पीएम मोदी खुद को भगवान द्वारा भेजा हुआ क्यों बता रहे हैं?
लोकसभा चुनाव का आधा मतदान ख़त्म होते-होते पीएम मोदी खुद को भगवान द्वारा भेजा हुआ शख्स बताने लगे। पीएम मोदी ने क़रीब दस दिन पहले न्यूज़ 18 को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका जन्म जैविक रूप से नहीं हुआ था, बल्कि उन्हें भगवान ने एक मिशन को पूरा करने के लिए भेजा था। इसके बाद वह यही बात क़रीब-क़रीब हर इंटरव्यू में दोहरा रहे हैं। इंडिया टीवी के कार्यक्रम में भी पीएम मोदी ने यही बात दोहराई। तो सवाल है कि आख़िर ऐसा करने के पीछे उनका मक़सद क्या है?
लोकसभा चुनाव के बीच में हैं। चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहे हैं। खुद ताबड़तोड़ रैलियाँ कर रहे हैं। अजीबोग़रीब बयान भी दे रहे हैं। तो क्या चुनाव में किसी तरह के फायदे के लिए वह बायोलॉजिकल वाला बयान दे रहे हैं? क्या चुनाव में बीजेपी की स्थिति ठीक नहीं है और अब इस वजह से वह ऐसा कर रहे हैं? या फिर पीएम मोदी की चुनाव बाद कुछ और ही योजना है?
इन सवालों के जवाब ढूंढने से पहले यह जान लीजिए कि पीएम आख़िर किस तरह की बात कहते रहे हैं। न्यूज़18 के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान मोदी ने कहा, 'जब मेरी मां जीवित थीं, तो मैं मानता था कि मैं जैविक रूप से पैदा हुआ हूं। उनके निधन के बाद अपने सभी अनुभवों पर विचार करने के बाद मुझे यकीन हो गया कि भगवान ने मुझे भेजा है। यह ऊर्जा मेरे जैविक शरीर से नहीं हो सकती, बल्कि भगवान ने मुझे प्रदान की है...। मैं जब भी कुछ करता हूं, तो मुझे विश्वास होता है कि भगवान मेरा मार्गदर्शन कर रहे हैं।'
प्रधानमंत्री मोदी खुद को भगवान द्वारा भेजा गया शख्स तब बता रहे हैं जब हिंदू धर्म के चारों शंकराचार्यों ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पीएम मोदी के रवैये पर नाराज़गी जताई थी। हिंदू धर्म में सबसे ऊँचे धर्माचार्य माने जाने वाले शंकराचार्यों ने कहा था कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जो कुछ हो रहा है वह दोनों- पवित्र धर्म पुस्तकों की मान्य प्रथाओं और संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने 22 जनवरी को राम क्षेत्र तीर्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में मोदी ने पुजारी की सभी भूमिकाएं खुद ले ली थीं। शंकरचार्यों ने इस पर नाराज़गी जताई थी। उनकी आपत्ति इस बात को लेकर भी थी कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर के पूर्ण निर्माण के बाद ही की जानी चाहिए। कहा गया था कि प्राण प्रतिष्ठा पति-पत्नी साथ ही कर सकते हैं। इसके साथ ही कई और सवाल भी उठाए गए थे।
बीजेपी नेता बताते रहे हैं भगवान का अवतर
गिरिराज सिंह, कंगना रनौत जैसे बीजेपी के कई नेता तो पीएम मोदी को भगवान का अवतार बताते रहे हैं। हाल ही में भाजपा के प्रवक्ता और ओडिशा से चुनाव लड़ रहे संबित पात्रा के एक बयान पर विवाद हो गया था। उन्होंने कहा था, 'भगवान जगन्नाथ मोदी के भक्त हैं'। इस बयान से उनको चुनाव में नुक़सान की आशंका थी। उन्होंने इसकी भरपाई में कहा कि उनकी जुबान फिसल गई थी। उन्होंने माफी मांगी थी और प्रायश्चित के तौर पर उपवास रखा था।
पिछले महीने कंगना रनौत ने पीएम मोदी को भगवान विष्णु का अवतार बता दिया था। उससे कुछ दिन पहले उन्होंने मोदी को श्रीराम का अवतार बता दिया था। इसी साल जनवरी महीने में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना अवतरित पुरुष से की थी। उन्होंने कहा था कि जैसे पहले अत्याचार बढ़ने पर भगवान किसी न किसी रूप में जन्म लेते थे वैसे ही फिर त्रेता युग की स्थापना कर नरेंद्र मोदी अवतरित पुरुष हुए हैं।
