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पीएम मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के लिए कतर के शासक को कहा धन्यवाद

पीएम मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के लिए कतर के शासक को कहा धन्यवाद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के लिए कतर के अमीर यानी शासक शेख तमीम बिन हमाद अल थानी को धन्यवाद कहा है। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई के लिए कतर के अमीर यानी शासक शेख तमीम बिन हमाद अल थानी को धन्यवाद कहा है। 

यूएई के दो दिनों के दौरे के बाद पीएम मोदी बुधवार की रात ही कतर की राजधानी दोहा पहुंचे थे। दोहा एयरपोर्ट पहुंचने पर कतर के विदेश राज्य मंत्री सोल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी का कतर में शानदार स्वागत किया गया है।

पीएम मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से दोहा में मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की है। 

पीएम मोदी को कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुर्रहमान बिन जस्सीम अल थानी से भी मुलाकात की है। 

इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत और कतर के बीच होने वाले व्यापार, निवेश, ऊर्जा, वित्त आदि क्षेत्रों में परस्पर सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत की है। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सहभागिता बढ़ाने पर भी चर्चा की है। 

कतर में काम करने वाले पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर यानी शासक अल थानी को धन्यवाद दिया है। पीएम मोदी ने कतर के अमीर को भारत आने का भी न्योता दिया है।  

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूसरी बार कतर गए हैं। इसके पहले वह 2016 में दोहा पहुंचे थे। कतर और भारत के बीच इस इस समय करीब 20 अरब डॉलर का कारोबार होता है। कतर में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इस छोटे से खाड़ी देश में करीब 8 लाख भारतीय रहते हैं। ये भारतीय कतर की अर्थव्यवस्था में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

कतर पहुंचने पर बुधवार की रात ही पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी। कतर में उन्हें अपने बीच पाकर भारतीय लोगों ने इस दौरान 'मोदी-मोदी' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाये। 

12 फरवरी को हुई थी इनकी रिहाई

कतर ने 12 फरवरी को भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को जेल से रिहा कर दिया था। इनमें से 7 उसी दिन भारत आ भी गये थे। इन्हें जासूसी के आरोप में मौत की सजा दी गई थी।

भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने 12 फरवरी को ही एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि कतर में भारत के इन पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद भी नजर रख रहे थे।

उन्होंने कहा था कि हम कतर की तरफ से उठाए गए कदम के लिए उनके शुक्रगुजार हैं। उन्होंने कहा था कि हम कतर के शुक्रगुजार हैं कि उसने हमारे पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है।

कतर की खुफिया एजेंसी ने 30 अगस्त 2022 को इन 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को गिरफ्तार किया था। ये सभी पूर्व नौसैनिक अधिकारी कतर की नौसेना को ट्रेनिंग देने वाली एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम करते थे। 

दहरा ग्लोबल रक्षा सेवाएं मुहैया करवाती है। ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमिस अल अजमी इस कंपनी के प्रमुख हैं। उन्हें भी इन 8 भारतीय पूर्व नौसैनिक अधिकारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था।

गिरफ्तारी से बाद इन आठों भारतीय नागरिकों पर मुकदमा चलाया गया था और 26 अक्टूबर 2023 को इन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में 28 दिसंबर को इनकी सजा को कैद में बदल दिया गया था। 

पिछले 12 फरवरी को इन सभी 8 लोगों की रिहाई को भारतीय विदेश नीति की बड़ी सफलता माना गया है। 

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