अगले महीने कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, क्या चुनाव से है संबंध?
तेल कंपनियों का शुद्ध मुनाफा 75000 करोड़ से ज्यादा होने की उम्मीद है। जो एक रेकॉर्ड है। उनके तिमाही नतीजे आने वाले हैं। ऐसे में तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दामों में 5 से 10 रुपये की कमी कर सकती हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स ने यह खबर इस उद्योग से जुड़े तीन लोगों के हवाले से यह खबर दी है।
पेट्रोल और डीजल की रिटेल कीमतें अप्रैल, 2022 से अपनी जगह टिकी हुई हैं। इसलिए अब इनके रेट फिर से तय किए जाएंगे। समझा जाता है कि कंपनियां शायद ₹10 प्रति लीटर का मार्जिन लाभ उपभोक्ताओं को दे सकती हैं। ऐसा होने पर सरकार महंगाई पर काबू पा सकेगी। 2024 के आम चुनावों से पहले यह फैसला महत्वपूर्ण हो सकता है। इस समय महंगाई चरम सीमा पर है। लेकिन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की वजह से महंगाई और अन्य मुद्दे जोर नहीं पकड़ पा रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार को महंगाई का अंदाजा है।
हिन्दुस्तान टाइम्स को इस उद्योग से जुड़े एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “तेल की बिक्री पर बड़े मार्जिन के कारण, तीन ओएमसी (तेल मार्केटिंग कंपनियां) ने पहली और दूसरी तिमाही (वित्त वर्ष 2023-24) में महत्वपूर्ण शुद्ध लाभ कमाया। तीसरी तिमाही में भी यह लाभ जारी रहने की उम्मीद है। इस महीने के अंत तक नतीजे आने की संभावना है। उसके बाद पेट्रोल और डीजल की दरों में ₹5 से ₹10 प्रति लीटर के बीच कमी पर विचार हो सकता है। तीनों तेल कंपनियां अभी इस बारे में अपने स्टेकहोल्डर से सलाह करेंगी। उसके बाद घोषणा होगी।“
सरकार तीनों तेल कंपनियों में सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर है। अब तक, 2023-24 की पहली छमाही में तीनों कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ ₹57,091.87 करोड़ है, जो 2022-23 के पूरे वित्तीय वर्ष के ₹1,137.89 के संयुक्त शुद्ध लाभ से 4,917% अधिक है।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने घोषणा की है कि वह 27 जनवरी को अपने तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित करेगी, जबकि अन्य दो कंपनियां - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) भी उसी समय के आसपास घोषणाएं कर सकती हैं।
सरकार की ओर से तेल के दाम कम करने का अभी कोई संकेत नहीं दिया है। लेकिन सरकार समय-समय पर कहती रही है कि तेल कंपनियां अपने हिसाब से तेल की कीमतें तय करती हैं। तमाम धार्मिक मुद्दों और ध्रुवीकरण के बावजूद बढ़ती महंगाई ने सरकार को चिंतित कर रखा है। दिसंबर 2023 में भारत में रिटेल महंगाई मामूली रूप से बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69% पर पहुंच गई। हालांकि ऊपर की ओर बढ़ना मुख्य रूप से उच्च खाद्य कीमतों के कारण था। भारतीय रिज़र्व बैंक ने कह रखा है कि खुदरा महंगाई की ऊपरी सहनशीलता सीमा 6% है। अगर तेल के दाम नहीं घटे तो खुदरा महंगाई का बढ़ना तय है। ऐसे में तेल की कीमतें घटाने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं है।