'शांतिदूत बाइडेन' कल इजराइल और जॉर्डन जाएंगे, क्या हालात बदलेंगे?
On Wednesday, I'll travel to Israel to stand in solidarity in the face of Hamas's brutal terrorist attack.
— President Biden (@POTUS) October 17, 2023
I'll then travel to Jordan to address dire humanitarian needs, meet with leaders, and make clear that Hamas does not stand for Palestinians' right to self-determination.
इजराइल-हमास युद्ध में बुधवार 18 अक्टूबर महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का दिन है। एक तरफ ईरान के दबाव पर जेद्दा में 56 मुस्लिम देशों के संगठन ओआईसी की बैठक बुलाई गई है। दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बुधवार को ही इजराइल और जॉर्डन जा रहे हैं। इजराइल की उनकी यात्रा से ज्यादा महत्वपूर्ण यात्रा जॉर्डन की है, जहां वो अरब लीग के नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। कहा जा रहा है कि बाइडेन की यात्रा से शांति बहाली की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
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व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी का कहना है कि बाइडेन जॉर्डन में किंग अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगे। अभी अरब के किसी और देश के नेता का नाम सामने नहीं आया है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार तड़के इज़राइल में बाइडेन के दौरे की घोषणा की। ब्लिंकन ने कहा यूएस राष्ट्रपति इसके बाद अरब देशों के नेताओं से मुलाकात के लिए जॉर्डन जाएंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल एक ऐसी योजना विकसित करने पर सहमत हुए हैं जो मानवीय सहायता को ग़ज़ा में नागरिकों तक पहुंचाने में सक्षम बनाएगी।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि बाइडेन की बुधवार की यात्रा को पूरे मिडिल ईस्ट और दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया है। बाइडेन वहां क्या करने वाले हैं, इस पर ब्लिंकन कुछ नहीं बोले हैं। युद्ध छिड़ने के बाद ब्लिंकन फौरन इजराइल यात्रा के लिए निकल पड़े। इजराइल आने के बाद वो जोर्डन, कतर और रियाध भी गए। वहां से लौटकर फिर इजराइल आ गए।
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इजराइली मीडिया का कहना है कि बाइडेन इस शर्त पर इजराइल आने को राजी हुए, जब इजराइल ने यह वादा कर लिया कि ग़ज़ा में मानवीय राहत सामग्री भेजे जाने पर वो कोई अड़ंगेबाजी नहीं करेगा। ग़ज़ा में अभी तक इजराइल ने कोई राहत सामग्री नहीं जाने दी है।
ब्लिंकन की इसी भागदौड़ का नतीजा यह घटनाक्रम है। समझा जाता है कि अमेरिका अब इजराइल-हमास युद्ध रुकवाने का श्रेय लेने के लिए सारी पहल कर रहा है। हालांकि अब तक फिलिस्तीन इस सारे मामले में घाटे में रहा है। ग़ज़ा पूरी तरह तबाह हो चुका है।
इजराइल और हमास लड़ाकों के बीच युद्ध मंगलवार को 11वें दिन में प्रवेश कर गया। इजराइली फौजें ग़ज़ा सीमा पर जमीनी लड़ाई के लिए अभ्यास कर रही है। पिछले शनिवार से शुरू हुए युद्ध में अब तक 4,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इनमें करीब 1,400 इजरायली और 2,750 फिलिस्तीनी नागरिक शामिल हैं।
इजराइल ने ग़ज़ा पट्टी की पूरी तरह से नाकेबंदी कर दी है और उस पर भीषण हवाई हमले किए हैं। ग़ज़ा में पैदा हुए मानवीय संकट के बारे में विश्व स्तर पर चिंताएं बढ़ रही हैं और डर है कि युद्ध एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में बदल सकता है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों द्वारा ट्रकों में भरी सहायता ग़ज़ा के साथ मिस्र की सीमा पर मौजूद हैं लेकिन इजराइल की जिद की वजह से वो सहायता ग़ज़ा में नहीं जा पा रही है। इजराइल ने मानवीय सहायता के बदले अपने बंधकों की रिहाई की शर्त रखी थी, जिसे हमास ने ठुकरा दिया। फिलिस्तीन के लोग इस समय हमास के साथ हैं। हालांकि ग़ज़ा में दाना-पानी बंद है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मानवीय सहायता से भरे ट्रक ग़ज़ा के साथ मिस्र की सीमा पर फंसे हुए हैं। काहिरा ने कहा था कि राफा क्रॉसिंग, फिलिस्तीनी एन्क्लेव में बेहद जरूरी आपूर्ति के लिए एक संभावित महत्वपूर्ण मार्ग, आधिकारिक तौर पर बंद नहीं है, लेकिन ग़ज़ा की ओर इजराइली हवाई हमलों के कारण लगभग बंद है।
मंगलवार को ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका इजराइल की इस चिंता को साझा करता है कि हमास ग़ज़ा में प्रवेश करने वाली सहायता को जब्त कर सकता है या नष्ट कर सकता है या इसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचने से रोक सकता है। उन्होंने कहा, "अगर हमास किसी भी तरह से मानवीय सहायता को नागरिकों तक पहुंचने से रोकता है, जिसमें सहायता को जब्त करना भी शामिल है, तो हम इसकी निंदा करने वाले पहले व्यक्ति होंगे। और हम इसे दोबारा होने से रोकने के लिए काम करेंगे।"