगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इस निर्णय को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के अनुरोध पर मंजूरी दी गई है। एक बयान में, उसने कहा कि जब तक आपूर्ति हमास तक नहीं पहुंचती, वह भोजन, पानी और दवा की डिलीवरी को "नहीं रोकेगा"। यह स्पष्ट नहीं है कि सहायता कब मिलनी शुरू होगी। मिस्र के रफ़ा क्रॉसिंग की क्षमता केवल सीमित है, और मिस्र का कहना है कि यह इज़राइली हवाई हमलों से क्षतिग्रस्त हो गया है। समझा जाता है कि शुक्रवार को 20 ट्रक मानवीय सहायता लेकर गजा पहुंच सकते हैं।