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पीएम मोदी के स्कूल में देश भर के छात्रों को दी जाएगी जीवन की 'प्रेरणा'

पीएम मोदी के स्कूल में देश भर के छात्रों को दी जाएगी जीवन की 'प्रेरणा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बचपन में गुजरात के वडनगर के जिस स्कूल में पढ़े थे उसे अब देश भर के बच्चों के लिए 'प्रेरणा' स्कूल बनाया जाएगा। जानिए, कैसे प्रधानमंत्री मोदी की ज़िंदगी से प्रेरणा देने की क्या है योजना। 

प्रधानमंत्री मोदी अपने बचपन में जिस स्कूल में पढ़े थे वह अब अचानक से सुर्खियों में है। यहाँ अब देश भर के बच्चों को 'प्रेरणा' दी जाएगी। 2018 से स्कूल बंद कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई द्वारा इसकी मरम्मत और इसका रेनोवेशन कराया गया है। देश भर के हर जिले से दो बच्चों को चुनकर एक-एक हफ़्ते तक 'ज़िंदगी कैसे जीना है', इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रधानमंत्री मोदी की ज़िंदगी से 'प्रेरणा' दी जाएगी।

अगले साल देश के प्रत्येक जिले से दो बच्चों को एक सप्ताह के अध्ययन दौरे के हिस्से के रूप में गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर के उस प्राथमिक विद्यालय में ले जाया जाएगा, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी। सरकार ने एक दिन पहले ही इसकी घोषणा की है।

सरकार ने कहा है कि स्कूल को 'प्रेरणा: द वर्नाक्युलर स्कूल' नाम नाम दिया गया है और इसको एक 'प्रेरणादायक' स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारों की पहल से बने इस प्रेरणा स्कूल में छात्रों को ज़िंदगी जीने और आगे बढ़ने की प्रेरणाएँ दी जाएंगी। 

प्रत्येक बैच में 30 छात्र शामिल होंगे जिन्हें एक सप्ताह के लिए आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। रहने और आने जाने का खर्च संस्कृति मंत्रालय द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना के बारे में वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि भारत में 750 जिले हैं और प्रत्येक जिले से दो बच्चे भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा, 'हम पूरे वर्ष में कुल 1,500 बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे कि कैसे एक विकसित जीवन जिया जाए।' हालाँकि, यह साफ़ नहीं है कि किस वर्ग के बच्चों को उसमें शामिल किया जाएगा। लेकिन मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यह ज्यादातर कक्षा 9-10 के छात्रों के लिए होगा।

कहा गया है कि इसके लिए चयन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। इसके लिए छात्रों के 'बौद्धिक स्तर, रचनात्मकता और पाठ्येतर प्रदर्शन की जाँच की जाएगी।

अधिकारियों ने कहा कि प्रशिक्षण 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की अवधारणा पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि यह पढ़ाई नहीं होगी, यह सब अनुभव आधारित होगा।

परियोजना के नोट में कहा गया है, "दुनिया भर के महान नेताओं ने बदलाव के लिए अपनी प्रेरणादायक यात्रा में अपने पहले स्कूल को बेहद अहम माना है... प्रधानमंत्री की दृष्टि के आधार पर, यह अपनी तरह की पहली स्कूल पुनर्विकास परियोजना 'प्रेरणा' है। बदलाव लाने वाले बनने के लिए देश के युवाओं को प्रेरित करने के लिए यह किया जा रहा है... इसे भविष्य का स्कूल बनाने की कल्पना की गई है।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि वडनगर का यह स्कूल 19वीं सदी के अंत में बना था। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा कि 'वडनगर कुमार शाला नंबर 1' स्कूल को 1888 में स्थापित किया गया था। यह 2018 तक चलता रहा और उसी साल इसका रेनोवेशन का काम शुरू हुआ था। गुजरात शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जब इसका नवीनीकरण किया जा रहा था, तो इसके छात्रों को पास की कन्या शाला में स्थानांतरित कर दिया गया।

पूरे वडनगर का होगा कायाकल्प?

कहा जा रहा है कि पूरे वडनगर शरह के कायाकल्प की तैयारी है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में शहर के समग्र विकास के लिए एक मास्टर प्लान प्रगति पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2,500 से अधिक साल पहले शहर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र के रूप में काम करता था, और इसके साथ ही इसका समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। रिपोर्ट के अनुसार पुरातत्वविदों को खुदाई के दौरान कस्बे से कई ऐतिहासिक वस्तुएं मिली हैं। इसके चलते शहर में 2023 के अंत तक पहला हेरिटेज साइट म्यूजियम स्थापित किया जाएगा।

संग्रहालय के विकास से जुड़े सूत्रों के हवाले से एएनआई ने ख़बर दी है, 'खुदाई के दौरान 55,000 से अधिक मुहरें, आभूषण, चूड़ियाँ, मिट्टी के बर्तन आदि पाए गए हैं, जो इन सांस्कृतिक काल का एक हिस्सा हैं। इस विरासत को चित्रित करने के लिए दृश्य-श्रव्य कार्यक्रमों सहित आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।' विरासत स्थल संग्रहालय पर क़रीब 200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। 

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