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यूपी: पुलिस पर पथराव में कॉन्स्टेबल मरा, 11 गिरफ़्तार

यूपी: पुलिस पर पथराव में कॉन्स्टेबल मरा, 11 गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में ग़ुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें काँस्टेबल सुरेश वत्स की मौके पर ही मौत हो गई। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में तैनात थे। 

उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था का यह आलम है कि पुलिस अपने ही लोगों को उग्र भीड़ से नहीं बचा पा रही है। बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत के बहुत दिन नहीं हुए है, एक और पुलिस वाले की मौत भीड़ की हिंसा में हो गई। ग़ाज़ीपुर में बेक़ाबू भीड़ के पथराव और उससे हुई झड़प में कांस्टेबल सुरेश वत्स मारे गए। पुलिस ने 32 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई है और 11 लोगों को गिरफ़्तार कर  लिया है। बीते शनिवार यानी कि 29 दिंसबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शिलान्यास कार्यक्रम में भाग लिया था। इस कार्यक्रम के समापन के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं की गाड़ियों पर सुहेल देव समाज पार्टी और निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर पथराव किया। जब हालात क़ाबू करने के लिए पुलिस ने दखल दिया तो लोगों ने पुलिस वालों पर ही पथराव शुरु कर दिया।  पुलिस कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई। 

कॉन्स्टेबल वत्स को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए तैनात किया गया था। पुलिस का कहना है कि जब वह कार्यक्रम से वापस लौट रहे थे तो उनका सामना हंगामा कर रहे लोगों से हुआ। पुलिस ने हंगामे को क़ाबू करने की कोशिश की तो लोग पुलिस पर ही पथराव करने लगे। 

इस पथराव में गंभीर रूप से घायल सुरेश वत्स की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक़, ये लोग निषाद समुदाय के थे और रोज़गार और शिक्षा में आरक्षण को लेकर हंगामा कर रहे थे। हालांकि, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय कुमार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कोई भी कार्यकर्ता इस हंगामे में शामिल नहीं था। 

40 लाख का मुआवजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स की मौत पर दुख प्रकट करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने परिवार को 40 लाख रुपए की आर्थिक मदद, सिपाही सुरेश की पत्नी को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान किया है। ग़ौरतलब है कि इसी महीने की 3 तारीख़ को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोहत्या के नाम पर हिंसा हुई थी जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई थी। अभी तक यह मामला पूरी तरीके से सुलझा भी नहीं था कि इसी तरीके की एक और हिंसा भड़क उठी। 

वत्स के बेटे  वी. पी. सिंह ने पुलिस की आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य की पुलिस अपने ही लोगों की हिफ़ाजत नहीं कर पा रही है तो उससे क्या उम्मीद की जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की वारदात पहले भी हुई हैं। सिंह ने इसके साथ ही यह भी कहा कि अब हम मुआवजा  लेकर क्या करेंगे। 

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