पेट्रोल-डीजल राजनीतिः कहां तक पीएम का बचाव करेंगे हरदीप पुरी
पेट्रोल-डीजल मुद्दे पर पीएम मोदी के बचाव में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को मोर्चा संभाला। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट में कई बातें कहीं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कड़ा हमला बोला। उधर, तमिलनाडु ने स्पष्ट किया कि उसने तो केंद्र की घोषणा से पहले ही वैट घटा दिया था। तभी तमिलनाडु में पेट्रोल तीन रुपये सस्ता हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए विपक्ष शासित राज्यों के सीएम से कहा था कि राष्ट्र हित में पेट्रोल-डीजल पर से वैट घटाएं। पीएम ने यह बात बेशक जनता के हित में कही थी लेकिन वो पेट्रोल-डीजल पर वसूले जाने वाले टैक्स पर चुप रहे। विपक्ष ने इस मुद्दे पर घेर लिया। विपक्ष ने तमाम आंकड़े पेश कर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। विपक्ष का हमला अभी भी जारी है।
केंद्र सरकार की ओर से मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को विपक्षी दलों पर पलटवार किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र को उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) कम करना चाहिए, जो 2014 से बढ़ गई है। राहुल ने कहा कि मंहगे फ्यूल टैक्स के लिए जिम्मेदार, कोयले की कमी राज्य जिम्मेदार, ऑक्सीजन की कमी राज्य जिम्मेदार...68% टैक्स केंद्र वसूल रही है। लेकिन पीएम जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं। मोदी का फेडरलिज्म (संघ वाद) सहयोगी नहीं है। यह जबरदस्ती वाला है।
High Fuel prices - blame states
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 28, 2022
Coal shortage - blame states
Oxygen shortage - blame states
68% of all fuel taxes are taken by the centre. Yet, the PM abdicates responsibility.
Modi’s Federalism is not cooperative. It’s coercive.
उन्हें जवाब देते हुए, मंत्री हरदीप पुरी ने जवाब दिया कि सच्चाई दर्द देती है, लेकिन तथ्य खुद बोलते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पेट्रोल पर 18 फीसदी और डीजल पर 16 फीसदी वैट सबसे कम है। मंत्री ने राहुल का अप्रत्यक्ष जिक्र करते हुए कहा, एक महत्वाकांक्षी नेता ने विरोध किया, लेकिन अपनी ही पार्टी द्वारा शासित राजस्थान पर चुप है, जो देश में सबसे ज्यादा 31.08% + ₹ 1500 / केएल सेस लगाता है। .
Truth hurts, but facts speak for themselves. 18% VAT on petrol & 16% on diesel in Haryana among lowest. An aspiring leader from the state protests against these, but is silent on Rajasthan ruled by his own party which imposes 31.08% +₹1500 /KL cess- among the highest in country!
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) April 28, 2022
मंत्री ने आगे कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर 14.50 रुपये से 17.50 रुपये प्रति लीटर की सीमा में वैट है, जबकि अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों द्वारा लगाए गए टैक्स 26 रुपये से 32 रुपये प्रति लीटर की सीमा में हैं। अंतर स्पष्ट है। उनका इरादा केवल विरोध और आलोचना करना है, लोगों को राहत नहीं देना है। इससे पहले ट्वीट्स में पुरी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से फ्यूल टैक्स के रूप में 79,412 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं और इस साल 33,000 करोड़ रुपये एकत्र करने की उम्मीद है (जो कि 1,12,757 करोड़ रुपये तक है)। लोगों को राहत देने के लिए उसने पेट्रोल और डीजल पर वैट क्यों नहीं घटाया?
उन्होंने चुटकी ली कि अगर विपक्षी शासित राज्यों ने इम्पोर्टेड शराब के बजाय पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती की होती तो पेट्रोल सस्ता होता। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 32.15 रुपये प्रति लीटर और कांग्रेस शासित राजस्थान में 29.10 रुपये प्रति लीटर टैक्स है। लेकिन बीजेपी शासित उत्तराखंड केवल 14.51 रुपये और उत्तर प्रदेश 16.50 रुपये वसूलता है। विरोध तथ्यों को चुनौती नहीं दे सकता है।
Petrol will be cheaper if opposition ruled states cut taxes on fuel instead of imported liquor! Maharashtra govt imposes ₹32.15/ltr on petrol & Congress ruled Rajasthan ₹29.10 But BJP ruled Uttarakhand levies only ₹14.51 & Uttar Pradesh ₹16.50
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) April 28, 2022
Protests cannot challenge facts!