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धमकी भरे पोस्टर के कारण दहशत में हैं गुरुग्राम की इस स्लम बस्ती के लोग 

धमकी भरे पोस्टर के कारण दहशत में हैं गुरुग्राम की इस स्लम बस्ती के लोग 

हरियाणा में गुरुग्राम के सेक्टर 69 ए में स्थित एक स्लम बस्ती में बीते रविवार को धमकी भरे पोस्टर लगाए जाने के बाद अब भी यहां रहने वाले दहशत में हैं। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। 

हरियाणा में गुरुग्राम के सेक्टर 69 ए में स्थित एक स्लम बस्ती में बीते रविवार को धमकी भरे पोस्टर लगाए जाने के बाद अब भी यहां रहने वाले दहशत में हैं। प्राप्त सूचना के मुताबिक यहां पर धमकी भरे पोस्टर लगाए जाने के मामले में पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। किसकी ओर से ये पोस्टर लगाए गए थे इसका भी पता अब तक नहीं चला है। पोस्टर लगा कर इस स्लम बस्ती या झुग्गी बस्ती के लोगों को यह जगह दो दिन में खाली करने को कहा गया था। नहीं खाली करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी पोस्टर में दी गई थी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस स्लम बस्ती में ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। इस बस्ती में रहने वाली अनेकों महिलाएं पास की ऊंची-ऊंची इमारतों में घरेलू सहायक का काम करती हैं वहीं पुरुष मेहनत-मजदूरी करते हैं। ऐसे में उनके परिवारों में दिन में घर पर सिर्फ बच्चे रह जाते हैं। जिनकी सुरक्षा को लेकर बस्ती निवासी चिंतित हैं। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस की ओर से उनकी सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ा दी गई है। पुलिस का मानना है कि यह शरारती तत्वों का काम है जिनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है। 

सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश हैं यह पोस्टर 

इलाके के लोगों का मानना है कि इस तरह के पोस्टर लगाने का मकसद इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना भी हो सकता है। इस स्लम बस्ती में ज्यादातर घर मुसलमानों के हैं। इस पोस्टर के जरिये झुग्गी बस्ती के लोगों को धमकी दी गई है। इस पोस्टर में अंतिम लाइन में  वीएचपी लिखा हुआ है। ऐसे में विश्व हिंदू परिषद के लोगों का मानना है कि ये पोस्टर उन्हें बदनाम करने के लिए किसी शरारती तत्व ने लगाया है। विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि यह पोस्टर उनके किसी कार्यकर्ता ने नहीं लगाया है। विश्व हिंदू परिषद को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा है कि गुरुग्राम में भाईचारे का माहौल बिगाड़ने का प्रयास हो रहा है। 

क्या लिखा था धमकी भरे इस पोस्टर में 

इस पोस्टर में लिखा था कि, सारे झुग्गी वालों को सूचित किया जाता है कि 28 अगस्त 2023 तक खाली कर के चले जाओ। वरना तुम्हारा अंजाम बहुत बुरा होगा। अगर नहीं गए तो अपनी मौत के जिम्मेदार खुद होंगे। उसके बाद तुम्हारे झुग्गी को आग के हवाले कर दूंगा। इस पोस्टर में धमकी देने वाले लोगों को दो दिन में जगह खाली करने को कहा था। लिखा था कि तुम सबको दो दिन का समय है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोग पश्चिम बंगाल या दूसरे राज्यों रहने वाले हैं। इनमें से ज्यादातर लोगोंं को हिंदी पढ़नी भी नहीं आती है। इस पोस्टर की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस पहुंची और मामले की जांच पड़ताल शुरु कर दी है। पुलिस ने लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है,कहा है कि किसी से डरने की जरुरत नहीं है। 

नूंह में हुई हिंसा के कारण बस्ती के लोगों में है डर 

इस बस्ती में ज्यादातर घर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के हैं। पिछले दिनों हरियाणा के नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद इस बस्ती में धमकी भरे पोस्टर पाए जाने के बाद यहां के लोग किसी भी तरह की हिंसा की आशंका को लेकर डरे हुए हैं। उन्हें डर इस बात का है कि कहीं वे किसी तरह की सांप्रदायिक नफरत का शिकार न हो जाए। उनका डर इसलिए भी अधिक है क्योंकि नूंह हिंसा के बाद गुरुग्राम के कुछ हिस्सों में भी तनाव बढ़ गया था। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय पुलिस ने इस पोस्टर को हटा दिया है और मामला दर्ज कर लिया है। सहायक पुलिस आयुक्त मनोज कुमार ने बताया है कि हमने पोस्टर हटा दिए हैं और मामले की जांच शुरू कर दी है।  उन्होंने यह भी कहा है कि ये झुग्गियां "अवैध" हैं। 

हम अपने बच्चों के लिए ज्यादा डरते हैं

एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह झुग्गी बस्ती एक अवैध निर्माण हो सकती है, लेकिन जो लोग इसे अपना घर कहते हैं, वे वहां वर्षों से रह रहे हैं। यहां रहने वालों में से कई - विशेषकर महिलाएं - पास के ही ऊंचे - ऊंचे अपार्टमेंट परिसरों में घरेलू मददगार के रूप में काम करती हैं। वे सभी इस पोस्टर के सामने आने के बाद से भयभीत हैं। इस रिपोर्ट में यहां रहने वाली दो महिलाओं का जिक्र किया गया है। इसमें एक महिला ने बताया है कि हम अपने बच्चों के लिए ज्यादा डरते हैं। जब मैं और मेरे पति काम पर जाते हैं,  तो बच्चे यहां अकेले होते हैं। उस महिला ने कहा कि दंगों के बाद हम गांव गए थे, लेकिन अब ये पोस्टर सामने आ गए हैं। जबकि दूसरी महिला ने कहा है कि हम डरे हुए हैं, कई सालों से यहां रह रहे हैं। रिपाोर्ट कहती है कि दोनों महिलाएं इतनी भयभीत थीं कि उन्होंने अपना नाम गुप्त रखने का अनुरोध किया था। 

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