पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को क्यों करेंगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। चार मंजिला इमारत में 1,200 से अधिक सांसद बैठ सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें नए संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है, 'नई इमारत आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है।'
माना जा रहा था कि इस नई इमारत का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के नौ साल पूरे होने के अवसर पर किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने नौ साल पहले 26 मई 2014 को पद की शपथ ली थी यानी इस हिसाब से इस इमारत का उद्घाटन नहीं होने जा रहा है। तो सवाल है कि आख़िर 28 मई की तारीख इसके लिए क्यों चुनी गई?
वैसे तो नई इमारत के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की सहूलियत के हिसाब से भी तारीख़ तय किए जाने की संभावना है, लेकिन 28 मई का दिन बीजेपी के लिए एक ख़ास महत्व भी रखता है। कहा जाता है कि सावरकर का जन्म 28 मई 1883 में हुआ था। तो क्या नई इमारत के उद्घाटन का इससे कुछ लेना-देना है? इस बारे में अभी तक सरकार की ओर से कुछ भी साफ़ नहीं किया गया है।
नए संसद भवन की आधारशिला दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी। नया भवन देश के पावर कॉरिडोर सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास का हिस्सा है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर इसको लेकर तंज कसा है। उन्होंने कहा है, 'नए संसद भवन के एकमात्र वास्तुकार, डिजाइनर और कार्यकर्ता, जिसका उद्घाटन वे 28 मई को करेंगे। तस्वीर यह सब बताती है- व्यक्तिगत वैनिटी प्रोजेक्ट।'
The sole architect, designer and worker for the new Parliament building, which he will inaugurate on May 28th. The picture tells it all—personal vanity project. pic.twitter.com/6eRtP9Vbhq
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 18, 2023
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। नई संसद में लोकसभा और राज्यसभा दोनों के मार्शलों का नया ड्रेस कोड होगा।
बता दें कि केंद्र में अपनी सरकार की नौवीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी की एक रैली और इसके वरिष्ठ नेताओं द्वारा 51 जनसभाओं सहित एक महीने के लंबे आउटरीच कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार इस अभियान के 30 मई से शुरू होने की संभावना है, जिस दिन पीएम मोदी ने 2019 में प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी और यह 30 जून तक जारी रहेगा।