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संसद सुरक्षा सेंधः गिरफ्तार महेश कुमावत ने भी देखा था क्रांति करने का ख्वाब

संसद सुरक्षा सेंधः गिरफ्तार महेश कुमावत ने भी देखा था क्रांति करने का ख्वाब

संसद सुरक्षा मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे पूरी कहानी दिलचस्प होती जा रही है। दिल्ली पुलिस ने पहले ललित झा को सारी साजिश का मास्टरमाइंड बताया था लेकिन अब पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि महेश कुमावत इस कहानी में मास्टरजी (ललित झा) के बाद दूसरा अहम किरदार है। आखिर कौन है महेश कुमावत और पुलिस क्यों इसे अब महत्वपूर्ण आरोपी बता रही है। जानिएः

दिल्ली पुलिस ने संसद सुरक्षा सेंध मामले में सागर शर्मा, मनोरंजन डी को और बाहर प्रदर्शन करने वाले नीलम आजाद और अमोल शिंदे को गिरफ्तार किया था। इसके बाद आरोपी ललित मोहन झा ने पुलिस के पास जाकर सरेंडर कर दिया था। लेकिन पुलिस ने शनिवार को महेश कुमावत को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करके बताया कि महेश कुमावत को राजस्थान के नागौर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने विक्की शर्मा नामक आरोपी को गुड़गांव से गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस अब विक्की शर्मा को लेकर चुप हो गई है और साजिश के आरोप में 6 लोगों को शामिल बता रही है। 

पुलिस अब ललित मोहन झा के बाद महेश कुमावत को दूसरा प्रमुख साजिशकर्ता मान रही है। गिरफ्तारी के बाद से महेश से पूछताछ जारी है, कई दिलचस्प जानकारियां सामने आ रही है। पुलिस ने सूत्रों ने बताया कि महेश भी संसद सुरक्षा उल्लंघन की योजना का हिस्सा थे, जहां उन्हें कनस्तरों के साथ दूसरे गेट पर खड़ा होना था, लेकिन वह 13 दिसंबर को नहीं आ सके। 13 दिसंबर को संसद में यह घटना हुई थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में पता चला कि कुमावत पिछले दो वर्षों से साजिश रचने में अन्य आरोपियों के संपर्क में थे। पुलिस ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि महेश ने सबूतों को नष्ट करने और बड़ी साजिश को छिपाने के लिए मोबाइल फोन को नष्ट करने में मास्टरमाइंड आरोपी ललित मोहन झा की मदद की। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि कुमावत से लंबी पूछताछ करनी है, बाकी आरोपियों के सामने सवाल-जवाब होने हैं, इसलिए कम से कम 15 दिन का रिमांड दिया जाए। पुलिस ने कोर्ट में कहा कि "हमले के पीछे के वास्तविक मकसद और दुश्मन देश और आतंकवादी संगठनों के साथ उनके संबंध का पता लगाने के लिए" कुमावत से पूछताछ जरूरी है।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि कुमावत को सबूत नष्ट करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वह आरोपी ललित झा द्वारा बनाए गए और अब डिलीट किए जा चुके भगत सिंह फैन क्लब पेज का भी सदस्य थे।

महेश कुमावत के इंस्टाग्राम अकाउंट से पता चलता है कि वो "भगत सिंह और छत्रपति शिवाजी से बेहद प्रेरित थे। उन्होंने अपनी प्रोफाइल पर 'इंकलाब जिंदाबाद', और 'अगर देश में क्रांति लानी है तो खुद क्रांतिकारी होना चाहिए' जैसे नारे लिखे थे।" इसी तरह या इससे मिलते-जुलते नारे ललित मोहन झा ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखे थे। कोलकाता में ट्यूशन पढ़ाने वाले ललित झा को मुहल्ले के लोग मास्टरजी कहते थे और स्वभाव का बेहतरीन इंसान बताते हैं।


ऐसा संदेह है कि कुचामन शहर के निवासी महेश कुमावत ने ही ललित झा को नागौर में रहने में मदद की। संसद में बुधवार की घटना के बाद ललित झा नागौर चले गए थे। 

कुमावत गुरुवार रात ललित झा के साथ खुद ही पुलिस स्टेशन आए थे और दोनों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को सौंप दिया गया था। पुलिस ने कहा कि तब से उनसे पूछताछ की जा रही थी। हालांकि पुलिस ने कोर्ट को यही बताया गया है कि महेश कुमावत को गिरफ्तार किया गया है।

बता दें कि सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसबा में शून्यकाल के दौरान विजिटर गैलरी से लोकसभा सदन में कूद गए थे। दोनों ने कनस्तरों से पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए, इससे पहले कि सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय, अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद परिसर के बाहर "तानाशाही नहीं चलेगी" नारे लगाते हुए कनस्तरों से रंगीन धुआं छोड़ा। दोनों को फौरन पकड़ लिया गया। इनके बाद गुड़गांव से विक्की शर्मा को उनकी पत्नी के साथ हिरासत में लिया गया था। पुलिस अब विक्की शर्मा का जिक्र नहीं कर रही है।

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