अफ़ग़ान संकट: पीएम मोदी ने ली सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक
अफ़ग़ानिस्तान संकट पर स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की उच्चस्तरीय बैठक ली। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भाग लिया। यह बैठक तब हो रही है जब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर लिया है, वहाँ युद्ध जैसे हालात हैं और आज ही भारत ने काबुल स्थित दूतावास से अपने कर्मचारियों को निकाल लिया है। आज दोपहर ही काबुल स्थित दूतावास से भारत के कर्मचारियों को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान वापस लौटा है। इनकी सुरक्षा प्रमुख चिंता का कारण था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसको लेकर ट्वीट किया है।
Movement of the Indian Ambassador and the Embassy staff from Kabul to India was a difficult and complicated exercise. Thank all those whose cooperation and facilitation made it possible.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 17, 2021
जयशंकर ने कहा है, 'भारतीय राजदूत और दूतावास के कर्मचारियों का काबुल से भारत आना एक कठिन और जटिल कार्य था। उन सभी का धन्यवाद जिनके सहयोग और सुविधा ने इसे संभव बनाया।'
एक दिन पहले ही वायुसेना का विमान कुछ कर्मचारियों को लेकर वापस भारत आ गया था, लेकिन कई कर्मचारियों को तालिबान ने बंधक बना लिया था। क़रीब 36 घंटे बाद अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से उनको रिहा कराया जा सका और तालिबान के लड़ाकों ने ही अपनी सुरक्षा में आज उन भारतीय कर्मचारियों को काबुल एयरपोर्ट पर पहुँचाया। ये सभी भारतीय कर्मचारी वापस भारत पहुँच गए हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की उच्चस्तरीय बैठक में अफ़ग़ानिस्तान में मौजूदा हालात पर चर्चा की गई। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री स्थिति को लेकर लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। वह कल देर शाम तक स्थिति का जायजा ले रहे थे और फ्लाइट के उड़ान भरने पर उन्हें अपडेट किया गया। उन्होंने निर्देश दिए थे कि जामनगर लौटने वाले सभी लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
भारत के सामने एक बड़ी चुनौती यह भी है कि अब भारत आने को तत्पर अफ़ग़ानी लोगों को भारत कैसे लाए जाए। सरकार ने कहा है कि इस घड़ी में वह अफ़ग़ानी लोगों के साथ खड़ी है। इसने यह भी कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के हिंदुओं और सिखों को प्राथमिकता दी जाएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार कम से कम 1600 लोगों ने अब तक भारत आने के लिए आवेदन किया है।
दो दिन पहले ही तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है। अमेरिका से समझौता होने और अमेरिकी सैनिकों के वापस लौटने की घोषणा के बाद से तालिबान काफ़ी सक्रिय हो गये थे। उन्होंने काफ़ी तेज़ी से अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा जमाया है। हाल ही में 10 अगस्त को ही 'वाशिंगटन पोस्ट' ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी के हवाले से ख़बर दी थी कि तालिबान 90 दिनों में काबुल पर कब्जा कर सकता है, लेकिन इसके पाँच दिन में ही यानी 15 अगस्त को उसने काबुल पर कब्जा कर लिया। अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में 20 वर्षों में 8 बिलियन डॉलर यानी क़रीब 5.9 ख़रब रुपये ख़र्च कर चुका है। उसके सैकड़ों सैनिक मारे गए। और अब उसने अपने हाथ वापस खींच लिए।
एक बड़े और अहम घटनाक्रम में तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में आम माफ़ीनामा जारी किया है। तालिबान ने एक बयान जारी कर सभी सरकारी कर्मचारियों से कहा है कि वे अपना कामकाज पहले की तरह शुरू कर दें। बयान में कहा गया है, "सभी लोगों के लिए आम माफ़ीनामा जारी किया जा रहा है। आपको अपने रोज़मर्रा का कामकाज पूरे आत्मविश्वास के साथ शुरू कर देना चाहिए।"