प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु में एक मेगा रोड शो किया और इसरो जाते समय रास्ते में लोगों का अभिवादन किया। वह चंद्रयान-3 के लैंडर की सफल लैंडिंग और चंद्रमा की सतह पर प्रज्ञान रोवर की तैनाती के लिए व्यक्तिगत रूप से बधाई देने के लिए इसरो वैज्ञानिकों और अधिकारियों से मिलने पहुंचे। पीएम मोदी ने इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) का दौरा किया। दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की यात्रा से लौटने के तुरंत बाद वह बेंगलुरु पहुंचे।
प्रधानमंत्री का शनिवार का रोड शो एकदम चुनावी अंदाजा वाला था। भाजपा ने इस रोड शो के लिए काफी मेहनत की थी। हवाई अड्डे से लेकर इसरो मुख्यालय वाले रास्ते पर तमाम लोग, बच्चे, महिलाएं सड़क के किनारे खड़ी होकर पीएम मोदी का अभिवादन कर रहे थे।
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मंत्री आर. अशोक ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेता बीएल संतोष ने हमें पीएम के आने की सूचना दी। हम लोग एचएएल हवाई अड्डे पर 6,000 से अधिक लोगों के साथ बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने पहुंचे। उन्होंने एक मेगा रोड शो के आयोजन के संबंध में मुझसे बात की। फिर मैंने दशरहल्ली विधायक मुनिराजू से बात की है। पीएम मोदी ने बेंगलुरु को ऐसा मौका दिया है तो हम स्वागत में पीछे कैसे रहते।''
हालांकि शनिवार का रोड शो बहुत लंबा नहीं था। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि यह करीब एक किलोमीटर लंबा था। दरअसल, इतनी सुबह लंबे रोड शो की उम्मीद नहीं की जा सकती।
भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए स्थानीय कलाकारों को हवाई अड्डे के बाहर सड़कों पर ढोल बजाते और नृत्य करने के लिए बुला रखा था। प्रधानमंत्री के आने से पहले उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया था। हवाई अड्डे पर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या भी दिखाई दिए।
प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट पर बाहर निकलने के बाद नारा दिया- जय विज्ञान जय अनुसंधान। लेकिन जब वो इसरो पहुंचे तो यह नारा थोड़ा बदला हुआ था। इसरो में पहले उन्हें इसरो अधिकारियों और नागरिकों के समूह को संबोधित करना था। यहां उन्होंने नारा दिया- जय जवान,जय विज्ञान, जय अनुसंधान। पीएम मोदी ने इस संबोधन के बाद वैज्ञानिकों से मुलाकात की। उन्होंने महिला वैज्ञानिकों की खुलकर तारीफ की।
...और ये विवाद देखिए
2008 में चंद्रयान 1 की सफलता के बाद मोदी इसरो सेंटर गए और लंबा भाषण दिया था। वह तब गुजरात के सीएम थे। डॉ. मनमोहन सिंह पीएम थे, केंद्र में यूपीए सरकार थी। लेकिन किसी ने उन्हें इसरो सेंटर जाने से नहीं रोका। अब जब पीएम मोदी शनिवार को बेंगलुरु आए तो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को सभी प्रोटोकॉल तोड़कर अपने स्वागत के लिए आमंत्रित नहीं किया। वह अकेले ही इसरो सेंटर गए। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री को कहलवाया था कि उनका विमान पता नहीं किस समय बेंगलुरु पहुंचे, इसलिए उनके स्वागत में एयरपोर्ट आने की जरूरत नहीं है। इस संदेश का मतलब साफ था। अब कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है। हालांकि भाजपा इस बात पर नाराज है कि इसरो में पीएम मोदी के पहुंचने से पहले ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार इसरो जाकर वैज्ञानिकों को बधाई दे आए थे।