पीएम सुरक्षा चूक पर पंजाब में 7 अफ़सर निलंबित; पीएम बोले थे- मैं ज़िंदा लौटा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा चूक के मामले में सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें फिरोजपुर जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और दो डीएसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं।
सुरक्षा चूक का मामला पिछले साल 5 जनवरी का था। जब प्रधानमंत्री मोदी विधानसभा चुनावों के लिए एक रैली में भाग लेने के लिए पंजाब में थे। किसानों के विरोध-प्रदर्शन की वजह से पीएम का काफिला एक फ्लाई ओवर पर क़रीब 20 मिनट तक फँसा रहा था। तब प्रधानमंत्री मोदी ने बठिंडा हवाई अड्डे पर लौटने पर अधिकारियों से कहा था, 'अपने सीएम को थैंक्स कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक ज़िंदा लौट पाया'। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने बठिंडा एयरपोर्ट के अधिकारियों के हवाले से यह रिपोर्ट दी थी।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान बेहद अहम इसलिए था क्योंकि पंजाब के दौरे पर उनके काफिले को एक फ्लाईओवर पर काफ़ी देर तक रुकना पड़ा था और इससे उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए। प्रधानमंत्री के आने से पहले फिरोजपुर को जाने वाली सड़कों को किसान संगठनों ने बंद कर दिया था। प्रधानमंत्री को तब पंजाब के फिरोजपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करना था। लेकिन मोदी कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच सके थे और इस वजह से रैली को रद्द कर दिया गया था। प्रधानमंत्री का काफिला 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुका रहा क्योंकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर पर जाम लगा दिया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक है।
तब तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी की सरकार, जिन्होंने तीन महीने पहले ही पदभार ग्रहण किया था, पर किसानों के विरोध के बारे में खुफिया जानकारी के बावजूद वैकल्पिक मार्ग नहीं बनाने का आरोप लगाया गया था। मुख्यमंत्री पर पीएम के सुरक्षा विवरण द्वारा किए गए कई एसओएस कॉल का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया गया।
इस पर कांग्रेस का कहना था कि पीएम की यात्रा रुट को राज्य पुलिस की जानकारी के बिना बदल दिया गया था। यह प्रोटोकॉल का पूरा उल्लंघन था। पीएम की पूरी सुरक्षा और उनका मूवमेंट एनएसजी के नियंत्रण में होता है। उसमें कहीं की भी पुलिस कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती। बता दें कि पीएम को पहले हवाई जहाज से जाने का कार्यक्रम था, लेकिन मौसम ठीक नहीं होने के कारण अचानक सड़क के रास्ते से उनको जाना पड़ा था।
इस मामले की जाँच के लिए पंजाब सरकार ने तो समिति बनाई ही थी, केंद्र ने भी तीन सदस्यीय जाँच समिति बनाई थी। सुरक्षा चूक की जाँच करने वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने सुरक्षा चूक के लिए राज्य के कई अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया था।
वर्तमान भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार ने अब इस चूक के लिए सात पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। फिरोजपुर के तत्कालीन पुलिस प्रमुख और अब बठिंडा के एसपी गुरबिंदर सिंह को पहले निलंबित कर दिया गया था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार 22 नवंबर के आदेश में कार्रवाई का सामना करने के लिए छह और पुलिसकर्मियों के नाम सूचीबद्ध किए गए हैं। राज्य गृह विभाग के आदेश के अनुसार, डीएसपी रैंक के अधिकारी पारसन सिंह और जगदीश कुमार, इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह और बलविंदर सिंह, सब-इंस्पेक्टर जसवंत सिंह और सहायक सब-इंस्पेक्टर रमेश कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है।
आदेश में कहा गया है कि सभी सात पुलिसकर्मियों को पंजाब सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम, 1970 के नियम 8 के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इन नियमों के तहत दंड पदोन्नति रोकने से लेकर सेवा से बर्खास्तगी तक हो सकता है।