राहुल गांधी ने बायोलॉजिकल बयान का उड़ाया मजाक
बहरहाल, राहुल गांंधी ने पीएम मोदी के इंटरव्यू में किए गए दावों का मजाक उड़ाया। राहुल गांधी ने पिछले दिनों एक जनसभा कहा था, 'नरेंद्र मोदी एक इंटरव्यू में कहते हैं कि मैं बायोलॉजिकल नहीं हूं। मतलब हिंदुस्तान की सारी जनता, जीव सब बायोलॉजिकल हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी बायोलॉजिकल नहीं हैं। मोदी जी कहते हैं कि मुझे परमात्मा ने भेजा है और उनके चमचे कहते हैं- वाह, वाह, वाह, क्या बात बोली है।' राहुल गांधी ने आगे पीएम मोदी के बयान पर तंज कसते हुए कहा, 'मतलब लोग कोविड में दम तोड़ते रहे, वो जिन्हें परमात्मा ने भेजा है, कह रहे थाली बजाओ, मोबाइल की लाइट जलाओ। बताओ परमात्मा ने ये कैसा आदमी भेज दिया?'
जैसी बातें प्रधानमंत्री आजकल कर रहे हैं, वैसी बातें कोई आम व्यक्ति करे तो आप उसे सीधा मनोचिकित्सक के पास लेकर जाएंगे। pic.twitter.com/7mPkewD6EH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 23, 2024
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी पीएम मोदी के बयान पर तंज कसे हैं। उन्होंने कहा कि क्या कोई दिव्य प्राणी, जिसका जन्म बायोलॉजिकल नहीं हुआ है, भारत में नागरिकता के लिए पात्र हो सकता है और अगर नहीं, तो क्या उसे वोट देने या चुनाव लड़ने का अधिकार है?
Innocent question: can a divine being be eligible for citizenship in India, and if not, does He have the right to vote or to contest elections? Could @ECISVEEP look into the question of a self-proclaimed divinity participating in the electoral fray? pic.twitter.com/OAmF7d7VKA
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 24, 2024
वैसे, हाल के दिनों में पीएम मोदी के बयान अजीब-अजीब आने लगे हैं। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लीम लीग की छाप बताया था। फिर उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिंदू महिलाओं के मंगलसूत्र छीनकर ज़्यादा बच्चे पैदा करने वालों और घुसपैठियों को देने की तैयारी की जा रही है। फिर उन्होंने कहा कि संपत्ति का पुनर्वितरण कर हिंदुओं की संपत्ति छीन ली जाएगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को सरकारी टेंडर में आरक्षण की तैयारी की जा रही है। इस बीच, पीएम मोदी ने अचानक अडानी और अंबानी का नाम ले लिया। उन्होंने कह दिया कि अडानी अंबानी ने कांग्रेस के घर टेम्पो भेज रहे हैं। हालाँकि, ये बयान पीएम मोदी के उल्टे पड़ गए।
हालाँकि, एक सच यह भी है कि वह लगातार मंदिर जाते रहे हैं। वह कई बार गेरुआ वस्त्र में दिखते रहे हैं। मई 2019 में उन्होंने केदारनाथ की एक गुफा में ध्यान करते हुए अपनी तस्वीर खिंचवाई थी और उन्होंने कितनी बार कहा है कि उन्होंने शादी के बाद पहाड़ों पर घूमने के लिए घर छोड़ दिया था। उनका बार-बार यह दावा करना कि वह एक 'फकीर' हैं, एक भिक्षुक हैं। इसके बावजूद वह प्रधानमंत्री पद पर बने हुए हैं। अब खुद को बायोलॉजिकल जन्म से इतर भगवान का भेजा हुआ शख्स बताते हैं। लेकिन उनके हर बयान पर सवाल उठते रहे हैं और विपक्षी नेता उनके अधिकतर बयान को झूठा होने का आरोप लगाते रहे हैं।