मॉनसून सत्र: हंगामे के बाद दोनों सदन कल तक के लिए स्थगित
लोकसभा और राज्यसभा में मंगलवार को फिर से हंगामा हुआ। मूल्य वृद्धि और महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में नारेबाजी की जिस वजह से सदन को पहले 2 बजे तक और फिर बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। जबकि राज्यसभा में जीएसटी दर वृद्धि, अग्निपथ योजना और अन्य मुद्दों पर हंगामा हुआ और सदन को पहले 2 बजे तक और फिर कल तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर श्रीलंका में बने आर्थिक और राजनीतिक संकट के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक की जबकि कांग्रेस व विपक्ष के सांसदों ने महंगाई के खिलाफ संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा है कि उनकी पार्टी बैंक सेल बिल का विरोध करेगी। रमेश ने कहा कि 53 साल पहले बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था और यह एक बड़ा बदलाव था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार निजीकरण की होड़ में है।
Today, 53 years ago, banks were nationalised. It was a transformational change. Now, Modi Sarkar is on a privatisation spree. Public sector banks must be equipped to face competition, but selling them off to a chosen few will be disastrous! Congress will oppose the Bank Sale Bill
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 19, 2022
सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ था और फिर इन्हें दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया था। राज्यसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई और जीएसटी दरों में वृद्धि को लेकर हंगामा किया था तो लोकसभा में मूल्य वृद्धि और अग्निपथ योजना को लेकर सांसदों ने आवाज़ उठाई थी।
संसद का यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान केंद्र सरकार 32 विधेयकों को संसद में रखेगी। इन विधेयकों में छावनी विधेयक, बहु-राज्य सहकारी समिति विधेयक, उद्यमों का विकास और सेवा केंद्र विधेयक आदि शामिल हैं।
प्लेकार्ड, पैंफलेट पर रोक
बता दें कि राज्यसभा के महासचिव की ओर से एक लिखित आदेश में कहा गया था कि सांसद किसी भी तरह के प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या फिर कोई धार्मिक कार्यक्रम करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का इस्तेमाल ना करें। इसका विपक्ष ने विरोध किया था। संसद भवन में प्लेकार्ड, पैंफलेट आदि ले जाने पर रोक लगाई गई है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन में कुछ शब्दों को असंसदीय करार दिए जाने पर अच्छा-खासा हंगामा हुआ था। विपक्ष के कई नेताओं ने कहा था कि वे इन शब्दों का इस्तेमाल जरूर करेंगे।