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संसद का विशेष सत्र आज से, क्या-क्या हो सकता है

संसद का विशेष सत्र आज से, क्या-क्या हो सकता है

संसद का विशेष सत्र सोमवार 18 सितंबर से शुरू हो रहा है। इस सत्र में कई सारे महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाने और उनमें से कुछ पास किए जाने की उम्मीद है। विपक्ष महिला बिल को लेकर दबाव बनाने के मूड में लग रहा है। 

संसद का पांच दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। इसमें आठ विधेयकों पर चर्चा और संभावित मंजूरी होनी है। इस सत्र के दौरान सरकार द्वारा अचानक ही विधायी प्रस्तावों को भी लाने की अटकलें हैं। क्योंकि केंद्र सरकार ने एजेंडा पूरी तौर पर साफ नहीं किया है। इसलिए न्यूज मार्केट में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि संसद के 75 साल के इतिहास पर केंद्रित चर्चा होगी। सदन की कार्यवाही नए भवन में स्थानांतरित कर दी जाएगी। रविवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन में तिरंगा फहराया था। 

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया है कि सत्र के दौरान चर्चा और अनुमोदन के लिए कुल आठ विधेयक तय हैं। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि सीनियर सिटिजन से संबंधित एक अतिरिक्त विधेयक और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आदेश से संबंधित तीन विधेयक एजेंडे में शामिल किए गए हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित बिल फिर से लाए जाने की उम्मीद है। इस बिल पर विवाद है। यह बिल पिछले मानसून सत्र में राज्यसभा में पेश किया गया था और इसे विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा था। सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त के पद की नियुक्ति में विपक्ष का हस्तक्षेप खत्म करना चाहती है। इस विधेयक का विवादास्पद पहलू मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों को सुप्रीम कोर्ट के जज के बजाय कैबिनेट सचिव की सेवा शर्तों के अनुरूप बनाना है। विपक्ष को इसी पर सख्त आपत्ति है।

हालांकि बाकी विधेयकों के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कुछ रिपोर्टों से पता चला है कि विचाराधीन विधेयकों में : डाकघर विधेयक, 2023; अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023; प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023; वरिष्ठ नागरिक कल्याण विधेयक, 2023; और संविधान (एससी/एसटी) आदेश, 2023 शामिल हैं।

महिला विधेयक को लेकर भी काफी चर्चा है। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने अपनी मंशा सरकार को बता दी है कि यह विधेयक लाया जाना चाहिए। यहां तक ​​कि भाजपा के भीतर भी लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे निर्वाचित निकायों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की गारंटी के लिए एक विधेयक की वकालत की जा रही है। जब इस अनुरोध पर सरकार की स्थिति के बारे में सवाल किया गया, तो केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जवाब दिया कि सरकार "उचित समय पर निर्णय" लेगी।

संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में जिन दो विषयों के शामिल होने की अफवाह हैं, वे हैं 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक और इंडिया का आधिकारिक नाम बदलकर 'भारत' करने का प्रस्ताव। लेकिन लोकसभा बुलेटिन के विवरण के अनुसार, इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की समृद्ध विरासत का जश्न मनाना और 2047 तक 'भारत' को एक विकसित राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ाने के लक्ष्य की पुष्टि करना है। यानी जिन दो विधेयकों को लेकर अफवाह थी, लोकसभा बुलेटिन में उनका जिक्र नहीं है।

जैसा कि लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन में कहा गया है, सभी सांसदों के लिए एक समूह फोटो सत्र मंगलवार को सुबह 9.30 बजे तय किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि इस ग्रुप फोटो के लिए पुरानी बिल्डिंग के अंदरूनी प्रांगण में तैयारी की गई है। सरकार की विधायी गतिविधियां 20 सितंबर से नए भवन में शुरू होने वाली हैं। 

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