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पीएम मोदी की पाकिस्तान को चेतावनी, अग्निवीर का बचाव, कांग्रेस का जवाब

पीएम मोदी की पाकिस्तान को चेतावनी, अग्निवीर का बचाव, कांग्रेस का जवाब

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार 26 जुलाई को करगिल में विजय दिवस के मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने आतंकवादियों और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। मोदी ने अग्निवीर योजना का बचाव किया तो कांग्रेस ने इसका कड़ा जवाब दिया। 

जम्मू-कश्मीर में बढ़ते हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करगिल विजय दिवस पर पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत हर आतंकी चुनौती को हरा देगा। प्रधान मंत्री ने लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग की शुरुआत भी की। यह सुरंग 15,800 फीट की ऊंचाई पर पूरी होने पर सबसे ऊंची सुरंग होगी।

करगिल युद्ध स्मारक पर एक सभा को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 25 साल पहले न केवल करगिल युद्ध जीता, बल्कि "सच्चाई, संयम और शक्ति" का अद्भुत उदाहरण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान अतीत में अपने सभी नापाक प्रयासों में विफल रहा है लेकिन आतंकवाद और छद्म युद्ध की मदद से खुद को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।

मोदी ने कहा- "पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। आज मैं उस जगह से बोल रहा हूं जहां आतंक के आका सीधे मेरी आवाज सुन सकते हैं। मैं आतंकवाद के इन संरक्षकों को बताना चाहता हूं कि उनके नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे। हमारे सैनिक आतंकवाद को कुचल देंगे।" पीएम मोदी ने कहा, हम पूरी ताकत लगाएंगे और दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

26 जुलाई 1999 को, भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" की सफलता की घोषणा की, जिसमें लद्दाख में लगभग तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद करगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से पर पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जा कि गए ठिकानों या चोटियों को फिर से प्राप्त किया गया। युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में इस दिन को 'करगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है। हालांकि इस युद्ध में भारतीय सेना के कई युवा अफसर शहीद हो गए थे।

मोदी ने अग्निवीर मुद्दा उछाला, विपक्ष पर हमला

इस मौके पर पीएम मोदी ने सेना के लिए अग्निपथ भर्ती योजना का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष पर हमला किया और कहा कि वे जानबूझकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा सुधारों को रक्षा क्षेत्र की पहली प्राथमिकता बनाया है। मोदी ने कहा-  "कुछ लोग यह भी भ्रांति फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन का पैसा बचाने के लिए यह योजना लेकर आई है। आज के भर्तियों के लिए पेंशन का सवाल 30 साल बाद उठेगा। सरकार इस पर आज फैसला क्यों लेगी? उसे इसे इसी पर छोड़ देना चाहिए था।"

 

कांग्रेस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी भी सैनिकों की परवाह नहीं की और वन रैंक वन पेंशन योजना के बारे में भी 'झूठ' बोला।

पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह योजना किसी भी तरह से सशस्त्र बलों की क्षमता को मजबूत नहीं करती है। उन्होंने कहा, "अग्निपथ योजना आवश्यक प्रशिक्षण और लाभ के बिना सशस्त्र बलों में एक अल्पकालिक प्रेरणा योजना है। एक पेशेवर सेना को आगे बढ़ने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और पूर्ण कमीशन की आवश्यकता होती है।"

सरकार ने जब अग्निपथ योजना के जरिए अग्निवीरों की भर्ती शुरू की तो देश के कई हिस्सों में इस योजना का जबरदस्त विरोध युवकों ने किया था। कांग्रेस, सपा, आरजेडी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार केंद्र में आई तो वे अग्निवीर योजना को खत्म कर देंगे। सेना में जैसे पहले भर्ती होती थी, वैसे ही भर्ती होगी। चार साल के लिए अग्निवीर भर्ती नहीं किए जाएंगे। 

  • यहां यह बताना जरूरी है कि दरअसल, बीजेपी की एक आंतरिक रिपोर्ट में भी उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के पीछे अग्निपथ योजना के प्रति युवकों की नाराजगी को एक कारण बताया गया है। भले ही पीएम मोदी इस योजना को अब सही ठहराने में जुट गए हैं। 

अग्निपथ योजना के तहत सेना, नौसेना और वायु सेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर अग्निवीरों की भर्ती की जाती है। कुल वार्षिक भर्तियों में से केवल 25% को ही स्थायी कमीशन के तहत अगले 15 वर्षों तक जारी रखने की अनुमति है। इस तरह के सैनिक को किसी भी तरह की पेंशन आदि नहीं मिलती है। 

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