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भारत लोकतांत्रिक देश ही नहीं, लोकतंत्र की जननी भी है: पीएम

भारत लोकतांत्रिक देश ही नहीं, लोकतंत्र की जननी भी है: पीएम

विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच नये संसद भवन का उद्घाटन हो गया। धार्मिक मंत्रोच्चार के बीच हुए उद्घाटन के बाद जानिए प्रधानमंत्री मोदी ने नयी लोकसभा में दिए अपने पहले भाषण में क्या कहा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नया संसद भवन न केवल भारत के विकास बल्कि दुनिया के विकास का अग्रदूत होगा। नये संसद भवन के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी नई लोकसभा में पहली बार बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के उदय का गवाह बनेगा। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'सफलता की पहली शर्त, सफल होने का विश्वास ही होती है। ये नया संसद भवन, इस विश्वास को नई बुलंदी देने वाला है। ये विकसित भारत के निर्माण में हम सभी के लिए नई प्रेरणा बनेगा। ये संसद भवन हर भारतीय के कर्तव्य भाव को जागृत करेगा।'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'ये नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का माध्यम बनेगा। ये नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। ये नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि होते हुए देखेगा। ये नया भवन नूतन और पुरातन के सह-अस्तित्व का भी आदर्श उदाहरण है।'

उन्होंने अपने भाषण में कहा, 'आज नया भारत। नए लक्ष्य तय कर रहा है, नए रास्ते गढ़ रहा है। नया जोश है, नई उमंग है। नया सफर है, नई सोच है। दिशा नई है, दृष्टि नई है। संकल्प नया है, विश्वास नया है।'

पीएम मोदी ने लोकतंत्र पर लंबा चौड़ा भाषण दिया। उन्होंने कहा, 'भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का भी बहुत बड़ा आधार है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, एक संस्कार है, एक विचार है, एक परंपरा है।' उन्होंने कहा, 

हमारा लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा है, हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है। इस प्रेरणा, इस संकल्प की सबसे श्रेष्ठ प्रतिनिधि हमारी ये संसद ही है।


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

उन्होंने आगे कहा, 'गुलामी के बाद हमारे भारत ने बहुत कुछ खोकर अपनी नई यात्रा शुरू की थी। वो यात्रा कितने ही उतार-चढ़ावों से होते हुए, कितनी ही चुनौतियों को पार करते हुए आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुकी है। आजादी का यह अमृतकाल विरासत को सहेजते हुए, विकास को नए आयाम गढ़ने का अमृतकाल है।' उन्होंने कहा कि आज़ादी का ये अमृतकाल देश को नई दिशा देने का अमृतकाल है और अनंत सपनों को, असंख्य आकांक्षाओं को पूरा करने का अमृतकाल है।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'इस संसद में पारित हर कानून भारत को एक विकसित देश बना देगा और अगले 25 वर्षों में गरीबी को खत्म कर देगा।'

उन्होंने कहा, 'पंचायत भवन से संसद भवन तक, हमारी प्रेरणा हमारे देश और इसके लोगों का विकास है। आज जैसा कि हमें इस नई संसद के निर्माण पर गर्व है, जब मैं पिछले 9 वर्षों में देश में 4 करोड़ गरीबों के लिए घरों और 11 करोड़ शौचालयों के निर्माण के बारे में सोचता हूं तो मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है।'

पीएम मोदी ने आज नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास 'सेंगोल' को स्थापित किया। प्रधानमंत्री ने नए भवन का उद्घाटन करने वाली एक पट्टिका का भी अनावरण किया और इसे बनाने में मदद करने वाले श्रमिकों को सम्मानित किया। केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद थे।

नया संसद भवन पुनर्निर्मित सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है, जिसका निर्माण 2019 में शुरू हुआ था। 1,200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से निर्मित, नई संसद तीन मंजिला है और यह 64,500 वर्गमीटर का एक निर्मित क्षेत्र है। 

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