ब्राजील में बने अराजक माहौल और वहां सरकारी बिल्डिंगों में अराजक तत्वों पर पीएम नरेंद्र मोदी ने आज 9 जनवरी को गहरी चिन्ता जताई। लेकिन सोशल मीडिया ने उनकी चिन्ता पर अतीत से जुड़े तमाम सवालों की बौछार कर दी। मोदी के ट्वीट को टैग करते हुए लोगों ने बेझिझक टिप्पणियां कीं तो इस खबर को चलाने वाली न्यूज एजेंसियों की खबरों पर भी पीएम को लेकर तीखी टिप्पणियां हुई हैं।
पहले ये जानिए कि पीएम मोदी ने ब्राजील की घटना पर क्या ट्वीट किया है। पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को टैग करते हुए ट्वीट किया- ब्रासीलिया (राजधानी) में सरकारी संस्थानों में दंगों और तोड़फोड़ की खबरों से बेहद चिंतित हूं। लोकतांत्रिक परंपराओं का सभी को सम्मान करना चाहिए। हम ब्राजील के अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं। बता दें कि दक्षिणपंथी विचारधारा के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ब्राजील में हुए चुनाव में बहुत कम अंतरों से लूला की पार्टी से हार गए। उनके समर्थकों ने ही कल रविवार को सरकारी संस्थाओं में घुसकर अराजकता फैलाई और आज सोमवार तक वहां जमा रहे। जिन्हें अब गिरफ्तार किया जा रहा है।
पीएम मोदी की ब्राजील वाली टिप्पणी सोशल मीडिया पर सोमवार सुबह से वायरल है। तमाम लोग मोदी को विश्व गुरु बताते हुए टिप्पणी कर रहे हैं। वहीं तमाम लोग पूछ रहे हैं कि क्या 2024 में भारत में ऐसा हुआ तो यही सब दोहराया जाएगा। मोदी के ट्विटर हैंडल पर जाकर लोग इस ट्वीट के नीचे टिप्पणियां कर रहे हैं। दूसरी तरफ एएनआई न्यूज एजेंसी ने जब इसे खबर के रूप में ट्वीट किया तो वहां भी लोग तीखी टिप्पणियां कर रहे हैं। सोशल मीडिया से सरकार को पता चल रहा होगा कि देश की नब्ज किस तरह चल रही है। कुछ ट्वीट को आपके लिए पेश किया जा रहा है।
राहुल मुखर्जी नामक ट्विटर यूजर ने पीएम मोदी के ही ट्विटर हैंडल पर एएनआई का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि मोदी जी ये आपके राज्य गुजरात में पिछले हफ्ते हुआ है। बता दें कि गुजरात में पिछले हफ्ते बजरंग दल के लोगों ने पठान फिल्म का बहिष्कार करते हुए उसके पोस्टर वगैरह फाड़ डाले। एक्टर शाहरुख खान के फोटो को जूते-चप्पल से कुचला।
अनूप नामक ट्विटर यूजर ने पीएम मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को टैग करते हुए भारत में 2024 में क्या हो सकता है, इस पर चिंता जताई है। अनूप का कहना है कि जिस तरह विपक्ष और उदारवादी भारत में सीएए, एनआरसी जैसे आंदोलनों का समर्थन करते हैं, यहां भी 2024 में ऐसा हो सकता है। इसे रीट्वीट कम मिला लेकिन 44 हजार से ज्यादा लोगों ने इस ट्वीट को पढ़ा, ऐसा ट्वीट का डेटा कहता है।
शुभ्रा ने पीएम मोदी को टैग करते हुए एक लाइन का तीखा कमेंट किया है - मोदी की डिक्शनरी से डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) बाहर है।
चंद्रू नामक यूजर ने ब्राजील पर पीएम मोदी की टिप्पणी के आधार पर उन्हें विश्व गुरु बताया और उनका फोटो भी ट्वीट किया।
विक्रांत कौल ने पीएम मोदी को टैग करते हुए लिखा है - दूसरों पर ट्वीट करने की बजाय अपने मुद्दों को हल करो। दिल्ली में न जाने कितनी बार दंगे हुए और तोड़फोड़ हुई। आपने क्या किया। अपराधियों को कब सजा मिलेगी।
खुद को आईटी प्रोफेशनल और किसान बताने वाले जितेन्द्र पाल ने लिखा है - सर, जिन अल्पसंख्यकों को हिन्दू आतंकी टारगेट कर रहे हैं, आप उस पर कब चिन्ता जताएंगे। आप दिल्ली, गुजरात औऱ यूपी के दंगों पर कब चिन्ता जताएंगे। अब कब बिल्कीस बानो पर चिन्ता जताएंगे।
ट्विटर यूजर अविनाश कुमार यादव ने अपनी बात कहने के लिए पीएम मोदी को टैग करते हुए एक मशहूर कहावत का सहारा लिया - सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।
ब्रजेश नंदन ने भी पीएम मोदी को टैग करते हुए मशहूर फिल्मी डायलॉग का सहारा लिया - शीशे के घर में रहने वाले दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते हैं।
दिव्यम ने पीएम मोदी को टैग करते हुए सवाल किया है - क्या ये उनका अपना अंदरुनी मामला अब नहीं है।
अरविन्द विश्वकर्मा ने पीएम मोदी को टैग करते हुए फरमाया है - अरे गुरु जी ब्राज़ील का लोकतंत्र तो ठीक है , कभी अपने भारत का भी लोकतंत्र देख लिया करिए, जैसे मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और अब एमसीडी दिल्ली ...।
सेल्स प्रोफेशनल हरिओम शर्मा ने पीएम मोदी को टैग करते हुए लिखा है - अच्छा मजाक है सर। पीएम मोदी के ब्राजील वाले ट्वीट पर जवाब देने वाले ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्होंने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है। कुछ लोगों ने मोदी को टैग करते हुए अपनी समस्याएं भी बता डाली हैं। उन्हें उम्मीद है कि पीएम से इसे पढ़कर उनकी समस्या हल कर देंगे।
इसी तरह डॉ मनोज कुमार ने भी पीएम मोदी को टैग करते हुए लिखा है कि दूसरे देशों में तोड़फोड़ की इतनी चिन्ता और अपने देश में क्या हो रहा है, उस पर चिन्ता जताने के लिए समय नहीं है।
पीएम मोदी के इस ट्वीट को न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर के रूप में जारी किया है। सोशल मीडिया पर वहां भी लोगों ने जमकर सवाल उछाले हैं। वहां भी 2024 और जेएनयू, जामिया, एएमयू, बीएचयू में छात्र-छात्राओं के आंदोलन पर की गई बर्बरता को याद करते हुए सवाल पूछे गए हैं। हालांकि पीएम मोदी के समर्थन में कम ट्वीट नहीं हुए हैं। जिसमें उन्हें विश्व गुरु और संवेदनशील तक बताया गया है। कुल लोगों ने उन्हें महापुरुष कहा है। कुछ लोगों ने देवताओं के फोटो लगाकर पीएम मोदी का सम्मान किया है। बहरहाल, सोशल मीडिया पर आ रही टिप्पणियों से देश के मिजाज का पता लगाया जा सकता है। बीजेपी भी इसके जरिए देश का मिजाज भांप सकती है।