भारत में कोई बंदी गृह नहीं: मोदी; कांग्रेस ने दावे को बताया ग़लत
नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर मचे शोर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली कर विपक्षी दलों पर लोगों को इस क़ानून को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया। मोदी ने रैली में दावा किया कि भारत में कोई भी बंदी गृह नहीं है। लेकिन थोड़ी ही देर बाद कांग्रेस ने उनके दावे को ग़लत बताया और कहा कि सिर्फ़ एक गूगल सर्च से पता चल सकता है कि प्रधानमंत्री का दावा ग़लत है।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘क्या पीएम मोदी सोचते हैं कि भारतीय उनके झूठ की पड़ताल करने के लिए एक गूगल सर्च भी नहीं कर सकते। बंदी गृह वास्तव में हैं और जब तक उनकी सरकार सत्ता में रहेगी तो यह इसी तरह बढ़ते रहेंगे।’
कांग्रेस ने अपने ट्वीट में अख़बारों की रिपोर्ट को भी अटैच किया है। इसमें एक रिपोर्ट में केंद्रीय गृह मंत्री नित्यानंद राय कह रहे हैं कि असम के बंदी गृह में 28 अवैध शरणार्थियों की मौत हुई है। रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ अफ़वाह फैलाने का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला था।
Does PM Modi believe Indians can't do a simple google search to fact check his lies
— Congress (@INCIndia) December 22, 2019
Detention Centres are extremely real and will continue to grow as long as this govt is in power. https://t.co/S8caIH6u6J pic.twitter.com/APl4JNfQgc
मोदी ने कहा था कि यह अफ़वाह फैलाई जा रही है कि नागरिकता संशोधन क़ानून मुसलिमों को उनके नागरिकता के अधिकार से वंचित करने और उन्हें बंदी गृह में भेजने की कोशिश है। मोदी ने रैली में कहा था, ‘किसी मुसलिम को बंदी गृह में नहीं भेजा जा रहा है और न ही भारत में कोई बंदी गृह है। लोग जिस तरह झूठ फैला रहे हैं, उससे मैं हैरान हूँ।’
प्रधानमंत्री ने रैली में कहा था कि विपक्षी राजनीतिक दल और ‘अर्बन नक्सल’ ने नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ अफ़वाह फैलाने का अभियान छेड़ा हुआ है और वे बीजेपी के दो बार लगातार लोकसभा चुनाव जीतने से दुखी हैं। मोदी ने यह भी कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस को असम में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत लागू किया गया था। मोदी ने इसे पूरे देश में लागू किए जाने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि उनके 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मोदी के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सरकार की एनआरसी पर रणनीति को लेकर कई मंचों पर अपनी बात कह चुके हैं। शर्मा ने कहा कि देश में डर, असुरक्षा और अनिश्चितता का माहौल है।
शर्मा ने कहा कि कुछ महीने पहले ही अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के बनगाँव में एक रैली में कहा था कि केंद्र सरकार पहले पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले विधेयक को पास करेगी और फिर घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए देश भर में एनआरसी को लागू करेगी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। ममता ने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने जो कुछ भी कहा है वह सार्वजनिक मंच पर है। हमारे प्रधानमंत्री देश भर में एनआरसी को लागू करने के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से गृह मंत्री के बयान का विरोध कर रहे हैं। भारत के बुनियादी विचार को कौन विभाजित कर रहा है लोग निश्चित रूप से यह तय करेंगे कि कौन सही है और कौन ग़लत है।’
मीडिया में आई कई ख़बरों में कहा गया है कि केंद्र सरकार असम के गोलपाड़ा जिले में फ़ुटबाल के 7 मैदानों के बराबर बंदी गृह बना रही है। इस तरह की भी ख़बरें आई हैं कि कर्नाटक के बेंगलुरू ग्रामीण जिले के नेलामंगला और नवी मुंबई में भी एक बंदी गृह बनाया जा रहा है।