कर्नाटक: मंदिर में आयोजित मेले में उमड़े लोग, न मास्क पहना, न सोशल डिस्टेंसिंग रखी
लॉकडाउन की तमाम सख़्तियों के बीच कर्नाटक के रामनगर जिले के कोलागोंडानाहल्ली गांव के एक मंदिर में आयोजित मेले में सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। यह घटना गुरुवार को हुई। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, लोगों को मेले के आयोजन के लिए पंचायत विकास अधिकारी एन.सी.कलमट्ट ने अनुमति दी थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद रामनगर के उपायुक्त ने कलमट्ट को निलंबित कर दिया है।
घटना के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने सिर पर थाल रखा हुआ है। इनमें महिलाएं व पुरुष दोनों शामिल हैं। न तो किसी ने मास्क पहना है और सोशल डिस्टेंसिंग का तो दूर-दूर तक कोई मतलब ही नहीं है। सारे लोग एक-दूसरे से सटकर खड़े हैं। बताया गया है कि मेले में 1 हज़ार से ज़्यादा लोग मौजूद थे।
Hundreds of people with no regard for masks or social distancing gather for a village temple fair at Ramanagara district on Thursday. @hd_kumaraswamy's fav constituency, @DKShivakumar's home turf & DCM @drashwathcn is district in-charge minister. @NewIndianXpress pic.twitter.com/tMTag1xz2L
— Anusha Ravi Sood (@anusharavi10) May 15, 2020
लॉकडाउन के चलते देश भर में धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों पर बैन है। लेकिन कई घटनाओं में लोगों ने खुलकर लॉकडाउन तोड़ा है।
जैन समाज के लोगों ने तोड़ा लॉकडाउन
इसी तरह कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के सागर जिले में जैन समाज के एक धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े थे। लॉकडाउन के बीच जैन मुनियों की यह यात्रा सागर जिले में पहुंच गई, वहां लोग इकट्ठा हो गए और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब इसे लेकर मीडिया में ख़बरें छपीं और हंगामा मचा तब जाकर दो दिन बार पुलिस ने कार्रवाई की।
सिद्धालिंगेश्वर मेले में उमड़े थे लोग
पिछले महीने कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में आयोजित सिद्धालिंगेश्वर मेले में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे। इस कार्यक्रम का जो वीडियो सामने आया था, उसमें सैकड़ों लोग कंधे से कंधा मिलाकर रथ को खींचते हुए दिख रहे थे। यह कार्यक्रम भी लॉकडाउन के दौरान हुआ था। इन लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ध्यान नहीं रखा था। यह मेला चिट्टापुर तालुका में आयोजित किया गया था।
क्यों दी गई अनुमति
देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 81 हज़ार से ज़्यादा हो चुका है और 2649 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सवाल यह है कि इस तरह के कार्यक्रम को करने की अनुमति किस आधार पर दे दी गयी। लेकिन उससे बड़ा सवाल है कि कार्यक्रम का आयोजन करने वालों ने अनुमति मांगी ही क्यों, क्या वे इस बात से अनजान थे कि कोरोना का संक्रमण किस तेज़ रफ़्तार से फैल रहा है।