नेपाल के लुंबिनी पहुंचे मोदी, बौद्ध केंद्र की नींव रखी
बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पड़ोसी देश नेपाल पहुंचे। उन्होंने नेपाल के लुंबिनी में बौद्ध संस्कृति और विरासत से जुड़े एक केंद्र की आधारशिला रखी। इस केंद्र का नाम इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बुद्धिस्ट कल्चरल हेरिटेज रखा गया है। माना जा रहा है कि उनकी इस यात्रा से भारत और नेपाल के रिश्ते और मजबूत होंगे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने लुंबिनी के माया देवी मंदिर में पूजा की और कुछ और कार्यक्रमों में भी भाग लिया।
प्रधानमंत्री को कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की ओर से भेजा गया था।
एक दशक पहले चीन ने भी लुंबिनी को एक विश्व शांति केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव नेपाल के सामने रखा था और इसमें तीन अरब डॉलर का खर्च आने की बात कही गई थी। लेकिन अभी इस बुद्धिस्ट कल्चर सेंटर में एक अरब भारतीय रुपए का खर्च आएगा और इसे पूरा होने में 3 साल लगेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से होते हुए नेपाल पहुंचे। कुशीनगर में भगवान गौतम बुद्ध को निर्वाण प्राप्त हुआ था।
सीमा विवाद को लेकर तनातनी
भारत और नेपाल के बीच बीते साल सीमा विवाद को लेकर तनातनी हुई थी और लिपुलेख और कालापानी को नेपाल ने अपना बताया था। तब ऐसा माना गया था कि चीन के इशारे पर नेपाल ऐसा कर रहा है। उस वक्त नेपाली संसद ने भारतीय इलाकों को नेपाल में दिखाने वाला विवादित नक्शा संसद में पास किया था और इसमें कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था।
तब भारत ने दावा किया था कि यह उसके इलाके हैं और इस तरह का कोई भी विधेयक अस्वीकार्य है। जबकि नेपाल ने कहा था कि यह उसके इलाके हैं।