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पुलित्ज़र विजेता सना इरशाद को अमेरिका जाने से क्यों रोका गया?

पुलित्ज़र विजेता सना इरशाद को अमेरिका जाने से क्यों रोका गया?

यदि किसी भारतीय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रसिद्ध पुरस्कार मिले तो क्या इसके समारोह में भाग लेने में बाधा आनी चाहिए? जानिए, कश्मीर की पत्रकार सना इरशाद मट्टू का आरोप क्या है।

पुलित्ज़र विजेता कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू ने आरोप क्यों लगाया कि उनको वैध वीजा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक दिया गया? उन्होंने आरोप लगाया है कि जब वह दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुँचीं तो आव्रजन अधिकारियों ने अमेरिका के लिए उड़ान भरने से रोक दिया।

कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट मट्टू का कहना है कि वह अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक समारोह में पुलित्जर पुरस्कार प्राप्त करने के लिए ही जा रही थीं। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर खुद के विदेश जाने से रोके जाने पर आपत्ति की है।

मट्टू ने कहा है कि ऐसा तब है जब उनके पास वैध वीजा और टिकट था। उन्होंने कहा है कि इससे पहले जुलाई में भी उन्हें फ्रांस जाने से रोका गया था।

उन्होंने कहा, 'यह दूसरी बार है जब मुझे बिना कारण रोका गया है। कुछ महीने पहले जो हुआ उसके बाद कई अधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। पुरस्कार समारोह में शामिल होना मेरे लिए जीवन में एक बार का अवसर था।'

बता दें कि मट्टू को 2 जुलाई को दिल्ली हवाई अड्डे पर एक पुस्तक विमोचन और फोटोग्राफी प्रदर्शनी के लिए फ्रांस जाने से रोक दिया गया था। तब वह सेरेन्डिपिटी आर्ल्स ग्रांट के 10 पुरस्कार विजेताओं में से एक थीं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तब एक समाचार एजेंसी को बताया था कि मट्टू का नाम नो-फ्लाई लिस्ट में था। हालाँकि, अधिकारी ने इसके पीछे का कारण नहीं बताया था। 

भारत में कोविड महामारी के कवरेज के लिए फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार 2022 से सम्मानित किए जाने वालों में मट्टू के अलावा अदनान आबिदी, अमित दवे और दानिश सिद्दीकी भी शामिल हैं। दानिश सिद्दीकी 2021 में अफगानिस्तान के तालिबानी हमले को कवर करते हुए मारे गए थे।

कश्मीर के एक अन्य पत्रकार आकाश हसन को 26 जुलाई को दिल्ली हवाईअड्डे पर कोलंबो की उड़ान में सवार होने से रोक दिया गया था। 2019 में कश्मीरी पत्रकार-लेखक गौहर गिलानी को जर्मनी की यात्रा करने से रोका गया था।

इसी साल मार्च में पत्रकार राणा अय्यूब को भी विदेश जाने से रोका गया था। अय्यूब जब लंदन जाने के लिए मुंबई हवाई अड्डे पर पहुँचीं तो उन्हें अधिकारियों ने जाने से रोक दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने अय्यूब को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाया था और उनके ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया था।

 - Satya Hindi

इससे पहले 2019 में भी एक बड़े पत्रकार के साथ ऐसा हुआ था। मुंबई हवाई अड्डे पर एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय को विदेश जाने से रोक दिया गया था। सीबीआई से जारी लुकआउट सर्कुलर के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी। 

लुकआउट सर्कुलर किसी शख्स को देश छोड़ने से रोकने के उद्देश्य से जारी होता है। एजेंसियाँ इसके आधार पर उक्त व्यक्ति को बाहर जाने से रोक सकती हैं पर हिरासत में नहीं लिया जा सकता है। यह सिर्फ़ देश छोड़ने से रोकने के लिए है, हिरासत में लेने के लिए नहीं।

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