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एनडीए के 38 पर नहीं, बैठक का फोकस पीएम मोदी की तारीफ और भाषण होगा

एनडीए के 38 पर नहीं, बैठक का फोकस पीएम मोदी की तारीफ और भाषण होगा

विपक्षी एकता बैठक के जवाब में आज मंगलवार को दिल्ली में एनडीए की भी बैठक में है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 38 पार्टियों के जुटने का दावा किया है। लेकिन एनडीए की बैठक का फोकस सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का भाषण ही होगा। कोई क्षेत्रीय दल केंद्र की भाजपा सरकार को आलोचना के नजरिए से आईना दिखाने की कोशिश शायद ही कर पाए। 

विपक्ष की एकजुटता के जवाब में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को भी भाजपा खड़ा करने की कोशिश कर रही है। हालांकि केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा एनडीए को पूरी तरह भूल गई थी। लेकिन अब उसे एनडीए की फिर जरूरत महसूस हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की है कि एनडीए के 38 सहयोगियों ने आज मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है।

एनडीए की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। एनडीए की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। नई दिल्ली में एनडीए की बैठक की पूर्व संध्या पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद गठबंधन में शामिल हो गए।

एनडीए की बैठक भाषण तक सीमित रहने वाली है। जिसमें जाहिर है कि सभी दलों के नेता, अगर उन्हें बोलने का मौका मिला, तो पीएम मोदी का गुणगान करने के अलावा और कोई कार्यक्रम या भाजपा को जमीनी जानकारी देने की उम्मीद कम ही लगती है। बिहार के चिराग पासवान, यूपी के ओमप्रकाश राजभर या दक्षिण से पवन कल्याण अपने निश्चित मकसद के लिए एनडीए में शामिल हुए हैं। इस तरह एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री का भाषण ही मुख्य आकर्षण होगा।

भाजपा चाहे जितना दावा करे, विपक्ष की एकजुटता औऱ उसमें राजनीतिक दलों की मौजूदगी के आगे एनडीए की चमक फीकी है। उसमें शामिल होने वाले राजनीतिक दल विपक्षी दलों के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते। एनडीए में कई ऐसे दल भी शामिल होने का दावा किया गया है, जिनकी अतीत की राजनीति तो बहुत उल्लेखनीय रही है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनके बारे में कुछ नहीं सुना गया। यानी वो खबरों में ही नहीं थे।

एनडीए की बैठक से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के संस्थापक-अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ''देश की राजनीति में अब लड़ाई जैसा कुछ नहीं है। यूपी पर नजर डालें तो 80 सीटें हैं- विपक्ष कहां जीतेगा? सभी 80 सीटें एनडीए जीतेगी। मुझे लगता है कि चुनाव अब केवल एक औपचारिकता है, विपक्ष जितना चाहे उतना शोर मचा सकता है - इससे कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा...हमारा गठबंधन राष्ट्रीय स्तर का गठबंधन है...।''

एनडीए में पंजाब की प्रमुख पार्टी शिरोमणि अकाली दल (बादल) के होने का भी दावा किया गया है। जबकि अकालियों का यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के मुद्दे पर मतभेद है। ऐसे में अकाली दल शामिल होंगे, यह संशय अंत तक बना रहेगा। अगर अकाली दल आज एनडीए की बैठक में आता है तो इसका अर्थ है कि वो यूसीसी पर भी सहमत है। इसी तरह हरियाणा में भाजपा और जेजेपी मिलकर सरकार चला रहे हैं लेकिन जेजेपी ने हाल ही में घोषणा की थी वो हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि भाजपा शुरू से ही सभी दस सीटों पर लड़ती रही है। ऐसे में जेजेपी आज की बैठक में आती है या नहीं, इस पर नजर रहेगी।


दिल्ली पहुंचे बिहार के पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक जीतन राम मांझी ने कहा- ''...अपनी जमीन पर, नीतीश कुमार बड़े असफल साबित हुए हैं - चाहे वह भ्रष्टाचार हो, विकास हो, सामाजिक क्षेत्र में गरीबों का शोषण हो...वह एक बड़े विफल नेता है। यदि उन्हें संयोजक बनाया जाता है, तो मैं उन्हें कुछ सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना करूंगा।"

नए सहयोगी कौन हैं

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ओपी राजभर के नेतृत्व वाली एसबीएसपी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) सहित भाजपा के कई नए सहयोगी आज एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी, उपेन्द्र कुशवाह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) और पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना इन नए लोगों में शामिल है। बैठक में तमिलनाडु की एआईएडीएमके जैसी पार्टियां और पूर्वोत्तर राज्यों तथा देश के अन्य हिस्सों की कई पार्टियां भी मौजूद रहेंगी।

एनडीए में अब कौन-कौन

एनडीए बैठक में जिन पार्टियों के शामिल होने की संभावना है उनमें एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी, मेघालय), एनडीपी (नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी), एसकेएम (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा), जेजेपी (जननायक जनता पार्टी), आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन), आरपीआई (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया), एमएनएफ (मिजो नेशनल फ्रंट), टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस), आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा), बीपीपी (बोडो पीपुल्स पार्टी), पीएमके (पट्टाली मक्कल काची)। एमजीपी (महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी), अपना दल, एजीपी (असम गण परिषद), निषाद पार्टी, यूपीपीपीएल (यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल, असम), एआईआरएनसी (ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस, पुडुचेरी), शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त, दढियाल), जनसेना (पवन कल्याण), HAM (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा), RLSP (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी), VIP (विकासशील इंसान पार्टी, मुकेश सहनी) और SBSAP (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, ओम प्रकाश राजभर)।

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