पेट्रोल-डीजलः PM से कांग्रेस ने मांगा 27 लाख करोड़ का हिसाब
पेट्रोल-डीजल की राजनीति पर पीएम मोदी को विपक्ष की ओर से बुधवार को करारा जवाब मिला। कांग्रेस ने जहां केंद्र द्वारा पेट्रोल-डीजल टैक्स के जरिए वसूले गए गए 27 लाख करोड़ का हिसाब मांगा, वहीं महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल की सीएम ने भी पीएम मोदी से कड़े सवाल किए। सत्य हिन्दी ने बुधवार को पीएम के भाषण के बाद पेट्रोल-डीजल की राजनीति पर विस्तार से एक रिपोर्ट छापी है।पीएम मोदी ने बुधवार को कोविड के सिलसिले में देशभर के मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा था कि कई विपक्षी शासित राज्यों में कीमतें अधिक हैं। पीएम ने आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिए "राष्ट्रीय हित" में टैक्स कम करने का आग्रह किया। मोदी ने कहा, मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं, बल्कि आपके राज्यों के लोगों के कल्याण के लिए आपसे प्रार्थना कर रहा हूं...मैं आपसे लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए छह महीने की देरी के बाद भी वैट को कम करने का आग्रह करता हूं। प्रधानमंत्री ने पेट्रोल-़डीजल का मुद्दा उठाते हुए इस बात का जवाब नहीं दिया कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर जो कमाई कर रही है, उसमें कमी क्यों नहीं की जा रही है। राज्यों द्वारा वैट कम करना अलग मसला है। फिर बीच में जब पांच राज्यों के चुनाव हो रहे थे तो साढ़े चार महीने बाद ही पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे बढ़ने लगे, जब तक चुनाव था, केंद्र सरकार खामोश रही। उसने रेट नहीं बढ़ने दिए।
बहरहाल, कांग्रेस की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम पर हमला करते हुए मांग की कि वह बीजेपी सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से “एकत्रित” 27 लाख करोड़ रुपये का हिसाब दें। सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा -"मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भंग नहीं, कोई जुमला नहीं! कृपया पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से बीजेपी सरकार द्वारा एकत्र किए गए 27,00,00,00,00,00,00,00 (?27 लाख करोड़) का हिसाब दीजिए। उन्होंने कहा कि 26 मई 2014 को जब पीएम मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चा तेल 108 डॉलर प्रति बैरल था, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमत 71.41 रुपये और 55.49 रुपये प्रति लीटर थी, जबकि आज कच्चा तेल 100.20 डॉलर प्रति बैरल है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 105.41 रुपये प्रति लीटर और 96.67 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा -
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हम सभी राज्यों से पेट्रोल/डीजल पर वैट को मई 2014 से पहले के स्तर तक कम करने का आग्रह करेंगे। कृपया स्वीकार करें कि बीजेपी सरकार ने पेट्रोल/डीजल से 27 लाख करोड़ रुपये कमाए, जबकि सभी राज्यों ने सामूहिक रूप से लगभग 16.5 लाख करोड़ प्राप्त किए। पेट्रोल/डीजल से केंद्र सरकार का राजस्व 8 वर्षों में दोगुना हो गया है।
-रणदीप सुरजेवाला, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस
ममता का हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सब्सिडी देने के लिए पिछले तीन वर्षों में 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
ममता ने कोलकाता में पत्रकारों से कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ की बातचीत पूरी तरह से एकतरफा और भ्रामक थी। उनके द्वारा साझा किए गए तथ्य गलत थे। हम पिछले तीन वर्षों से हर लीटर पेट्रोल और डीजल पर 1 रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रहे हैं।उन्होंने कहा, आज मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत में 24.38 रुपये केंद्र के और 22.37 रुपये राज्य के हैं। पेट्रोल के दाम में 31.58 पैसे सेंट्रल टैक्स और 32.55 पैसे स्टेट टैक्स है। इसलिए, यह सच नहीं है कि राज्य के कारण पेट्रोल और डीजल अधिक महंगा हो गया है। सीएम उद्धव के कार्यालय ने कहा, महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 15 प्रतिशत जीएसटी एकत्र करता है। प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है।
उद्धव का हमला
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी पीएम पर पलटवार किया। उद्धव ने कहा कि राज्य सरकार को ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। उद्धव ठाकरे ने केंद्र पर राज्य को 'सौतेला व्यवहार' देने और सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार नहीं करने का भी आरोप लगाया।उन्होंने कहा, आज मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत में 24.38 रुपये केंद्र के और 22.37 रुपये राज्य के हैं। पेट्रोल के दाम में 31.58 पैसे सेंट्रल टैक्स और 32.55 पैसे स्टेट टैक्स है। इसलिए, यह सच नहीं है कि राज्य के कारण पेट्रोल और डीजल अधिक महंगा हो गया है। सीएम उद्धव के कार्यालय ने कहा, महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 15 प्रतिशत जीएसटी एकत्र करता है। प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है।संबित पात्रा भी बोले
विपक्ष पर हमला करते हुए, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और झारखंड के मुख्यमंत्री पाखंड कर रहे हैं क्योंकि वो लोग बेवजह ईंधन की कीमतों में कमी की मांग कर रहे हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक ग्राफिक भी साझा किया, जिसमें बीजेपी शासित राज्यों द्वारा लगाए गए स्थानीय करों की तुलना विपक्षी शासित राज्यों से की गई, जिसके कैप्शन में लिखा था: "हर लीटर पेट्रोल के लिए, विपक्ष शासित राज्य बीजेपी शासित राज्यों से दोगुना कमा रहे थे।