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पीएम ने राजस्थान में अब दर्जी कन्हैयालाल की हत्या का मुद्दा क्यों उठाया?

पीएम ने राजस्थान में अब दर्जी कन्हैयालाल की हत्या का मुद्दा क्यों उठाया?

प्रधानमंत्री मोदी ने अलग-अलग राज्यों में चुनावों से पहले कभी कब्रिस्तान की बात की तो कभी कपड़ों से पहचाने जाने की। जानिए, अब राजस्थान में हिंदू-मुस्लिम वाला कौन सा राग छेड़ा। 

जिस राजस्थान में चुनावों में बीजेपी की हालत ख़राब होने की रिपोर्टें आ रही हैं, वहाँ एक जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदू-मुस्लिम से जुड़े एक मुद्दे को छेड़ दिया है! प्रधानमंत्री ने उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की हत्या का मामला उठाकर गहलोत सरकार पर हमला किया। वह मामला पैगंबर मुहम्मद साहब पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से जुड़ा है। नूपुर शर्मा की टिप्पणी का समर्थन करने के लिए उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी और उसका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था। यह मामला घोर सांप्रदायिक हो गया था।

कन्हैया लाल की हत्या पिछले साल जून में हुई थी, लेकिन अब चित्तौड़गढ़ में एक जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा, 'जो उदयपुर में हुआ, क्या उसकी आपने कल्पना भी की थी! जिस राजस्थान ने दुश्मन पर भी धोखे से वार न करने की परंपरा को जीया है, उस राजस्थान की धरती पर कपड़े सिलाने के बहाने लोग आते हैं और बिना डर एवं खौफ के टेलर का गला काट देते हैं।'

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान तब आया है जब राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। 2017 में यूपी में चुनाव से पहले भी पीएम मोदी का एक विवादास्पद बयान आया था। फतेहपुर में पीएम मोदी ने रैली में कहा था कि 'धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए। रमजान में अगर बिजली रहती है तो दिवाली पर भी बिजली आनी चाहिए।'

यूपी में 2017 के चुनाव में तीसरे चरण की वोटिंग के दिन ही पीएम मोदी ने 'श्मशान, कब्रिस्तान, रमजान' जैसे बयानों से चुनावी हवा पूरी तरह से बदल दी थी। सवाल ये है कि 2017 का बीजेपी का ये फॉर्मूला क्या 2023 में भी बीजेपी को काम आएगा?

2023 में राजस्थान में चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले ही एक सभा को संबोधित करते हुए उदयपुर के दर्जी का मामला पीएम मोदी ने उठा दिया। 

प्रधानमंत्री ने कन्हैया लाल की हत्या का ज़िक्र करते हुए कहा, 'उदयपुर में क्या हुआ, क्या किसी ने सोचा था कि ऐसा कुछ हो सकता है? लोग कपड़े सिलवाने आए, फिर गला काट दिया और इस कृत्य का वीडियो साझा किया।' यह घटना पिछले साल उदयपुर में हुई थी। दर्जी को भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिए धमकियाँ मिली थीं। नूपुर को पैगंबर मुहम्मद पर उनकी टिप्पणियों के बाद पार्टी ने बर्खास्त कर दिया था, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। पिछले साल 28 जून को गोस मोहम्मद और रियाज ग्राहक बनकर कन्हैया लाल की दुकान पर आए थे। उन्होंने वहां उसकी हत्या कर दी, इस जघन्य अपराध का महिमामंडन करते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया और इसे ऑनलाइन साझा किया था।

2019 में झारखंड के दुमका की एक चुनावी रैली में मोदी ने कहा था कि नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कुछ हिस्सों में जो लोग हिंसा भड़का रहे हैं वे अपने कपड़े से ही पहचाने जा सकते हैं। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था।

बहरहाल, सोमवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने लोगों को गुमराह करके राजस्थान में सरकार बनाई थी, लेकिन इसे ठीक से चलाने में विफल रही क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त थे। यह टिप्पणी अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस खेमों के बीच अंदरूनी कलह पर कटाक्ष थी। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि गहलोत ने पहले ही हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा, 'गहलोत ने हार स्वीकार कर ली है और बीजेपी से योजनाएं बंद न करने का अनुरोध कर रहे हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि कोई भी सार्वजनिक योजना बंद नहीं की जाएगी। बीजेपी कोई भी सार्वजनिक योजना बंद नहीं करेगी बल्कि उसे सुधारने का प्रयास करेगी, यह मोदी की गारंटी है।'

पिछले हफ्ते एक सभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा था कि प्रधानमंत्री को यह गारंटी देनी चाहिए कि अगर इस साल के अंत में होने वाले चुनावों में भाजपा सत्ता में आती है तो कांग्रेस सरकार की योजनाएं बंद नहीं की जाएंगी।

कानून-व्यवस्था के सवाल पर अशोक गहलोत सरकार पर एक और हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को उजागर किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कहीं भी बेटियों पर अत्याचार होता है तो मुझे दुख होता है, लेकिन कांग्रेस ने राजस्थान में इसे परंपरा बना दिया है।

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