मोदी बोले पुतिन से, रूस-यूक्रेन युद्ध ख़त्म करने में मदद के लिए भारत तैयार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि भारत रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालने में मदद के लिए तैयार है। पीएम रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुँचे हैं। रूस की अध्यक्षता में 22 से 24 अक्टूबर तक 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होना है। इसी दौरान पुतिन के साथ बैठक की शुरुआत में उन्होंने शांति और स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
पीएम मोदी ने कहा, 'हम रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद के मुद्दे पर लगातार संपर्क में हैं... जैसा कि मैंने पहले कहा, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए।' ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे सभी प्रयासों में मानवता को प्राथमिकता दी जाती है। भारत आने वाले समय में हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है।'
Had an excellent meeting with President Putin. The bond between India and Russia is deep-rooted. Our talks focussed on how to add even more vigour to our bilateral partnership across diverse sectors. pic.twitter.com/5KCjqSO0QS
— Narendra Modi (@narendramodi) October 22, 2024
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल समावेशन सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों और अन्य आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले तीन महीनों में रूस की अपनी दो यात्राओं को भी याद करते हुए कहा कि ये हमारे घनिष्ठ समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाती हैं।
भारत रूसी तेल का भी बड़ा ग्राहक है, जो पश्चिमी देशों के लिए बहुत बड़ी परेशानी है। अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं और व्यापार में रूस को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने कहा है कि वह जहां भी अच्छा सौदा मिलेगा, वहां से तेल खरीदेगा, जिससे भारत के नागरिकों को फायदा होगा।
रूस ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को कूटनीतिक जीत के रूप में पेश किया है, जो दिखाता है कि यूक्रेन संघर्ष पर मास्को को अलग-थलग करने के पश्चिमी प्रयास विफल साबित हुए हैं।
पुतिन के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की संभावना है। साथ ही वह अन्य ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
यह शिखर सम्मेलन रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व संकट सहित चल रही वैश्विक अशांति के मद्देनजर हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और इस मंच को संवाद के लिए एक मूल्यवान मंच बताया। उन्होंने पिछले साल ब्रिक्स के विस्तार के महत्व पर जोर दिया। ब्रिक्स ने नए सदस्यों का स्वागत किया, इसकी समावेशिता को व्यापक बनाया और वैश्विक प्रगति के लिए इसके एजेंडे को जोड़ा। मोदी ने कहा, 'मैं विभिन्न विषयों पर व्यापक चर्चाओं की आशा करता हूं।'
जुलाई में मास्को में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद यह इस वर्ष उनकी दूसरी रूस यात्रा है।
एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में विनय कुमार ने कहा कि ब्रिक्स एजेंडे के प्रमुख विषयों में आर्थिक सहयोग बढ़ाना, राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार निपटान को बढ़ावा देना, पीएम मोदी के लाइफ मिशन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटना और हाशिए के समुदायों के लिए डिजिटल और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना शामिल है।