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संसद में पीएम: हर समस्या के लिए नेहरू, कांग्रेस, 'परिवारवाद' ज़िम्मेदार?

संसद में पीएम: हर समस्या के लिए नेहरू, कांग्रेस, 'परिवारवाद' ज़िम्मेदार?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में बजट सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को दिए गए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 'धन्यवाद प्रस्ताव' का जवाब दिया। जानिए, चुनाव से पहले क्या उनका जवाब भी क्या चुनावी रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 'धन्यवाद प्रस्ताव' के जवाब में नेहरू और कांग्रेस को कोसा। उन्होंने पार्टी पर 'परिवारवाद' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने परिवारवाद के लिए विपक्ष को ख़त्म कर दिया और यह लोकतंत्र के लिए ख़तरा है। प्रधानमंत्री ने महंगाई से लेकर, देश के बंटवारे, अनुच्छेद 370 आदि तमाम समस्याओं के लिए नेहरू और कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कांग्रेस को 'खारिज करने की संस्कृति' अपनाने का आरोप भी लगाया। पीएम मोदी के भाषण ने एक तरह से लोकसभा चुनाव का एजेंडा तय किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस एक परिवार में उलझ गई है और वह अपने परिवार के बाहर देखने को तैयार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र के लिए परिवारवाद की राजनीति चिंता का विषय होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपनी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने से रोका। उन्होंने कहा कि हमें देश में एक भरोसेमंद विपक्ष की जरूरत है। पीएम ने कहा, ' मैं देख रहा हूं कि बहुत से लोग चुनाव लड़ने का हौसला भी खो चुके हैं। मैंने सुना है बहुत लोग सीट बदलने की फिराक में हैं। बहुत लोग लोकसभा के बदले अब राज्य सभा में जाना चाहते हैं। वे विपक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहे। मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है।' उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'खड़गे एक सदन से दूसरे सदन चले गए हैं और गुलाम आजाद ने पार्टी ही बदल ली है। यह सब परिवारवादी की राजनीति के कारण है। अब उनकी दुकान बंद करने का समय आ गया है।'

उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के वादों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं। पीएम ने कहा, 'उन्होंने संसद के बाहर रहने की प्रतिज्ञा की है। उनके भाषण के एक-एक बात से मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है कि इन्होंने लंबे अरसे तक वहां रहने का संकल्प ले लिया है। आप कई दशक तक जैसे सत्ता में बैठे थे, वैसे ही कई दशक विपक्ष में बैठने का संकल्प ले लिया है। जनता-जनार्दन तो ईश्वर का रूप होती है। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि लोग आपकी नियति तय करेंगे।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह 'कैंसिल' कल्चर में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आत्मनिर्भर भारत, वंदे भारत, सेंट्रल विस्टा आदि सहित सब कुछ 'कैंसिल' करना यानी खारिज करना चाहती है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत बीजेपी के तीसरे कार्यकाल में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। पीएम ने कहा, 'भाजपा सरकार की काम करने की स्पीड और हमारा लक्ष्य पूरी दुनिया देख रही है। कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुक़ाबला नहीं है। आज देश में जिस रफ्तार से काम हो रहा है कांग्रेस उस रफ्तार की कल्पना भी नहीं कर सकती है।'

पीएम का नेहरू पर फिर हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस पर हमला करने के लिए एक बार फिर से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला किया। उन्होंने नेहरू का नाम लेकर कहा, 'देश के नागरिकों के लिए वो कैसा सोचते थे। अगर मैंने नाम बोला तो उनको चुभन होगी, लेकिन लाल किले से पीएम नेहरू ने जो कहा था वो एक बार सुनना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आम तौर पर नहीं है। हम उतना काम नहीं करते हैं जितना कि यूरोप वाले, जापान वाले, अमेरिका वाले, रूस वाले करते हैं। यह न समझिए कि वह कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गई। वे मेहनत और अक्ल से हुई हैं।' 

प्रधानमंत्री ने नेहरू पर हमला करते हुए कहा कि वे भारत के लोगों को नीचा दिखा रहे थे, नेहरू जी की भारतीयों के लिए सोच थी कि वे आलसी और कम अक्ल के लोग होते हैं।

कांग्रेस आती है तो महंगाई बढ़ती है: मोदी

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि जब भी कांग्रेस सत्ता संभालती है तो महंगाई लगातार बढ़ती रहती है। उन्होंने कहा, 'कभी कहा गया था कि हर चीज़ की कीमत बढ़ जाने की वजह से मुसीबत फैली है, आम जनता उनमें फंसी है। यह नेहरू जी ने लाल किले से कहा था, 10 साल बाद भी महंगाई के यही गीत कहे गए थे। देश का पीएम रहते उन्हें 12 साल हो गए थे लेकिन हर बार महंगाई काबू में नहीं आ रही थी।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि आगामी कार्यकाल में, 'भाजपा 370 सीटें हासिल करने के लिए तैयार है, जबकि एनडीए को कुल 405 सीटें हासिल होने की उम्मीद है। मुझे हमारे देश के लोगों पर बहुत भरोसा है।'

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस शुक्रवार को शुरू हुई और सोमवार को समाप्त हो गई। मौजूदा लोकसभा में अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना के साथ निचले सदन में यह उनका आखिरी संबोधन हो सकता है। बजट सत्र के पहले दिन 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था।

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