रविशंकर, थरूर के खाते बंद क्यों किए, सफ़ाई दे ट्विटर: संसदीय समिति
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने ट्विटर से सफ़ाई मांगी है कि उसने रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खाते को अस्थाई तौर पर बंद क्यों किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर को दो दिन में इसपर स्पष्टीकरण देना है। यह मुद्दा 26 जून को तब उठा था जब केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ट्विटर ने उनके खाते को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इसके बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी कहा था कि उनके साथ भी ऐसा हुआ है।
थरूर ने तब यह भी ट्वीट कर कहा था कि 'सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में मैं कह सकता हूँ कि रविशंकर प्रसाद और मेरे खाते को लॉक करने और भारत में संचालन के दौरान उनके द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों व प्रक्रियाओं को लेकर हम ट्विटर इंडिया से स्पष्टीकरण मांगेंगे।'
As Chairman of the Parliamentary Standing Committee on Information Technology, I can state that we will be seeking an explanation from @TwitterIndia for the locking of @rsprasad's & my accounts & the rules & procedures they follow while operating in India.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) June 25, 2021
इसी बीच अब ट्विटर से जवाब-तलब किए जाने की ख़बर आई है। 'इंडिया टुडे' ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि शशि थरूर के नेतृत्व वाली संसदीय समिति ने लोकसभा सचिवालय को कहा है कि इस मामले में ट्विटर से दो दिन के अंदर लिखित में जवाब मांगा जाए। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मंगलवार को फ़ेसबुक और गूगल के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में भी ट्विटर वाला यह मसला उठा था और फ़ेसबुक से पूछा था कि क्या वह भी ट्विटर की तरह क़दम उठा सकता है। इस पर फ़ेसबुक ने कथित तौर पर कहा कि उसकी ऐसी कोई नीति नहीं है।
बता दें कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि शुक्रवार को दिन में 1 घंटे तक उनका ट्विटर खाता बंद रहा। यह मामला तब आया था जब केंद्र सरकार के नए डिजिटल नियमों को मानने में आनाकानी करने के कारण सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्विटर की भारत सरकार से रार चल रही है। रविशंकर प्रसाद ने तब कहा था कि ऐसा लगता है कि ट्विटर की मनमानी और मनमानी कार्रवाईयों के ख़िलाफ़ दिए गए उनके बयानों को लेकर यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने पूछा था कि आख़िर ट्विटर क्यों भारत सरकार के द्वारा बनाए गए नए डिजिटल नियमों को मानने से इनकार कर रहा है।
प्रसाद ने कहा है कि बीते कई सालों में किसी भी टेलीविजन चैनल या किसी एंकर ने उनके इंटरव्यू की सोशल मीडिया पर शेयर की गई न्यूज़ क्लिप को लेकर कॉपीराइट के नियमों के उल्लंघन की कोई शिकायत नहीं की है।
रविशंकर प्रसाद द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविशंकर प्रसाद को संबोधित करते हुए अपने साथ हुए ऐसे ही एक वाकये को साझा किया था। उन्होंने इस मामले में एक के बाद एक कई ट्वीट किये थे। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'रविजी, मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। स्पष्ट रूप से डीएमसीए हाइपर एक्टिव (हद से ज़्यादा सक्रिय) हो रहा है। इस ट्वीट को ट्विटर द्वारा हटा दिया गया है क्योंकि इसके वीडियो में कॉपीराइट वाला बोनी एम का 'रासपुतिन' गाना शामिल था- https://twitter.com/ShashiTharoor/status/1380746375567003649 #DanceIsNotJihad
एक प्रक्रिया से गुजरने के बाद, यह खाता अनलॉक हुआ।'
उन्होंने कहा था कि इस मामले में शिकायतकर्ता फोनोग्राफिक उद्योग का अंतरराष्ट्रीय संघ (@IFPI_org) था जो "रासपुतिन" के लिए सोनी म्यूजिक के अधिकारों की रक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब है जब भारत में उनके पिछले सम्मेलन में वह मुख्य वक्ता थे! इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वह ट्विटर को इसके लिए दोषी नहीं ठहराएँगे कि इसके पीछे उसका कोई मक़सद है जैसा कि रविशंकर प्रसाद ने किया है। उन्होंने कहा कि डीएमसीए के नोटिस को लेकर ट्विटर के पास कोई चारा भी नहीं होगा।
हालाँकि, उन्होंने ट्विटर की इस पूरी प्रक्रिया पर यह कहते हुए सवाल भी उठाए कि इंग्लैंड की कंपनी से नोटिस आता है, अमेरिकी क़ानून के तहत ट्विटर की भूमिका सेवा देने की है, लेकिन भारत में ट्विटर इंडिया की गतिविधि हुई है। उन्होंने कहा कि रविशंकर प्रसाद ने शायद इस ओर इशारा किया है कि ट्विटर द्वारा विदेशी क़ानूनों के माने जाने के दौरान भारतीय नियमों का उल्लंघन किया गया है।