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राज्यसभा : सत्र के पहले ही दिन विपक्ष के 12 सदस्य निलंबित

राज्यसभा : सत्र के पहले ही दिन विपक्ष के 12 सदस्य निलंबित

आखिर क्यों शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में विपक्ष के 12 सदस्यों को निलंबत कर दिया गया। सत्तारूढ़ दल क्या संकेत देना चाहता है?

संसद का शीतकालीन सत्र कैसा होगा और इस दौरान सत्तारूढ़ दल व विपक्ष के बीच किस तरह का रिश्ता होगा, इसकी मिसाल सत्र के पहले ही दिन मिल गई। 

राज्यसभा में विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पहले ही दिन निलंबित कर दिया गया है। इन्हें पिछले यानी मानसून सत्र के दौरान सदन में किए गए व्यवहार के लिए निलंबित किया गया है।

इन सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया, जिसे स्पीकर ने ध्वनि मत से पारित घोषित कर दिया। 

निलंबित किए गए सदस्यों में कांग्रेस के छह, शिवसेना व टीएमसी के दो-दो और सीपीआई व सीपीआईएम के एक-एक सदस्य हैं। 

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन निलंबित राज्यसभा सदस्य हैं-

  • कांग्रेस की फूलो दीवी नेताम, छाया बोरा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नसीर हुसैन, अखिलेश प्रसाद।
  • तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन व शांता छेत्री।
  • शिवसेना के अनिल देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी।
  • सीपीआई के बिनय विश्वम और सीपीआईएम के एलमारम करीम। 

क्या है मामला?

याद दिला दें कि संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा में हंगामे के दौरान सभापति एम. वेंकैया नायडू ने धक्का-मुक्की करने और सदन की मर्यादा का कथित तौर पर उल्लंघन करने के आरोपों के बाद इस मामले की जाँच के लिए एक समिति गठित की थी।

इस समिति की सिफारिशों के आधार पर इन सांसदों के ख़िलाफ़ सोमवार कार्रवाई की गई।

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ जो 23 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान विपक्ष के ये 12 सदस्य निलंबित रहेंगे। 

संजय सिंह, प्रताप सिंह बाजवा वगैरह को निलंबित नहीं किया गया, क्योंकि उनका मामला 10 अगस्त का था।

लेकिन, जिन्हें निलंबित किया गया उनका मामला 11 अगस्त का है जो मानसून सत्र का अंतिम दिन था। उनके खिलाफ आज कार्रवाई की गई है।

दूसरी ओर, विपक्ष का कहना है कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के ख़िलाफ़ है। नियम 256 के अनुसार सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है।

निलंबित सदस्यों का कहना है कि मॉनसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है ऐसे में इस सत्र में सदस्यों का निलंबन गलत है। 

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