चुनाव के पहले बिहार में 2 कोरोना अस्पताल खोलेगा पीएम केअर्स फंड
कई तरह के विवादों से घिरा पीएम केअर्स फंड एक बार फिर चर्चा में है और विवाद में भी। बिहार चुनाव के ठीक पहले राज्य में दो अस्पताल कोरोना बनाने और उसका पूरा खर्च उठाने का एलान करने के बाद कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि 'पीएम केअर्स फंड ने बिहार के पटना और मुजफ़्फ़रपुर में 500 बिस्तरों के दो अस्थायी कोरोना अस्पताल बनाने का फ़ैसला किया है। इससे बिहार में कोरोना उपचार में बहुत मदद मिलेगी।'
500 बिस्तरों का अस्पताल
पटना के नज़दीक बिहटा में 500 बिस्तरों का कोरोना अस्पताल खुलेगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसी तरह का एक अस्पताल मुजफ़्फ़रपुर में भी जल्द ही खुलेगा।प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा, 'हर अस्पताल में 125 आईसीयू बेड होंगे, जिनमें वेंटीलेटर की सुविधा होगी। इसके अलावा 375 सामान्य बिस्तर होंगे। लेकिन ऑक्सीजन की सुविधा हर बिस्तर के साथ होगी। आर्म्ड फ़ोर्सेज़ मेडिकल सर्विस इसके लिए डॉक्टर और दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ़ देगा।'
PM-CARES Fund Trust has decided to allocate funds for fight against COVID-19 by way of establishment of 500-bed COVID-19 Makeshift Hospitals at Patna & Muzaffarpur, Bihar by DRDO. This will go a long way in improving COVID care in Bihar. pic.twitter.com/AAPEIDDcRc
— PMO India (@PMOIndia) August 24, 2020
याद दिला दें कि कोरोना से लड़ने के उपायों पर हुई मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की पहली बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्होंने सिर्फ 100 वेंटीलेटर की माँग की थी और उन्हें वह भी नहीं मिली थी।
सवाल यह उठता है कि केंद्र सरकार ने इतने दिन यह सुविधा क्यों नहीं दी और अब बिहार विधानसभा चुनाव के पहले क्यों
बिहार के प्रति प्रेम!
बिहार के प्रति प्रधानमंत्री का यह प्रेम कुछ दिन पहले से ही उमड़ रहा है। उन्होंने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रोजेक्ट टाइगर और प्रोजेक्ट एलीफैंट की तरह ही बिहार में प्रोजेक्ट डॉल्फ़िन का एलान किया था। गंगा में बक्सर से कहलगाँव तक एक और सुलतानगंज से बटेश्वर तक दूसरा डॉल्फ़िन प्रोजेक्ट बनेगा।
मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में बिहार के कुन्दन कुमार की शहादत की बहुत चर्चा की थी। कुन्दन कुमार गलवान में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए थे।
'मन की बात'
इसी तरह प्रधानमंत्री ने 26 जुलाई के 'मन की बात' में बिहार के स्वयंसेवी समूहों के मास्क बनाने की तारीफ की थी। इन मास्क पर मधुबनी की चित्रकला बनाई गई थी।मोदी ने 31 मई के 'मन की बात' कार्यक्रम में आयुष्मान भारत की चर्चा की की और बिहार को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा था बिहार से गया हुआ एक कामगार कर्नाटक में वही सुविधाएं पाएगा जो उसे बिहार में मिल सकती है।
बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव नवंबर के पहले हो जाएगा क्योंकि राज्य विधानसभा का कार्यकाल उस समय ख़त्म हो रहा है।
विवादों के घेरे में पीएम केअर्स फंड
पीएम केअर्स फंड की स्थापना ही कोरोना से लड़ने के लिए पैसे का इंतजाम करने के मक़सद की गई थी। लेकिन बार-बार पूछने पर भी सरकार यह बताने से इनकार करती रही कि उसने इस मद में कितने पैसे खर्च किए हैं और उसे पैसे कहां से मिले हैं।काफी विवाद होने और इसके राजनीतिक मुद्दा बनने के बाद केंद्रीय क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बीते दिनों पीएम केअर्स फंड से कोरोना पर कितने पैसे खर्च किए गए, उसका एक मोटा हिसाब दिया। लेकिन सरकार इस पर अडिग है कि वह यह नहीं बताएगी कि पैसे कहां से आए।
सरकार का यह भी कहना है कि यह कोष सीएजी के तहत नहीं आता है और इसलिए इसका ऑडिट सीएजी नहीं कर सकता। अब यह पीएम केअर्स फंड एक बार फिर विवादों के केंद्र में है और इस बार कारण राजनीतिक है। राष्ट्रीय जनता दल के सासंद मनोज झा ने 'द प्रिंट' से कहा,
“
'बहुत देर हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने चंपारण और कोशी जैसे इलाक़ों को शामिल क्यों नहीं किया है। मैं कहूंगा कि यह ख़राब दिखावा और ग़लत योजना का नतीजा है।'
मनोज झा, सांसद, राष्ट्रीय जनता दल
पीएमओ बिहार में कोरोना अस्पताल बना रहा है, यह निश्चित रूप से अच्छी बात है। पर यह सवाल तो उठता ही है कि यह नेक काम चुनाव के पहले ही क्यों हो रहा है
यह सवाल अधिक अहम इसलिए भी है कि इसके पहले केंद्र सरकार ने हर राज्य सरकार को साफ़-साफ़ कह दिया था कि वह कोरोना से खुद लड़े और स्वयं उससे जुड़े फ़ैसले लें।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खुले आम पैसे की मांग की थी। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि केंद्र सरकार हमारा जीएसटी बकाया ही दे दे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सहायता की मांग की थी। उन्होंने खुले आम कह दिया था कि उन्हें तो 100 वेंटीलेटर तक नहीं मिले।