सुरक्षा में चूक के मामले में राष्ट्रपति कोविंद से मिले मोदी
पंजाब में एक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले के 15 से 20 मिनट तक फंसे रहने के मामले में लगातार नए घटनाक्रम हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस मामले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से ट्वीट कर बताया गया है कि पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर राष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की है।
इस मामले को लेकर दिल्ली से पंजाब तक सियासत तेज हो गई है। पंजाब सरकार ने घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है जो 3 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी जबकि सुप्रीम कोर्ट में भी कल इस मामले में सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा गया है इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसा फिर से ना हो।
पंजाब सरकार की ओर से बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी में पंजाब और हरियाणा कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मेहताब गिल और गृह और न्याय मंत्रालय के प्रधान सचिव अनुराग वर्मा शामिल हैं।
उधर, इस मामले में गृह मंत्रालय ने पंजाब पुलिस पर कुछ और आरोप लगाए हैं। गृह मंत्रालय के एक अफसर ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों के बारे में खुफिया इनपुट होने के बाद भी पंजाब पुलिस ने ब्लू बुक को फॉलो नहीं किया और प्रधानमंत्री के जाने के लिए कोई आकस्मिक रास्ता तैयार नहीं किया। स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप यानी एसपीजी की ब्लू बुक में प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी बातें होती हैं।
इस मामले में गृह मंत्रालय भी बेहद सख्त है और उसने पंजाब सरकार से रिपोर्ट मांगी है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक फ्लाईओवर पर फंसे रहने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के अफसरों से कहा कि वह अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहें कि वह बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा वापस लौट आए। पंजाब में विधानसभा चुनाव मुंह के सामने हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली रद्द होने के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि जो कुछ भी हुआ वह पंजाबियत के खिलाफ है। जाखड़ ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री को रैली में जाने के लिए रास्ता दिया जाना चाहिए था और इसी तरह लोकतंत्र काम करता है। जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई खतरा होगा तो वह सबसे पहले अपना खून देंगे।