क्या कांग्रेस गुजरात चुनाव में बीजेपी को झटका देने जा रही है? क्या बीजेपी की हालत ख़राब है? आख़िर प्रधानमंत्री मोदी क्यों कह रहे हैं कि राज्य में कांग्रेस गुपचुप चुनावी अभियान चला रही है और बीजेपी कार्यकर्ताओं को सचेत हो जाना चाहिए? आख़िर वह संकेतों में आम आदमी पार्टी को लेकर क्यों कह रहे हैं कि 'अर्बन नक्सल अपना भेस बदलकर गुजरात में घुसने की कोशिश कर रहे हैं'? क्या प्रधानमंत्री मोदी के इन बयानों के मायने ये हैं कि बीजेपी को इस बार गुजरात चुनाव में कड़ी चुनौती मिलने वाली है या फिर बीजेपी की यह कोई नयी रणनीति है?
गुजरात में अगले कुछ महीने में ही चुनाव होने वाले हैं। राज्य में चुनावी अभियान जोरों पर है। आम आदमी पार्टी जहाँ अपना प्रचार अभियान जोरों पर चला रही है वहीं बीजेपी ने भी अब अपना अभियान तेज़ कर दिया है। इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य के तीन दिन के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के चुनावी अभियान को लेकर आगाह किया।
उन्होंने गुजरात में कांग्रेस के 'गुपचुप' प्रचार के ख़िलाफ़ चेतावनी दी और कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा को विपक्षी पार्टी की 'साजिश' का मुक़ाबला करने के लिए अपनी चुनावी रणनीति में थोड़ा बदलाव करना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस बार गुजरात में अपनी रणनीति बदल दी है।
उन्होंने आणंद ज़िले के वल्लभ विद्यानगर में बीजेपी की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'मुझे आपको चेताने की ज़रूरत है क्योंकि मुझे लगता है कि इस बार कांग्रेस ने एक नई रणनीति अपनाई है। मैंने जांच नहीं की है, लेकिन पहली नज़र में मुझे यही लगता है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस निष्क्रिय दिखती है, लेकिन सच यह है कि उसके कार्यकर्ता चुपचाप गांवों और कस्बों में घूम रहे हैं और लोगों को भाजपा के खिलाफ वोट डालने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस बहुत शोर करती थी और भाजपा को खत्म करने का दावा करती थी। उन्होंने कहा कि कभी गुजरात में दबदबे वाली राजनीतिक ताक़त रही कांग्रेस खुलकर कुछ नहीं कह रही है।
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क्योंकि वे प्रेस में नहीं आ रहे हैं, न ही कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं या भाषण दे रहे हैं, इसलिए भ्रमित न हों। सावधान रहें... कांग्रेस एक नई रणनीति के साथ घुसपैठ करने की कोशिश कर रही है।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
इसके लिए मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मतदाताओं तक पहुंचने और आगामी चुनावों के लिए घर-घर जाकर प्रचार करने को कहा।
प्रधानमंत्री के इस भाषण पर आप के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी तंज कसा। उन्होंने कहा, 'क्या प्रधानमंत्री गुजरात में कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं?'
वैसे, प्रधानमंत्री मोदी के निशाने पर आम आदमी पार्टी भी प्रमुखता से रही। उन्होंने इशारों में हमला करते हुए कहा कि अर्बन नक्सल यानी शहरी नक्सली नए रूप में गुजरात में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने अपना चोला बदल लिया है, वह हमारे मासूम और ऊर्जावान युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमें देश को बर्बाद करने पर तुले इन नक्सलियों से अपने युवाओं को बचाना है। वे विदेशी शक्तियों के एजेंट हैं। शहरी नक्सलियों के सामने गुजरात कभी अपना सिर नहीं झुकाएगा, बल्कि विदेशी शक्तियों के ऐसे एजेंटों को गुजरात बर्बाद कर देगा।'
प्रधानमंत्री मोदी के इन बयानों को चुनावी रणनीति के तौर पर भी समझा जा सकता है। गुजरात में इस बार आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से मुक़ाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी खुद को मज़बूत दावेदार पेश कर रही है और चुनावी रैलियों की ऐसी तसवीरें भी सामने आ रही हैं जिसमें वह चुनौती पेश करती हुई दिखती है। हालाँकि, ज़मीनी हक़ीकत कुछ और हो सकती है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कांग्रेस की गुपचुप चुनावी अभियान ज़िक्र किए जाने को एक रणनीति के तौर पर संकेत देते हैं। बहरहाल, इन बयानों के मायने कुछ भी हों, लेकिन प्रधानमंत्री के बयान ने चुनावी माहौल को तो गरम कर ही दिया है।