+
ईंधन के दाम लगातार तीसरे दिन बढ़े, दिल्ली में पेट्रोल रिकॉर्ड 103 रुपये प्रति लीटर

ईंधन के दाम लगातार तीसरे दिन बढ़े, दिल्ली में पेट्रोल रिकॉर्ड 103 रुपये प्रति लीटर

पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए हैं। जानिए किन महानगरों में कितने महंगे हुए और आगे इसके बढ़ने की संभावना है या घटने की।

पेट्रोल और डीजल के दाम में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी की गई है। इससे पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई हैं। एक दिन पहले ही रसोई गैस के दाम भी बढ़ाए गए हैं। आने वाले दिनों में भी इसके बढ़ने की संभावना है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमतों में वृद्धि जारी है।

फ़िलहाल दिल्ली में पेट्रोल में 30 पैसे की बढ़ोतरी की गई है और इसके साथ ही इसके दाम 103.24 रुपये हो गए हैं। इससे एक दिन पहले इसके दाम 102.94 रुपये प्रति लीटर थे। राष्ट्रीय राजधानी में आज डीजल के दाम में भी 35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है और इसके साथ ही इसकी क़ीमत 91.77 रुपये प्रति लीटर हो गई है। एक दिन पहले यह 91.42 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था।

ये क़ीमतें देश भर में बढ़ी हैं। महानगरों की बात करें तो सबसे महंगा ईंधन मुंबई में है। अब मुंबई में पेट्रोल 109.25 रुपये और डीजल 99.55 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। कोलकाता में पेट्रोल 103.94 और डीजल 94.88 रुपये प्रति लीटर है। चेन्नई में पेट्रोल 100.75 रुपये और डीजल 95.26 रुपये प्रति लीटर है। 

इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी सरकारी तेल कंपनियाँ अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में कच्चे तेल की क़ीमतों व रुपये-डॉलर विनिमय दरों के आधार पर रोज़ दाम बढ़ाते-घटाते रहती हैं। पेट्रोल और डीजल के दाम ज़्यादा होने की बड़ी वजह केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा लगाए गए कर भी हैं।

रसोई गैस महंगी

एक दिन पहले ही यानी बुधवार को रसोई गैस सिलेंडर के दाम 15 रुपये बढ़ाए गए। इसके साथ ही दिल्ली में अब 14.2 किलोग्राम सिलेंडर की क़ीमत 899.50 रुपये हो गई है। इससे पहले पिछले महीने दाम 25 रुपये बढ़ाए गए थे और तब इसकी क़ीमत 884 रुपये थी। उससे भी पहले अगस्त महीने में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। यानी इन डेढ़ महीने में ही 65 रुपये की बढ़ोतरी की जा चुकी है। दिल्ली में इस साल ही अब तक सिलेंडर पर 205 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है। पूरे देश में इसी अनुपात में क़ीमतें बढ़ी हैं। हालाँकि दूसरे टैक्स व ख़र्चों की वजह से अलग-अलग राज्यों में सिलेंडर के दाम में अंतर रहता है।

इस बढ़ोतरी पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा था कि 'पीएम नरेंद्र मोदी का 'ना खाने दूंगा' जुमला भारत के मध्यम वर्ग और ग़रीब लोगों के ख़िलाफ़ एक अभियान था, उन्हें खाना न बनाने देने का।

2014 के बाद दोगुने से ज़्यादा बढ़े दाम

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सिलेंडर के दाम दोगुने से भी ज़्यादा हो गए हैं। मार्च 2014 में जिस रसोई गैस के दाम दिल्ली में 410 रुपये थे वे अब क़रीब 900 रुपये हो गये हैं। 

बता दें कि मई 2020 में एलपीजी सब्सिडी को समाप्त करने के बाद से 'सब्सिडी' वाले घरेलू सिलेंडर की यह उच्चतम क़ीमत है। मौजूदा समय में सब्सिडी नाम मात्र या नहीं के बराबर दी जा रही है और इस तरह बढ़ी हुई क़ीमतों का बोझ सीधे आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें