वाराणसी तीर्थ यात्रा में बीजेपी और सरकार क्यों दिलचस्पी ले रही
इस समय यूपी के वाराणसी में तमाम राज्यों के तीर्थयात्रियों को बीजेपी नेता और कार्यकर्ता लेकर आ रहे हैं। उन्हें विशेष ट्रेनों से लाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ऐसी धार्मिक यात्राओं का इंचार्ज बनाया गया है। आखिर क्या है मामला, क्या इसका संबंध चुनाव से है। वाराणसी पीएम मोदी का चुनाव क्षेत्र है। वाराणसी आने वाले तीर्थ यात्री पीएम के बारे में बेहतर राय बनाएं, इसकी पूरी कोशिश की जा रही है।
मीडिया रपटों के मुताबिक तमाम राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी इस बहाने अपना चुनावी प्रचार कर रही है। क्योंकि ऐसे आयोजन में चुनावी राज्यों को ज्यादा प्रमुखता दी जा रही है। हाल ही में हुए तमिल संगमम के अलावा मध्य प्रदेश के उज्जैन में नए बने महाकाल लोक में लोगों को लाया गया था। माना जा रहा है कि जो लोग इन आयोजनों में आ रहे हैं वह वापस अपने राज्य लौटकर सरकार के विकास की गाथा गाएंगे जो कि अदृश्य रूप से बीजेपी का प्रचार होगा।
नवंबर महीने में शुरू हुए एक महीने तक चले सांस्कृतिक प्रोग्राम तमिल संगमम की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में इसका जिक्र किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को इस तरह के और आयोजन करने का आह्वान किया है। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मजबूत सांस्कृतिक राष्ट्रीय एकता के लिए इस तरह के आयोजन जरूरी हैं। कार्यकर्ता इसकी रूपरेखा तैयार करें जिससे इस तरह के प्रोग्राम आगे भी आयोजित किए जा सकें। मोदी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से देश के सभी राज्य अपनी संस्कृति, सभ्यता और विरासत को एक-दूसरे के साथ साझा करें। जिससे देश एकता के एक धागे में सांस्कृतिक रूप से एकजुट हो सके। राज्यों को अपनी भाषा और संस्कृति एक दूसरे के साथ साझा करनी चाहिए एल। इसके जरिए एक राष्ट्र का सपना साकार होगा।
मालूम हो कि बीते साल नवंबर में बनारस में काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया था। जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य तमिलनाडु से आने वाले पर्यटकों को काशी की सांस्कृतिक महत्व को बताना था, जिससे कि दक्षिण भारत के लोग बनारस और उत्तर भारत को बेहतर तरीके से समझ सकें। इस कार्यक्रम में उत्तर और दक्षिण की संस्कृति,कला, खान पान को दिखाया गया था। एक महीने तक चले इस कार्यक्रम में लगभग 3000 तमिल वासियों ने भाग लिया। एक भारत श्रेष्ठ भारत की थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में दो राज्यों की संस्कृति को मिलन को दिखाया गया था। इस आयोजन में आने वाले तमिल परिवारों को बनारस के प्रमुख दर्शनीय स्थल पर ले जाकर उनको उतर की संस्कृति से अवगत कराया गया था। बता दें कि काशी के हनुमान घाट इलाके में दर्जनों ऐसे तमिल परिवार रहते हैं जो सदियों पहले यहां आकर बस गए थे।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम मोदी के 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के प्रयासों के महत्व को दर्शाते हुए, इस कार्यक्रम का उद्देश्य काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने संबंधों को मजबूत करना था। उन्होंने इसके आयोजन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया।