महाराष्ट्र : पुलिस ने अश्लील डांस के लिए लड़कियों को किया मज़बूर
महाराष्ट्र के जलगाँव की इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया है। जलगाँव पुलिस पर महिला हॉस्टल की लड़कियों से ज़बरन कपड़े उतरवाने और उनसे अश्लील नृत्य करवाने का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि आशादीप महिला हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों से कपड़े उतरवाए गए और उनसे नृत्य करवाया गया। एक ग़ैरसरकारी संगठन की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
झूठे मामले में फँसाने की धमकी
दरअसल, एक सामाजिक संस्था ने इस शर्मनाक घटना का पर्दाफाश करते हुए जलगाँव के कलेक्टर से इसकी शिकायत की थी। शिकायत करते समय इस संस्था ने सुबूत के तौर पर इस घटना से जुड़ा एक वीडियो भी कलेक्टर को दिया, जिसके बाद कलेक्टर अभिजीत राऊत ने इस मामले की निष्पक्ष जाँच करने के आदेश दिए हैं।
घटना 1 मार्च की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि जाँच के नाम पर कुछ पुलिस कर्मचारी और कुछ अन्य लोग हॉस्टल में दाखिल हुए और उन्होंने लड़कियों को कपड़े उतरवाकर डांस करने पर मजबूर किया। जब लड़कियों ने ऐसा करने से इनकार किया तो उन्हें झूठे मामलों में फँसाने की धमकी दी गई।
विधानसभा में उठा मुद्दा
जलगाँव से बीजेपी विधायक श्वेता महाले ने विधानसभा में जब जलगाँव हॉस्टल कांड का मुद्दा उठाया तो महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए फौरन जाँच के आदेश दे दिए और 4 सदस्यों की एक कमेटी का गठन कर दिया। यह कमेटी 2 दिन में अपनी प्राथमिक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगी। विधायक श्वेता महाले का कहना है कि पहले जलगाँव पुलिस इस मुद्दे पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन सामाजिक संस्था ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
पर्दा डालने की कोशिश
उधर सामाजिक महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा की महिलाओं की सुरक्षा के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। यशोमती ने कहा कि उन्होंने जलगाँव के कलेक्टर से इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है और इस घटना में शामिल पाए गए लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इसके अलावा यशोमती ठाकुर ने महाराष्ट्र के अन्य महिला हॉस्टल की सुरक्षा कड़ी करने के आदेश भी दिए हैं।
गौरतलब है कि महिला और बालकल्याण विभाग की ओर से इस हॉस्टल में बेसहारा, प्रताड़ित और पीड़ित महिलाओं व लड़कियों के रहने-खाने का इंतजाम किया जाता है। इस मामले की शिकायत करने वाली सामाजिक संस्था को शिकायत मिली थी कि हॉस्टल में कुछ अनैतिक काम हो रहा है।
इसका पता लगने के लिए सामाजिक संस्था के लोग हॉस्टल पहुँचे, लेकिन हॉस्टल के सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया। इसके बाद हॉस्टल की लड़कियों ने खिड़कियों से चिल्ला कर पूरी घटना के बारे में बताया। फिलहाल इस मामले की जाँच राज्य सरकार द्वारा गठित चार सदस्यों की टीम ने करनी शुरू कर दी है।