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मोदी बोले, ‘मुझसे नफ़रत है तो ग़ुस्सा मुझ पर निकालो, ग़रीब की झोपड़ी मत जलाओ’

मोदी बोले, ‘मुझसे नफ़रत है तो ग़ुस्सा मुझ पर निकालो, ग़रीब की झोपड़ी मत जलाओ’

दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में नागरिकता क़ानून के मुद्दे पर मोदी विपक्षी दलों पर हमलावर रहे। 

देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर चल रहे हंगामे के बीच रविवार को प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर लोगों के बीच अपनी बातों को रखा। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के चुनाव अभियान को लांच करने पहुंचे प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के एक बड़े हिस्से में इस क़ानून का जिक़्र किया। 

दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में मोदी नागरिकता क़ानून के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर हमलावर रहे। उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर लोगों को भड़काने और उकसाने का आरोप लगया। उन्होंने इस क़ानून को महात्मा गाँधी की भावना के अनुरूप बताते हुए कहा कि देश के किसी भी नागरिक को इस क़ानून से कोई नुक़सान नहीं है। मोदी ने कहा, ‘मोदी की मानो या मत मानो, गाँधी की तो मानो, गाँधी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू या सिख साथियों को जब लगे कि उन्हें भारत आना चाहिए, तो उनका स्वागत है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुछ राज्य कह रहे हैं कि वे इस क़ानून को लागू नहीं करेंगे लेकिन इससे पहले वे इस क़ानून को पढ़ तो लें। ममता दीदी सीधे यूएन पहुंच गईं। कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में कहती थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए। शरणार्थियों की मदद की जाए।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों का नागरिकता क़ानून से कोई संबंध नहीं है। 

हिंसा की निंदा की 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए विरोध में स्कूल बसों पर हमले हुए, ट्रेनों पर हमले हुए, मोटर साइकिलों को जलाया गया। सरकारी संपत्ति को खाक कर दिया गया है। इसके बाद इनके इरादे कैसे हैं, यह देश अब जान चुका है।’ उन्होंने कहा, ‘विपक्ष के नेताओं को इन लोगों को समझाना चाहिए। लेकिन ये लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं और इसका मतलब है कि इस हिंसा को इनकी मौन सहमति है।’

मोदी ने कहा, ‘अगर मोदी से नफ़रत है तो ग़ुस्सा मोदी के ऊपर निकालो। मोदी का पुतला बनाकर आते-जाते उस पर जूते मारो लेकिन किसी ग़रीब का घर या उसकी झोपड़ी मत जलाओ। किसी ग़रीब का नुक़सान करके क्या मिलेगा मोदी का विरोध करना है करो लेकिन हिंसा क्यों कर रहे हो’

'पुलिसवालों पर हमला क्यों'

नागरिकता क़ानून को लेकर कई जगह पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प हुई। सोशल मीडिया पर ऐसी कई फ़ोटो आईं जिनमें पुलिसवाले पत्थर लगने से चोटिल दिखाई दिए। मोदी ने रैली में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, ‘उपद्रव करने वाले पुलिसवालों पर हमला क्यों कर रहे हैं सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन पुलिसवाले वही रहते हैं। जब आपकी सरकार थी तब भी यही पुलिसवाले थे। जो पुलिसवाले बिना गर्मी, सर्दी और बरसात देखे हमारी और आपकी रक्षा करते हैं, आप लोग उन्हीं पर हमले कर रहे हो। कितने ही पुलिसवाले हमारी ही रक्षा में शहीद हो जाते हैं।’ उन्होंने आंकड़ा गिनाते हुए कहा कि 33 हज़ार पुलिसकर्मी आज़ादी के बाद से अब तक देश की रक्षा में शहीद हो चुके हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वे पुलिसकर्मियों का आदर करें। 

‘जनता का आशीर्वाद मेरे साथ’

मोदी रैली के दौरान विपक्ष पर ख़ासे हमलावर रहे। मोदी ने कहा, ‘मुझे रास्ते से हटा देने के लिए हर तरह की कोशिश चल रही है। लेकिन जितनी नफरत ये लोग मुझसे करते हैं कि उतना ही प्यार मुझे यहां की जनता से मिलता है।’ उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी उन्हें गिद्ध की तरह नोचेंगे फिर भी वह देश की जनता के लिए काम करते रहेंगे और जनता का आशीर्वाद विपक्षियों की हर साज़िश को बेनक़ाब करेगा। 

 - Satya Hindi

रैली में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ता।

एनआरसी का मुद्दा भी उठाया 

मोदी ने चुनाव रैली में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस के मुद्दे पर कहा, ‘इसे लेकर लोगों को भरमाया जा रहा है। अर्बन नक्सल लोगों को डरा रहे हैं, डिटेंशन सेंटर का भ्रम पैदा किया जा रहा है। नागरिकता क़ानून की तरह ही एनआरसी पर भी झूठ फैलाया जा रहा है। अभी इसको संसद में लाया नहीं गया है, नियम-क़ायदे तय नहीं हुए लेकिन लोगों को बरगलाया जा रहा है।’

मोदी ने रैली में आए लोगों से पूछा, ‘विपक्षी दल झूठ क्यों बोल रहे हैं वे देश को गुमराह क्यों कर रहे हैं देश की जनता ने मोदी को पहले से ज़्यादा बहुमत दिया। ये लोग अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं।’ उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग दुनियाभर में भारत को बदनाम करने की साज़िश कर रहे हैं और यहां अराजकता फैला रहे हैं।

मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान से जो शरणार्थी आए हैं उसमें से अधिकतर दलित परिवार से हैं। वहां आज भी दलितों के साथ दुर्व्यवहार होता है। बेटियों के साथ अत्याचार होता है, जबरन शादी करके उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है। इस वजह से ही वे लोग भारत आए।’

उन्होंने कहा, ‘मैं दलित राजनीति करने का दावा करने वालों से भी पूछना चाहता हूं कि आप इतने वर्षों से चुप क्यों थे, आपको इन दलितों की तकलीफ कभी क्यों नहीं दिखाई दी। आज जब इन दलितों के जीवन की सबसे बड़ी चिंता दूर करने का काम मोदी सरकार कर रही है तो आपके पेट में चूहे क्यों दौड़ रहे हैं।’ 

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